Araria

Wednesday, May 18, 2011

नशे के गर्त में समा रहे सीमांचल के नौनिहाल


फारबिसगंज (अररिया) : सीमांचल में बच्चों के बीच नशे की लत बढ़ती जा रही है। कच्ची उम्र में नशा युक्त पदार्थो का सेवन करने से उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है। एक आंकड़े के अनुसार पिछले कुछ वर्षो में 10 से 15 वर्ष के बच्चों में नशे की लत काफी बढ़ गई है। बाजारों में उपलब्ध गुटखा, पान मसाला, सिगरेट, तम्बांकू, शराब, गांजा के अलावा विक्स (दर्द निवारक औषधी), मूव, चिपकाने वाला गोंद, सुलेशन, कफ सीरप जैसे उत्पादों का इस्तेमाल बच्चे नशा के रूप में करने लगे हैं। बताया जाता है कि नशा करने वाले बच्चों में ज्यादातर बाल मजदूर व बाहर प्रदेशों में काम करने वाले शामिल हैं। जानकार बताते हैं कि इस तरह का प्रचलन शहरी इलाकों में तेजी से फैल रहा है। जानकारों की मानें तो इससे जहां बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है वहीं आने वाले दिनों में कई बड़ी समाजिक समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

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