Araria

Tuesday, April 24, 2012

आग में संपत्ति के साथ, सपने भी हुए राख


भरगामा (अररिया) : तिले-तिले समान सजेलिए बेटी ब्याह के खातिर, लेकिन ई आगिन कछू नै छौड़कै हो माय.. यह वेदना राख के ढेड़ पर छाती पीट रही बाबूनन्द सरदार की पत्‍ि‌न मुसकुन देवी का है। आगामी पच्चीस अप्रैल को बेटी की ब्याह के खातिर एक-एक समान को जुटाया लेकिन सोमवार को आग की भयावह लपटों ने देखते-हीं-देखते न सिर्फ पूरे बस्ती को राख में बदल दिया बल्कि झिलमिताते कई सपनों को भी जलाकर राख कर दिया। पैसे से मजदूर मुसकुन देवी बताती है कि बेटी काजल की शादी ग्रामीणों की देखा-देखी वह भी धूम-धाम से करेगी ऐसा कुछ सपना आंखों में था। लेकिन आग ने न तो सामानों को रहने दिया और न सपनों को हीं। वैसे आग में राख होने की यह भ्रगामा की कोई पहली घटना नही है। यहां प्रति वर्ष कई बस्ती आग के हवाले हो जाते है साथ हीं खाक में मिल जाते हैं सपने भी।
पिछले एक वर्ष में केवल आग में सैकड़ों घर राख हो गए जिसमें खुटहा बैजनाथ, धनेश्वरी, वीरनगर पूरब, थरूवापट्टी आदि पंचायत की घटना है जब मौके पर अग्नि शामक दस्ता पहुंच पाई। वैसे अलग बात है कि अग्नि शामक के पहुंचने से पहले गांव राख में तब्दील हो चुकी थी। दिलचस्प तो यह है कि प्रति वर्ष लाखों के नुकसान के बाद भी प्रशासन हरकत में आती नही दिख रही। मानों और भी नुकसान उठाने का इंतजार हो। इधर आगजनी की घटना के बाद प्रशासन ने राहत का वितरण कर एक तरह से अपना पल्ला झाड़ लिया लेकिन अग्निपीड़ित राख के ढेड़ पर बैठकर आंसू बहाने व छाती पीटने पर विवश है। वैसे अबतक में हो चुके क्षति का भरपाई करना संभव तो नही लेकिन प्रशासन अगर सजग व मुस्तैद हो तो मुसकुन देवी के साथ अन्य के सपने को भी राख होने से बचाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को सरदार टोला सिरसिया हनुमानगंज में आग ने कुल 46 घर समेत लाखों की संपत्ति को जलाकर राख कर दिया।

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