Tuesday, December 21, 2010

शिक्षा विभाग का कमाल, जांच में दोषी शिक्षक आरोप मुक्त

अररिया (Araria District) : जिलाधिकारी एम. सरवणन की सख्ती से भले ही अन्य विभाग पर असर पड़ता हो लेकिन शिक्षा विभाग को शायद डीएम के आदेश से कुछ लेना देना नहीं है। चाहे वो डीएम के आदेश पर निलंबित किए गए सीआरसी कमल किशोर भौमिक को बिना डीएम से आदेश प्राप्त के निलंबन मुक्त करना या फिर प्रोन्नति के बाद चहेते शिक्षकों को मनमाफिक स्कूल में पदस्थापित करना हो। इन सब के बाद अब उत्क्रमित मध्य विद्यालय जय प्रकाशनगर में मतगणना के दिन हुए गाली-गलौज व छेड़छाड़ मामले की जांच में शिक्षा विभाग का खेल सामने आया है।
विद्यालय शिक्षा समिति के पूर्व सचिव के पति रात्रि प्रहरी रामदेव ऋषिदेव, स्थानीय ग्रामीण शंकर साह, विजेन्द्र राम, प्रदीप ऋषिदेव, उत्तम लाल ऋषिदेव सहित दर्जनों लोगों ने डीएम को आवेदन देकर स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापिका अनुराधा यादव के पति शिक्षक अमर यादव पर कई संगीन आरोप लगाए थे, जिसमें मुख्य रूप से रामदेव की पत्‍‌नी को गाड़ी पर बैठा कर ले जाने का प्रयास, टोला सेवकों से अवैध उगाही करने आदि आरोप शामिल हैं।
डीएम श्री सरवणन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने डीएसई से तुरंत रिपोर्ट मांगी थी। डीएसई अहसन ने जिला शिक्षा उपाधीक्षक जयकांत मिश्रा को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। डीएसई के आदेश के आलोक में एडीएसई ने एक नवम्बर को ही विद्यालय का निरीक्षण किया तथा जांच की। परन्तु जांच रिपोर्ट में कई बार तब्दीली कर उक्त शिक्षक को सारे आरोपों से मुक्त कर रिपोर्ट 15 नवंबर को समर्पित की गयी। इससे डीएम के आदेश का असर क्या है सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। एडीएसई श्री मिश्र ने रिपोर्ट में दर्शाया है कि शिकायतकर्ता एवं शिक्षक दोनों ने ही मिलकर मामले को सुलह कर लिया। इसके अलावा अमर यादव द्वारा टोला सेवक से कोई राशि नहीं ली गयी। अमर यादव को कस्तूरबा विद्यालय भवन निर्माण के लिए एडीएसई ने उनकी प्रशंसा करते हुए दर्शाया है कि मान्य हो तो उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त की जाए। इस विषय पर डीएसई अहसन भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं और कहा है कि अभी भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। पूरा होने पर उन्हें हटा दिया जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम में शिक्षा विभाग की लापरवाही एवं एक शिक्षक को बचाने के लिए किए गए प्रयास किया गया है।

0 comments:

Post a Comment