Araria

Sunday, June 19, 2011

नहीं हो सका जल जमाव की समस्या का स्थायी समाधान


फारबिसगंज (अररिया) : मानसून सिर पर है और बारिश की चिंता शहरवासियों को अभी से सताने लगी है। चिंता की वजह है बरसात के दिनों में शहर में होने वाली जल जमाव की समस्या। फारबिसगंज नगर परिषद तथा जोगबनी नगर पंचायत क्षेत्र में इस वर्ष भी जल जमाव की समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सका है। इस बार भी लोगों को इन दोनों शहरों में पानी में डूबे नालों व सड़कों से गुजरना पड़ेगा। इस बार भी शहरी क्षेत्र के निचले आवासीय इलाकों के घर-आंगन में बरसात और नाली का गंदा पानी बहेगा। हालांकि नगर निकायों का दावा है कि नालों की सफाई से जल निकासी आसानी से होगी। जिससे जल जमाव की समस्या से बहुत हद तक राहत मिलेगी। फारबिसगंज नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह डीसीएलआर मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि शहर के मेन ड्रेन (मुख्य नाला) सहित छोटे-बड़े नालों की सफाई कर ली गई है। हालांकि उन्होंने माना कि शहर में जल जमाव का फिलहाल कोई स्थायी समाधान नहीं है। लेकिन यह भी बताया कि शहर में जल निकासी के लिये एक बड़ा नाला बनाने हेतु निविदा निकल चुका है। अर्थात अगली बरसात में नये बनने वाले नाला से शहर वासियों को फायदा मिल जाय तो गनीमत होगी। बरसात से पूर्व नगर परिषद के नाला सफाई दावों की भी पोल खुल रही है। इन दावों के बीच फारबिसगंज शहर के वार्ड संख्या चार स्थित नाला का गंदा पानी घरों और आंगन में जमा हो गया है जिसकी शिकायत नप के अधिकारी तक से की जा चुकी है। स्टेशन चौक, पटेल चौक, रेलवे गुमटी मोड़, सदर रोड, रेफरल रोड सहित कई जगहों पर बरसात के समय एक से डेढ़ फीट तक पानी जमा हो जाता है। कई विद्यालयों तक में पानी प्रवेश कर जाता है नप के अधिकारी श्री सिन्हा कहते हैं कि स्थानीय लोगों के द्वारा नाला को जाम कर देने की शिकायतें लगातार आती रहती है। इसलिये लोगों को जागरूक होने की अपील की। हालांकि सफाई के बावजूद नाला से जल निकासी की समस्या बनी रहने पर उन्होंने कुछ नही कहा।
जोगबनी नगर पंचायत की भी यही स्थिति है। जोगबनी नप के कार्यपालक पदाधिकरी सह फारबिसगंज के सीओ शिव शंकर सिंह ने कहा कि इस दिशा में बैठक बुलाकर आवश्यक निर्णय लिया जायेगा। यहां तो अभी तक कोई निर्णय भी नही लिया गया है। यहां भगवान भरोसे जल निकासी की व्यवस्था है। फारबिसगंज के स्थानीय निवासी राजेश कुमार, मनोज कुमार, अशोक साह, दीपक कुमार गुप्ता ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नगर परिषद द्वारा टैक्स तो लिया जा रहा है लेकिन सुविधाएं नदारद है जबकि प्रत्येक वर्ष लाखों रुपया सफाई के नाम पर खर्च होती है।

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