Araria

Monday, March 14, 2011

मानव शरीर धारण करने वाले को अध्यात्म से जुड़ना चाहिए: बाबा


जोगबनी(अररिया) : राजा विराट की ऐतिहासिक नगरी विराटनगर(नेपाल) के रानी पोखर परिसर में आयोजित तीन दिवसीय संतमत सत्संग के दूसरे दिन काफी संख्या में श्रद्धालु प्रवचन सुनने पहुंचे। इस मौके पर संत चतुरानंद बाबा ने लोगों से आध्यात्मिक व सच्चाई के मार्ग पर चलने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में नेपाल में जारी अशांति के माहौल से उबरने के लिए अध्यात्म सबसे सुगम मार्ग है। उन्होंने कहा कि जब मन बेचैन हो तो ईश्वर का ध्यान करो सब चिंता अपने आप समाप्त हो जायेगी। ईश्वर एक है और हम सब उनके पुजारी हैं। उन्होंने कहा कि शरीर तो नाशवान है पर आत्मा अमर है, इसलिए मानव शरीर धारण करने वाले को आध्यात्म से जुड़ना चाहिए। इस मौके पर वेदानंद स्वामी ने लोगों को पाप, ईष्र्या और द्वेष से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इससे जितना दूर रहोगे उतनी सद्धबुद्धि होगी। क्योंकि अपने लिए सभी जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं वही सद्पुरूष कहलाते हैं। इस मौके पर वीरेन्द्र धाड़ेवा, रंजीत झा, शिवडगास, जयरामा लिम्बु एवं महेन्द्र धाड़ेवा आदि काफी सक्रिय दिखे।

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