Araria

Saturday, May 12, 2012

चुनावी तरकस से निकला सेवाबल का तीर


अररिया: नगर निकाय चुनावों का महासंग्राम निर्णायक दौर में है। मतदाताओं को रिझाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। धनबल का जोर चरम पर है। वोट के लिए नोट का इस्तेमाल हो रहा है। जगह-जगह पैसे का जोर बोलने भी लगा है। लेकिन धनबल, जनबल, बाहुबल के बाद चुनावी दौड़ के महारथियों ने अपने तरकस से एक नया तीर निकाला है। यह है सेवा बल।
इस चुनावी अस्त्र के दर्शन खासकर सदर अस्पताल व निजी नर्सिग होम में खूब हो रहे हैं। किसी वार्ड का कोई वोटर अगर थोड़ा भी बीमार पड़ा तो अभ्यर्थी उसे तुरंत 'छेक' लेते हैं। उसे लेकर अपने खर्च पर इलाज करवाने की कवायद प्रारंभ हो जाती है। स्वास्थ्यकर्मियों की भी मदद ली जाती है। ..देखिए जैसे हम पेशेंट को लायें तुरंत उसका इलाज कीजिए। बेडशीट चकाचक रहना चाहिए। ..जी सर, कोई प्राब्लेम नहीं होगा। तुंरत सैलाइन करेंगे और जो भी जरूरी होगा सब करेंगे। ..ठीक है।
अगर अस्पताल में मरीज को रेफर करने की बात हुई तो पलक झपकते एंबुलेंस भी हाजिर। किसी मरीज को रेफर करने की बात हुई तो एक अभ्यर्थी उसे पूर्णिया ले जाने की बात करता है। तो दूसरा उसे सिलीगुड़ी ले जाने की तत्परता दिखाने लगता है।
..डाक्टर साहब, कहां ले जाना ठीक रहेगा? पूर्णिया या सिलीगुड़ी? फिर मिनटों में मरीज के साथ एंबुलेंस गंतव्य की ओर चल पड़ता है।
इन दिनों अस्पताल में मरीजों की सेवा को लेकर अभ्यर्थियों के बीच 'छेकाछेकी' के जंग जैसा नजारा रहता है। .. इसको तो हम लाये थे, आप काहे इसमें पड़ गये?
वहीं, जब कोई पत्रकार अस्पताल पहुंचता है तो अभ्यर्थी तपाक से कह बैठते हैं। .. भईया, कैमरा नहीं लाये हैं? देखिए हम किस तरह अपने वार्ड के लोगों की सेवा किया करते हैं। बहरहाल, मतदाता इन दिनों इस सेवा का खूब लाभ उठा रहे हैं। .. काश, ऐसा पांचो साल व हर रोज होता!
साइड स्टोरी
नप चुनाव: चुनावी पैरोडियों से गूंज रहा शहर
अररिया, जाप्र: फिल्मी पैरोडियां एक बार फिर गूंजने लगी हैं। नगर निकाय चुनाव का प्रचार तेज हो चुका है तथा हर जगह फिल्मी पैरोडी पर आधारित चुनावी अपील सुनाई पड़ रही है। कहीं देश भक्ति का जज्बा है तो कहीं अपनी सेवा की दुहाई। यानी वोट मांगने का सुरीला अंदाज।
फिल्मी पैरोडी आधारित अधिकतर प्रचार रिक्शे से ही हो रहा है। रिक्शा चालक को दिन भर की मजदूरी मिलती है और उम्मीदवार का प्रचार चलता रहता है। वहीं, प्रचार सामग्री बनाने के लिए जहां स्थानीय स्टूडियो वाले सक्रिय हैं वहीं, अच्छी आवाज वाले युवाओं की भी पूछ बढ़ गयी है।

No comments:

Post a Comment