फारबिसगंज (अररिया) : फारबिसगंज के भाग कोहलिया में दादी-पोते की एक साथ हत्या के कारणों की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। एसपी शिवदीप लाडे ने गिरफ्तार बदमाश रंजन से पूछताछ के बाद मामले का उद्भेदन कर लिया है। श्री लांडे ने बताया कि पीड़ित परिवार के घर पड़ोसी रंजन गुप्ता एवं एक पेशेवर चोर चोरी की नीयत से रात को प्रवेश किया था। लेकिन दादी-पोते ने उसमें से एक चोर पड़ोसी रंजन गुप्ता को पहचान लिया, जो दोनों की मौत का कारण बना। इधर पीड़ित परिवार के घर मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।
प्राप्त जानकारी अनुसार रंजन गुप्ता के साथ नरपतगंज के ख्वाबदह डूमरिया गांव निवासी पेशेवर अपराधी मु. अख्तर व्यवसायी ओम प्रकाश गुप्ता के घर चोरी करने घुसा था। मु. अख्तर ख्वाबदह डूमरिया वार्ड संख्या चार का वार्ड सदस्य भी है। साथ ही वह कई मामलों में पूर्व से आरोपी भी है। दोहरे हत्या कांड में गिरफ्तार किये गये मृतक के पड़ोसी रंजन गुप्ता ने अररिया एसपी शिवदीप लांडे के समक्ष पूरे घटनाक्रम का राज खोल दिया। एसपी श्री लांडे ने बताया कि दूसरे हत्यारे मो. अख्तर की खोजबीन की जा रही है। जबकि शुक्रवार को ख्वाबदह डूमरिया स्थित उसके घर पर पुलिस ने छापामारी भी की है। वह फरार है। एसपी ने बताया कि वार्ड सदस्य अख्तर एम पेशेवर मुजरिम है जिसे शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दोनों अपराधियों ने मिलकर चोरी की साजिश रची थी। दोनों जब व्यवसायी ओम प्रकाश के घर प्रवेश किया तो उस समय दादी पार्वती देवी (70) जग गई और पड़ोसी रंजन को पहचान ली। जिसके बाद दादी ने दोनों चोर का प्रतिरोध किया। इसी समय दूसरे कमरे में ओम प्रकाश का पुत्र छोटू (17) कम आवाज में टीवी देख रहा था। दादी की आवाज सुनकर वह भी चोरों के पास पहुंच गया। जिसके बाद छोटू तथा चोरों के बीच गुत्थम-गुत्थी भी हुई। इसी क्रम में मो. अख्तर तथा रंजन ने मिलकर दादी-पोते की चाकू घोंपकर मिर्मम हत्या कर दी। हत्या से पहले दादी-पोते के साथ हुई भिड़ंत के दौरान ही रंजन गुप्ता के हाथ में भी चाकू लगा था जिससे वह घायल हो गया। मु. अख्तर की लाल रंग की कमीज खून से लथपथ हो गई। दोनों ने मिलकर कमीज तथा चाकू को मिट्टी के नीचे तथा चुल्हा में छुपा दिया। रंजन के यहां ही दोनों ने शरीर पर लगे खून को चापाकल पर साफ किया। मो. अख्तर की योजना के अनुसार रंजन ने डकैत-डकैत चिल्लाना शुरू कर दिया। जिसके बाद दर्जनों ग्रामीण रंजन के यहां जमा हो गए। रंजन गुप्ता ने ग्रामीणों को बताया कि सात-साठ डकैत डाका डालने आये थे जिससे उसकी भिड़ंत हो गयी और वह घायल हो गया। जिसके बाद ग्रामीण रंजन को रेफरल अस्पताल ले जाकर इलाज कराया और वापस लौटकर घर में सो गया। जबकि अख्तर फरार हो गया। पुलिस ने दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझा लेने पर राहत की सांस ली है।
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