Monday, July 2, 2012

जयंती पर याद किए गए बंकिमचंद्र


फारबिसगंज(अररिया) : प्रख्यात साहित्यकार बंकिम चंद्र चटर्जी की जयंती रविवार को इंद्रधनुष साहित्य परिषद के तत्वावधान में स्थानीय द्विजदेनी परिसर में आयोजित की गयी। जिसकी अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष कर्नल अजीत दत्त ने की।
इस अवसर पर उपस्थित प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा बंकिम चंद्र के तैल चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उनकी रचना वंदे मातरम राष्ट्रीय गान सामूहिक रूप से गाया गया। कर्नल अजीत दत्त, उमाकांत दास, डा. एनएल दास, डा. एमएल शर्मा, डा. अनुज प्रभात, डा. सुधीर धरमपुरी, केदार नाथ कर्ण, रघुनंदन प्रसाद शर्मा आदि ने बताया कि जुलाई 1838 में बंकिम चंद्र चटर्जी का जन्म एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ और वे 19 वीं शताब्दी के सर्वाधिक विख्यात भारतीयों में से एक थे। बताया कि सन् 1882 से 87 के बीच उनके तीन विख्यात उपन्यास आनंद मठ, सीताराम और देवी चौधरानी उस समय प्रकाशित हुए उनका जीवन नानाविध समस्याओं से उलझा हुआ था।
वक्ताओं ने बताया कि सन् 1857 की क्रांति उन्होंने अपनी किशोरावस्था में ही देखी थी जो उन्हें स्वतंत्रता संग्रामी बनने को प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन विनोद कुमार तिवारी ने किया।
इस अवसर पर शिवनारायण चौधरी, सच्चिदानंद सिंह, बिहारी झा, विनोद दास, महेन्द्र नाथ झा, भुवनेश्वर दास, उमेश प्रसाद वर्मा, तारानंद मंडल, हर्ष नारायण दास, गोविंद दास, अरविंद ठाकुर आदि उपस्थित थे।

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