Araria

Saturday, June 4, 2011

सीवरेज: यहां बहती है उल्टी गंगा


अररिया शहर के ग्राउंड लेबल का सबसे ऊपरी हिस्सा नगर परिषद कार्यालय एवं काली मंदिर चौक क्षेत्र आता है। इससे महज दो सौ मीटर दूर उत्तरी एवं पूर्वी हिस्से में परमान नदी और दक्षिणी छोर पर कोसी नदी का छाड़न। शहरी क्षेत्र के जल निकासी का पर्याप्त साधन जैसा कि एक दशक पूर्व था। चांदनी चौक से उत्तर परमान नदी किनारे और इसी स्थान से कोसी धार तक मुख्य रूप से दो नाले हुआ करते थे। इन मुख्य दो नालों से ही शहर के तमाम पानी का निस्तारण हो जाया करता था, लेकिन शहर की आबादी एवं योजनाओं में व्यापक वृद्धि होने के साथ ही आज जल जमाव की समस्या आम है।
शहर को जल जमाव से मुक्ति दिलाने के लिए नगर परिषद एवं डूडा योजना के तहत दस करोड़ से अधिक की लागत से करीब चार दर्जन लिंक नालों का निर्माण कराया गया है। इन नालों को जोड़ने के लिए शहर में मास्टर नाला का घोर अभाव। डूडा योजना के तहत 22 लाख की लागत से एडीबी चौक से पचकौड़ी चौक होते हुए परमान नदी तक दो वर्ष पूर्व ही सीवरेज नाला का निर्माण कराया गया। इस सीवरेज से जल निकासी की बात तो दूर बाढ़ आने के साथ ही इस नाला से शहर में पानी घुस आता है। वार्ड संख्या 13 के अधिकांश परिवार कई दिनों तक प्रभावित होकर अपने अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते है। यही हाल शहर के दक्षिणी छोर पर बसे आजाद नगर की है। सड़क किनारे जल जमाव की निकासी इन लिंक नालों से होती भी है तो इसमें साफ सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है।
प्रावधान के मुताबिक हर बंद नालों में एक सौ मीटर की दूरी पर एक चेंबर का होना आवश्यक है। लेकिन यहां यह व्यवस्था किसी भी नालों पर नहीं है। जब कुड़े कचरा सड़कर पानी निकासी को रोकते है तो विभाग को एक मजदूर के बदले दर्जनों मजदूरों को लगाना पड़ता है। क्योंकि सफाई कर्मियों को सौ सौ मीटर तक नाले का ढक्कन उठाना पड़ता है। सफाई कर्मी नाले से कचरा उठाकर सड़क किनारे छोड़ देते हैं।

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