Araria

Monday, August 8, 2011

गन्ना का उत्पादन दोगुना करने की कवायद


पटना : गन्ना मुख्य नकदी फसल होने के बावजूद इसके आच्छादन में वृद्धि की संभावना नहीं है। ऐसी स्थिति में गन्ना के औसत उत्पादन में वृद्धि के लिए 20 वषरें का दृष्टि पत्र तैयार किया जाएगा। बेगूसराय में प्रति हेक्टेयर औसत 100 टन व शेष बिहार में मात्र 50 टन गन्ना उत्पादन ने कृषि अधिकारियों को आश्चर्य में डाल दिया है।
कृषि विभाग के अनुसार तमिलनाडु में प्रति हे. औसत उत्पादन 110 टन है। इसकी उत्पादकता को बिहार में बढ़ाकर 100 टन तक ले जाने की संभावना है। एक अध्ययन में पाया गया है कि बिहार व तमिलनाडु में गन्ना के औसत उत्पादन में अंतर का मुख्य कारण पंक्ति से पंक्ति बुआई की दूरी कम होना है। यह दूरी तमिलनाडु में 120 सेमी. है। तमिलनाडु के किसान 30-40 सिंचाई देते हैं जबकि बिहार में खासकर ग्रीष्मकालीन माह में सिंचाई नहीं के बराबर होती है। सिंचाई अधिक होने का एक यह भी कारण है कि तमिलनाडु में सिंचाई के लिए बिजली नि:शुल्क है। तमिलनाडु में 1.5 गुना अधिक उर्वरक का उपयोग किया जाता है। विशेषज्ञों ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए गन्ना बुआई के लिए पंक्ति से पंक्ति दूरी कम से कम 120 सेमी. रखने की सलाह दी है। गन्ना के सम्पूर्ण आच्छादित क्षेत्र में गन्ना के साथ अन्य फसलों की अन्तरवर्ती खेती अपनाने व गन्ना किसानों को 'एक्सपोजर विजिट ' पर भेजने पर बल दिया गया है। बाहर में किसान जो देखेंगे उसका प्रयोग अपने खेतों में करेंगे।

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