Araria

Thursday, January 27, 2011

महानंदा पर बनेगा बैराज: ऊर्जा मंत्री


अररिया : महानंदा नदी पर बैराज बना कर विद्युत उत्पादन व बाढ़ नियंत्रण की महत्वाकांक्षी योजना को अंजाम दिया जायेगा। वहीं, अररिया जिले के बथनाहा सहित प्रदेश के चार पनबिजली उत्पादन केंद्रों का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ हो जायेगा। यह जानकारी प्रदेश के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने यहां सोमवार को दी।
श्री यादव ने बताया कि परमान महानंदा बेसिन में बाढ़ नियंत्रण व जल प्रबंधन के लिये किशनगंज जिले से बहने वाली महानंदा नदी पर बैराज बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि अररिया जिले से बहने वाली परमान नदी भी महानंदा नदी सिस्टम का ही एक हिस्सा है। लिहाजा महानंदा बैराज का लाभ अररिया को भी मिलेगा।
उन्होंने बताया कि राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों ने नदी व पानी से जुड़ी बातों के बारे में कोई सर्वे ही नहीं करवाया। इतना ही नहीं बाढ़ व पानी प्रबंधन संबंधी डाटा बेस भी विकसित नहीं किये गये। ऊर्जा मंत्री श्री यादव ने कहा कि हाइड्रोलाजी सर्वे करवाना केंद्र सरकार का दायित्व होता है, लेकिन केंद्र बिहार में यह सर्वे नहीं करवा रही है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि एनडीए की सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में कोसी इलाके में लगभग डेढ़ दर्जन स्थानों को चिंहित किया था। इनमें से अररिया जिले के बथनाहा में 8 मेगावाट, निर्मली में सात मेगावाट व अरारघाट में 12 मेगावाट के तीन मध्यम व डगमारा में एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया। चुनाव आचार संहिता के कारण इन परियोजना पर काम आगे नहीं बढ़ पाया। अब इन पर तेजी के साथ अमल करवाया जा रहा है। सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गयी हैं, जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि चीन के ह्वांगहो नदी पर रिसर्च के लिये एक दर्जन इंस्टीच्यूट हैं, लेकिन उससे कठिन मानी जाने वाली कोसी के बारे में आज तक कोई रिसर्च संस्थान नहीं स्थापित किया गया। सूबे में अभी भी चालीस पचास के दशक की जानकारियों के आधार पर काम किया जा रहा है। बगैर टेक्नीकल इनपुट के कोई कैसे काम कर सकता है।

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