फारबिसगंज (अररिया) : फारबिसगंज के भाग कोहलिया गांव में गुरुवार की देर रात जब दादी तथा पोते की हत्या की जा रही थी तो दोनों की चीत्कार शादी समारोह में बज रहे डीजे की चीख में गुम हो कर रह गई। इधर गृह स्वामी ओम प्रकाश गुप्ता की मां 70 वर्षीय जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही थी, उधर पिता ओम प्रकाश सहित मां, बहन तथा अन्य सदस्य पास के ही मझुआ गांव में शादी समारोह में घटना से अनजान शिरकत कर रहे थे। परिवार के सभी सदस्य सुबह करीब चार बजे घर पहुंचे तो दोनों की लाश देख जैसे सदमा लग गया। गांव में तेज आवाज में डीजे नही बज रहा होता तो शायद दादी-पोते की चीत्कार ग्रामीणों की कानों तक अवश्य जाती। बावजूद इसके हत्यारा रंजन गुप्ता को पुलिस ने दबोच लिया है। ध्वनि प्रदूषण का साइड इफेक्ट यहां देखने को मिला। हत्या के कारणों का पुलिस अब तक खुलासा नही कर पायी है।
घटना के समय छोटू गुप्ता ने दादी को भी बचाने का प्रयास किया। लेकिन दादी-पोते दोनों को अपनी जान गंवानी पड़ी। सुनियोजित तरीके से दोनों की हत्या करने के बाद हत्यारे ने मामले को उलझाने का प्रयास किया। मृतक छोटू की खून से सनी लाल रंग की कमीज को मिट्टी के नीचे तथा चाकू को मिट्टी के चूल्हे में छिपाकर रख गया था जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया। हत्या के बाद भागने के क्रम में रंजन गुप्ता को हाथ में गंभीर चोट लगी थी। लेकिन उसकी पत्नी बेकी देवी को कुछ भी नही मालूम चला। हालांकि उसने पुलिस को बताया कि उसका पति देर रात कहीं से घर आया था। इधर हत्या के बाद पीड़ित परिवार के घर से किसी सामान की चोरी की भी सूचना नही है। पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है। नौजवान बेटे को खोने के गम में मां की हालत खराब है। पूरा गांव इस घटना से स्तब्ध है। सभी की जुबान पर एक ही सवाल है कि आखिर पड़ोसी ने क्यों ली दादी-पोते की जान। शनिवार को पुलिस हत्या के कारणों का खुलासा कर सकते हैं।
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