Araria

Sunday, February 26, 2012

सीमांचल की उपेक्षा पर होगा आंदोलन: तस्लीम


Seemanchal

अररिया  : संसद मे पेश होने वाले रेल बजट में अगर सीमांचल की उपेक्षा की गयी तो इस पूरे क्षेत्र में उग्र जन आंदोलन किया जायेगा। यह बात शनिवार को अररिया में पूर्व केंद्रीय मंत्री मो. तस्लीमुद्दीन ने कही।
उन्होंने कहा कि पिछले रेल बजट में सीमांचल वासियों के साथ धोखा किया गया। इलाके के लोग अपने आप को उपेक्षित एवं ठगे हुए महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि इलाके में कई रेल परियोजनाएं पहले से स्वीकृत है और उनका सर्वे कार्य भी पुरा हो चुका है कई जगह पुल भी बनाये जा चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अररिया से सुपौल, अररिया कोर्ट से गलगलिया, जलालगढ़ से किशनगंज एवं कुर्सेला से मुरलीगंज तक की परियोजनाओं को वर्ष 2012-13 में राशि उपलब्ध कराकर कार्य पूरा किया जाये। पूर्व मंत्री ने जोगबनी से पटना के लिए इंटरसिटी व आम्रपाली को जोगबनी से चलाने के अलावा सीमांचल एक्सप्रेस के सभी पुराने डब्बों को बदलने एवं उसमें पेंट्री कार लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सीमांचल में एसी कोच भी बढ़ाया जाये। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि क्षेत्र के सांसद एवं विधायक द्वारा रेलवे के विकास में दिलचस्पी नहीं लिया जाना हास्यास्पद है। अररिया कोर्ट स्टेशन की बदहाली पर भी उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मीरा टाकिज से कृषि विभाग तक फ्लाई ओवर ब्रिज जो प्रस्तावित था लेकिन उसे नहीं बनाया गया। इसे शीघ्र बनाया जाना चाहिये।
तस्लीमुद्दीन ने महानंदा बेसिन परियोजना की चर्चा करते हुए कहा कि राशि के बावजूद काम का शुरू नहीं किया जाना क्षेत्र की जनता के साथ धोखा है। मौके पर पोलो झा व प्रो. रकीब अहमद आदि मौजूद थे।

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