भरगामा (अररिया) : सत्ता परिवर्तन हुआ, विकास की गंगा भी बही लेकिन प्रखंड के खजुरी पुल से गांधीनगर जाने वाली सड़क की सूरत नहीं बदल पायी है। उक्त सड़क को लेकर प्रखंड प्रशासन समेत जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री के अलावा सांसद, एमएलए को भी लोगों ने कई बार आवेदन प्रेषित किया मगर इस चार किलो मीटर कच्ची सड़क की सूधी किसी ने भी नहीं ली। उक्त सड़क पर कहीं बालू का ढेर तो कहीं घुटने भर गड्ढ़ा बना हुआ है। ग्रामीण भुवनेश्वर यादव, अरविंद यादव, रमेश भारती आदि का कहना है कि गांधीनगर के ऐतिहासिक धरती जहां दर्जनों स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपना सर्वस्व देश के प्रति न्यौछावर कर दिया। मगर उनकी कुर्बानी को भी आज यहां महत्व नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम से अलकृत गांधी नगर में ऐसा लगाता है जैसे विकास का पहिया गुजरा ही नहीं है।
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