Araria

Saturday, April 30, 2011

धान अधिप्राप्ति में बिस्कोमान अव्वल


अररिया  : राज्य सरकार भले ही प्रदेश के किसानों की बेहतरी के लिए तमाम घोषणाएं करे, उसके अनुसंगिक अधिकारी कम से कम ऐसा नहीं चाहते। भारी भरकम नेटवर्क वाला एफसीआई व एसएफसी किसानों से धान व चावल अधिप्राप्ति के मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारतीय खाद्य निगम को जिला प्रशासन द्वारा चार हजार टन धान खरीदने का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन तमाम नेट वर्क के बावजूद एफसीआई किसानों से 507.71 मीट्रिक टन धान ही खरीद पाया। चावल अधिप्राप्ति के मामले में एफसीआई की उपलब्धि शून्य रही। वहीं, एसएफसी की हालत तो और भी खस्ता रही। एसएफसी को दो हजार टन का लक्ष्य मिला था, लेकिन उनकी उपलब्धि रही मात्र 10 टन। उधर, जिले में कार्यरत पैक्स भी धान अधिप्राप्ति के मामले में जीरो साबित हुए हैं।
लेकिन राज्य सरकार की एक और संस्था बिस्कोमान, जिसे 'कमजोर' माना जाता रहा है, अपनी खराब हालत व स्थान की दिक्कत के बावजूद चार हजार टन के लक्ष्य के विरुद्ध 16519 टन धान की खरीद में सफल हो गयी। इतना ही नहीं, बिस्कोमान ने 1080.71 टन चावल की अधिप्राप्ति भी की है।
गेहूं किसानों को नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य
अररिया, जाप्र: गेहूं का सीजन पीक पर है, लेकिन फसल की कम कीमत से किसान हलकान हैं। सरकार द्वारा 1165 रुपये समर्थन मूल्य की घोषणा के बावजूद जिले के किसान नौ सौ से साढ़े नौ सौ रुपये प्रति क्विंटल के भाव से अपना गेहूं खुले बाजार में बेचने को विवश हैं। सरकारी खरीद अब तक शुरू नहीं होने से उन्हें सरकारी समर्थन मूल्य का भी लाभ नहीं मिल रहा।
इस संबंध में जिला आपूर्ति कार्यालय सूत्रों ने बताया कि विगत 24 अप्रैल को अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में बैठक की गयी है तथा गेहूं अधिप्राप्ति शीघ्र प्रारंभ की जायेगी।

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