Araria

Saturday, January 1, 2011

अररिया में परिवहन व्यवस्था बदहाल

अररिया : अररिया जिला सामरिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। नेपाल राष्ट्र की सीमा से सटे होने के कारण अररिया अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखता है। जिला का दर्जा मिले 20 वर्ष बीत गये लेकिन परिवहन व्यवस्था में कोई खास सुधार नहीं हो पाया है। आज भी एवीएम सिकटी सड़क की स्थिति काफी जर्जर है, जबकि यह सड़क सीधे नेपाल तक जाती है। जीरोमाईल से पश्चिम बंगाल तक जाने वाली सड़क वर्षो पुरानी है। सड़क परिवहन की नई योजनाओं में चांदनी चौक से रानीगंज होते हुए सहरसा-सुपौल तक 200 करोड़ से अधिक की लागत से सड़क बन रही है। पीएमजीएसवाय योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सड़के बन रही हैं लेकिन गुणवत्ता को ताक पर रखकर। इसके अलावे कोई बड़ी सड़क परियोजना चालू होने की संभावना नहीं दिख रही है।
रेलवे सुविधा के नाम पर जिले के लोगों को अब तक ठेंगा ही दिखाया गया है। तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में अ‌र्द्धनिर्मित जोगबनी-कटिहार बड़ी रेल लाईन का उद्घाटन कर दिया गया और आज तक कार्य जारी है। जिले के लोगों को दिल्ली, पटना, बम्बई, कानपुर, लुधियाना जाने के लिए कटिहार में ही ट्रेन पकड़ती है। विडम्बना यह है कि दरभंगा, समस्तीपुर भी जाने के लिए अररिया से कोई ट्रेन नहीं है। हां भेड़-बकरी की तरह सवारी करने के लिए जोगबनी से दिल्ली तक के लिए रोजाना सीमांचल एक्सप्रेस तथा कलकत्ता के लिए चित्रपुर एक्सप्रेस चल रही है। नई रेलवे लाईन की शुरूआत हुई तो जरूर पर मंत्री के बदलते ही नई परियोजना पर ग्रहण सा लग गया। रानीगंज से जदिया होते हुए सुपौल तक नई रेलवे लाईन को आधारशिला तो रखी गई पर आज तक राशि विभुक्त नहीं की गयी। इसके अलावे अररिया से कलियागंज गलगलिया तक नई रेल सेवा शुरू करने के लिए सर्वेक्षण कार्य दो-तीन पूर्व ही हुआ लेकिन कार्य आज तक नहीं शुरू हो पाया। हवाई क्षेत्र में अररिया काफी पिछड़ा हुआ है। यहां न तो हवाई अड्डा है और न हीं देश के किसी कोने या विदेश जाने के लिए हवाई सुविधा मयस्सर है। हवाई जहाज से लोगों को अगर यात्रा करनी है तो बागडोगरा चले जाएं या फिर पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के काठमांडू हवाई अड्डा जाकर हवाई यात्रा कर सकते हैं। फारबिसगंज में एक हवाई अड्डा वर्षो से मृत है, जहां लोगों ने निजी कब्जा जमा रखा है।
हलांकि डीडीसी उदय कुमार सिंह एवं जिला योजना पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया है कि जिले के प्रत्येक नौ प्रखंडो में स्थाई टैलीपैड निर्माण के लिए 16 करोड़ 20 लाख का बजट तैयार कराया गया है। जबकि जिले में एक हवाई अड्डा निर्माण के लिए भी 18 करोड़ रुपये का बजट तैयार कर जिला योजना समिति के माध्यम से राच्य व केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। कुल मिलाकर हवाई मार्ग से यात्रा करने के लिए भविष्य में यही योजनाएं हैं। जल मार्ग की व्यवस्था तो जिले में है लेकिन कहीं भी चल नहीं पा रही है। जल परिवहन के क्षेत्र में जिला सबसे निचले पायदान पर है। परमान, कनकई आदि ऐसी नदियां हैं जहां जल परिवहन की व्यवस्था शुरू की जा सकती है, लेकिन शायद इस ओर लोग दरकिनार कर नहीं सोच रहे हैं। फिलवक्त सड़क, वायु, जल, रेल मार्ग सभी में जिला अररिया काफी पिछड़ा हुआ माना जाता है।

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