Araria

Sunday, January 23, 2011

मनरेगा फर्जीवाड़ा: उठ रहे कई सवाल


जोकीहाट (अररिया),  प्रखंड के चौकता पंचायत में पिछले वर्ष जून महीने में हुई मनरेगा योजनाओं की सोशल आडिट से उठे कई सवाल फिर से जिंदा हो गये हैं। उप विकास आयुक्त के निलंबन के बाद जोकीहाट का सुदूरवर्ती चौकता पंचायत एक बार पुन: सुर्खियों में आ गया है।
जन जागरण शक्ति संगठन की ओर से की गयी आडिट के तहत चौकता पंचायत के मनरेगा योजनाओं की जांच के दौरान कई बड़ी हस्तियों के फर्जीवाड़े में शामिल होने का मामला प्रकाश में आया था। इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग के सचिव एस मैथ्यू ने जिलाधिकारी एम सरवणन को पत्र लिख कर सभी संबद्ध दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाने व पुलिस अधीक्षक को भी कार्रवाई करने को कहा गया था। इसके बाद विगत 24 नवंबर को महलगांव थाना कांड संख्या 249/10 दर्ज किया गया। इसके मुताबिक चौकता में काम के नाम पर बागनगर पोस्ट आफिस से 3.5 लाख की फर्जी निकासी को ले बागनगर के पोस्टमास्टर विवेकानंद यादव, चौकता की वार्ड सदस्य मीरा देवी, बागनगर के पंरोसे प्रेमचंद कुमार, अररिया प्रखंड के चातर के पंरोसे बमबम साह, वार्ड सदस्य पति दिलीप शर्मा, मो. राशिद आदि को कांड में नामजद अभियुक्त बनाया गया है। अररिया के डीडीसी उदय कुमार सिंह के निलंबन को भी इसी कड़ी के तहत माना जा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि चौकता में अनियमितताओं की जांच के लिए जिस अधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया था, उन्होंने क्या किया? अगर विभागीय निर्देश के बाद भी मामले की लीपापोती की गयी तो उक्त जांच अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की गयी? योजनाओं का प्राक्कलन बनाने वाले व उन्हें स्वीकृत करने वाले अभियंताओं को क्यों बख्श दिया गया?

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