Araria

Friday, December 24, 2010

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा

सिकटी (अररिया) : प्रखंड क्षेत्र से लगने वाली भारत नेपाल की अंतराष्ट्रीय सीमा पूरी तरह से अतिक्रमणकारियों की कब्जे में है। सिकटी बाजार में यह पता भी नही चलता है कि भारत-नेपाल सीमापर आखिर पीलर है कहां? सिकटी बाजार एक बड़ा हिस्सा सीमा के आर-पार बसा है।
वहीं एसएसबी के कैंप अधिकारी जीतराम वर्मा ने बताया कि भारत से नेपाल जाने के लिए 22 (बाईस) इंटरनेशनल रूट है। उस होकर जाने के लिए सरकार को टैक्स दिया जाता है। प्रखंड क्षेत्र में लगने वाली भारत-नेपाल सीमा अतिक्रमण कारियों सीमा की पहचान ही मिटा दी है। पूरा नोमेंन्स लैड अतिक्रमण की चपेट में है और बार्डर का पीलर काफी जर्जर है। नोमेन्स लेंड पर जगह-जगह कच्चे पक्के घर, दुकान व शौचालय बने हैं। सीमा पर धान तस्करों, सुपाड़ी तथा नशीली दवा के सौदागरों ने अपना-अपना गुदाम बना रखा है। जिनमें तस्करी के सारे माल को इकट्ठा किया जाता है। पुलिस से लाइन क्लीयर के बाद उसे भारतीय व नेपाल क्षेत्र में भेजा जाता है। कहीं-कहीं भारत नेपाल के सीमा खुला होने के कारण तस्कर अपने सामानों का तस्करी आसानी से कर लेते है। बार्डर पर दोनों तरफ बस्ती होने से पुलिस का भी डर तस्करों को नही रहता है। खासकर भारत नेपाल सीमा पर जाली नोटों का धंधा भी जोरों से चल रहा है। बहरहाल इस सीमा वर्ती गांवों की उपेक्षा के कारण तथा नोमैन्स लैंड पर दोनों तरफ से घर रहने के कारण आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में आसानी होती है।

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