भरगामा (अररिया) : भरगामा के किसान परिवार की एक बेटी ने जेआरडी टाटा स्पोर्ट काम्पलेक्स फोर्थ एशियन गेम 2012 में कराटे चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर गांव से लेकर जिले का नाम भी रोशन कर दिया है। आठवीं कक्षा की छात्रा सुचिता की उम्र यूं तो महज 14 वर्ष की है लेकिन उसकी सफलता ने उसका कद समाज में काफी ऊंचा हो गया है।
शनिवार को अखिल भारतीय कराटे चैंपियन शिप में भाग लेने पटना रवानगी के समय सुचिता के पिता महथावा निवासी केशव शर्मा ने बताया कि सुचिता पांचवीं कक्षा से ही कराटे के प्रति समर्पित है। स्कूल से बाहर क्षेत्रीय स्तर पर भी कई प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन किया तथा वर्ष 2012 में ही जमशेदपुर में आयोजित जेआरडी टाटा स्पोर्ट काम्पलेक्स फोर्थ एशियन गेम में 07 प्वाइंट बटोरकर स्वर्ण पदक जीता। यह पहला अवसर था जब गांव की एक बेटी ने सपनों की दुनियां से बाहर एक उपलब्धि हासिल कर परचम लहराया हो। सुचिता के पिता केशव शर्मा ने बताया कि भाई बहन में सबसे छोटी सुचिता का कराटे से लगाव को लेकर समाज में उपहास का सामना भी करना पड़ा। उन्होंने इसकी परवाह किए बगैर बेटी को प्रोत्साहन दिया। वे बताते हैं कि आर्थिक समस्या बाधक है, अगर बेहतर प्रशिक्षण व उपयुक्त माहौल उपलब्ध कराया जाय तो न केवल सुचिता बल्कि सुचिता जैसी कई लड़कियां भी विविध क्षेत्र में सफलता के किस्से गढ़ सकती है। उन्होंने स्थानीय कोच मो. रजावुल ब्लेक बेल्ट 2 डाउन के प्रति भी आभार प्रकट किया। खुद सुचिता बताती है कि कराटे में शीर्ष तक पहुंचना एक सपना सा है। सुचिता के शिक्षक राजकीय मध्य विद्यालय महथावा के विद्यालय प्रधान शोभाकांत झा सुचिता के कारनामे से गदगद बताते हैं कि कौन कहता कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो..।
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