Araria

Wednesday, June 1, 2011

करोड़ों व्यय के बावजूद सड़कों की स्थिति जर्जर


अररिया : अररिया शहर के पश्चिमी हिस्से से शानदार फोरलेन सड़क गुजरती है, लेकिन इस चमचमाती काली कालीन के नीचे छिपी गर्द को देखना हो तो आप शहर आ जाइए। अररिया ही नहीं, जिले के तीन में से किसी भी शहर में।
अररिया, फारबिसगंज व जोगबनी, तीनों ही शहरों में सड़कों का नेटवर्क जर्जर व घटिया। कीचड़ से भरा और गढ्डों से युक्त। यह स्थिति तब है जबकि वर्ष 2008 से 11 के बीच में डूडा के तहत शहर में सड़क व अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए 6.94 करोड़ रुपये विमुक्त किए जा चुके हैं।
यह शायद उपेक्षा की पराकाष्ठा है।
वर्ष 2008 में अररिया शहर के जीरो माइल से गोढ़ी चौक के बीच राजमार्ग निर्माण के लिए आठ करोड़ से अधिक की राशि से बनने वाली योजना का तत्कालीन विभागीय मंत्री द्वारा शिलान्यास किया गया, लेकिन तीन साल बीत गए, काम शुरू नहीं हुआ है। सड़क पर गंदगी व कीचड़ का अंबार लगा रहता है।
जिले की बहुचर्चित सड़क एबीएम सिकटी की बात अगर करें तो यह शायद एक अभिशप्त सड़क है। करोड़ों खर्च के बावजूद सड़क पर इन दिनों आवागमन बंद है। क्योंकि पथ में स्थित सात पुल टूटे हैं। उन्हें अब तक बनाया ही नहीं गया। विगत रविवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अररिया में हुई बैठक में भी इस सड़क का मुद्दा जोर से गूंजा। अररिया से कुर्साकाटा जाने वाली सड़क दर्जनों स्थानों पर दरक गई है। उनकी मरम्मत नहीं हो रही।
खत्म होने लगा ग्रामीण पथों ंका शुरुआती मजा
सन 2005 के बाद अररिया जिले के ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री ग्राम्य सड़क योजना के तहत बड़े पैमाने पर सड़कें बनी, लेकिन निर्माण की गुणवत्ता में कमी के कारण उनका बुरा हाल है। अधिकतर सड़कें तेजी से टूटने लगी हैं। उनकी मरम्मत नहीं की जा रही।
मुड़बल्ला खबासपुर पथ में दर्जनों जगहों पर रेन कट हो गए और मुख्य सड़क भी टूटने लगी है, लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जोकीहाट प्रखंड के गांवों में भी ऐसी ही स्थिति है। पहली बार सड़क बनी और उसके बाद उनके रखरखाव के लिए कोई झांकने तक नहीं जाता।
प्रग्रासयो पथों के निर्माण में एचएफएल का ध्यान नहीं
जिले में बन रही प्रग्रासयो सड़कों के निर्माण में उच्चतम बाढ़ स्तर का ध्यान नहीं रखा जाता। नतीजतन बारिश के मौसम में सड़कों पर से पानी बहने लगता है। ताराबाड़ी बेंगा पथ में फुलवाड़ी गांव से पहले सड़क की ऊंचाई उच्चतम बाढ़ स्तर के अनुरूप नहीं की गई, जिससे सड़क का एक बड़ा हिस्सा विगत दो तीन साल से क्षतिग्रस्त है। जोकीहाट प्रखंड में तारण से पहले हाइवे से उत्तर दिशा की ओर जाने वाली प्रग्रासयो सड़क पर बारिश के दिनों में पानी पास करता रहता है। ऐसी स्थिति कई अन्य स्थानों की है।

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