Araria

Tuesday, May 8, 2012

मैले आंचल पर चमकी पुलिस की सफेदी


 अररिया : मित्र पुलिस की अवधारणा साकार करते हुए अररिया पुलिस ने रविवार को यहां दो दिलों की दूरी को तो पाटा ही, दो माह के बचपन को भी माता-पिता की गोद खिलखिलाने के लिए दिला दी। जी हां, रेणु के मैला आंचल की भूमि पर कथा सम्राट प्रेमचंद के पंच परमेश्वर की अवधारणा को पुलिस ने कुछ इसी अंदाज में मूर्त रूप दिया।
दरअसल, ताराबाड़ी थाना क्षेत्र के बकराडांगी निवासी मो. इरशाद के अपनी पत्‍‌नी सुहाना परवीण से शादी के चार साल बाद मतभेद हो गए। मामला इतना बढ़ा कि दोनों न्यायालय पहुंच गए। सुहाना ने दहेज अधिनियम के तहत न्यायालय में केस दायर कर दिया। सुहाना अपने दो माह के नवजात पुत्र के भविष्य को लेकर पुलिस अधीक्षक शिवदीप लांडे से मिली।
एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएसपी एवं ताराबाड़ी थानाध्यक्ष को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। इस पर डीएसपी मो. कासिम ने दोनों परिवारों से संपर्क किया और मामले को लोक संवाद गोष्ठी के माध्यम से पंचों के समक्ष रखा। गोष्ठी में आधा दर्जन से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों व बुद्धिजीवियों के सामने दोनों के बीच सुलह हो गई। सुलह के बाद इरशाद पत्‍‌नी को लेकर खुशी-खुशी घर लौट गया, मानो विवादों में गुजरा वक्त एक बुरा सपना था।
लाठी-गोली के लिए जानी जाने वाली पुलिस ही इस उपलब्धि के पीछे उत्प्रेरक रही। आखिर उसने लोक संवाद के माध्यम से दो बिछड़े दिलों को जोड़ जो दिया। दरअसल, स्थानीय पुलिस द्वारा लाठी-गोली की परंपरा से हटकर वैमनस्य दूर करने के लिए अपनाया जा रहा लोक संवाद गोष्ठी अस्त्र बेहद कारगर साबित हो रहा है।

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