अररिया (Araria District) : राज्य सरकार द्वारा बड़े अरमान से शुरू की गयी छात्र वृक्षारोपण योजना इस जिले में परवान नहीं चढ़ पायी है। स्कूलों में पौधे नजर नहीं आते। हालांकि लाभुक छात्रों के नाम पर राशि भुगतान के मद में लाखों रूपये जरूर व्यय हो रहे हैं। अररिया के डीएफओ एन के मांझी का कहना है कि वन विभाग के स्तर से वांछित संख्या में पौधों की आपूर्ति केअलावा प्रोत्साहन राशि के रूप में पचास लाख रुपयों से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।
छात्रों के बीच पर्यावरण के प्रति चेतना के विकास व वृक्षारोपण के प्रति रुचि जागृत करने के लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कुछ समय पूर्व छात्र वृक्षारोपण योजना की शुरूआत की गयी थी। इसके तहत वन विभाग द्वारा स्कूली छात्र छात्राओं को पौधों की आपूर्ति की जानी थी, जिन पौधों को वे स्कूल में या अपने घरों पर लगाते। पौधों की उत्तरजीविता पर विभाग द्वारा छात्रों को प्रति पेड़ सौ रुपये प्रति वर्ष की दर से भुगतान किये जाने थे। उत्तरजीविता संबंधी रिपोर्ट देने का जिम्मा एनजीओ को दिया गया। आप जिले के अधिक तर स्कूलों में घूम आइए कहीं भी एक पौधा तक नजर नहीं आयेगा। जबकि सूत्रों पर यकीन करें तो प्रोत्साहन राशि के मद में पैसों का भुगतान हर साल हो रहा है।
इधर, गर्ल्स हाई स्कूल अररिया की एक छात्रा ने बताया कि उसे पौधा मिला था, लेकिन उसने उसे अपनी दोस्त को दे दिया। अब पौधे लगाने व उसे बचा कर रखने की एवज में पैसे मिलते हैं, यह बात उसे नहीं मालूम।
अधिकतर स्कूलों में छात्र छात्रा इस बात को तो स्वीकारते हैं कि उन्हें पौधे दिये गये थे, लेकिन पौधों की उत्तरजीविता पर मिलने वाले पैसे के बारे में किसी को नहीं पता।
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