Araria

Friday, October 29, 2010

राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर कार्यशाला आयोजित

अररिया। प्राकृतिक आपदा को रोका तो नहीं जा सकता है, लेकिन जानकारी रहने पर उससे होने वाली क्षति को कम जरूर किया जा सकता है। आपदा से पूर्व, आपदा के समय और आपदा के बाद की तैयारी अगर सही ढंग से की जाए तो जान माल के नुकसान को कम किया जा सकता है। यह बातें शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिला प्रोग्राम पदाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह ने कही। स्वयं सेवी संस्था विकास बिहार ने सेव द चिल्ड्रेन के सौजन्य से इस कार्यशाला का आयोजन अररिया के एक होटल में किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि जब भी कोई आपदा आती है तो एक चैलेंज लेकर सामने आती है। उस चैलेंज से निपटने के लिए सबको मिल जुलकर काम करने की जरूरत है। सेब द चिल्ड्रेन के फील्ड आफिसर प्रणव कुमार चन्द्रा ने कार्यशाला में बड़ी संख्या में मौजूद स्वयं सेवी संस्था के प्रतिनिधि व छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा किसी को पूर्व सूचना देकर नहीं आती है। आपदा के समय बुढ़े, बच्चे व महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती है। इन्हें बचाने के लिए सुरक्षा आवश्यक है। उन्होंने बताया कि 29 अक्टूबर 1999 ई. में उड़ीसा में आए भयानक चक्रवाती तूफान में व्यापक जान माल की क्षति हुई थी। इसलिए तभी से ही 29 अक्टूबर को पूरे देश में इसे आपदा न्यूनीकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
श्री चन्द्रा ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा दिवस से दो सप्ताह पूर्व दूसरे बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस मनाया जाता है। विकास बिहार के क्षेत्रीय समन्वयक निलेश कुमार ने कहा कि 18 अगस्त 2008 के कोसी के प्रलयंकारी बाढ़ से हुए व्यापक जानमाल के नुकसान के बाद से ही विकास बिहार अररिया के रानीगंज व भरगामा प्रखंड के बीस गांव में आपदा न्यूनीकरण जागरूकता अभियान चला रही है। साथ ही गांव में ही योजना बनाकर इस दिशा में काम करने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही समुदाय के लोगों के सहयोग भी लेनी होगी। आपदा न्यूनीकरण के लिए जरूरी है कि आपदा की पूरी जानकारी पूर्व सूचना दल एवं भूमिका, चेतावनी दल, खोज व बचाव दल, प्राथमिक सुरक्षा दल, राहत प्रबंधन दल बनाकर इस सुदृढ़ करना व उसे प्रशिक्षित करना जरूरी है।
इस मौके पर स्कूली बच्चों द्वारा आपदा आधारित नाटक भी पेश किया गया। साथ ही आपदा विषय पर आयोजित प्रतियोगिता में विजयी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया। जिसमें किरण कुमारी, सुकदेव चौधरी, संजू कुमारी, विधानन्द टुडू, अनमोल कुमार, राजू कुमार, संदीप कुमारी, पूजा कुमारी व रिंकी कुमारी शामिल है। इस मौके पर प्रोग्राम समन्वयक अनुभव कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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