Araria

Monday, June 18, 2012

अगलगी से एक परिवार के चार लोगो की मौत


कुर्साकाटा (अररिया) : सिकटिया पंचायत के पगडेरा गांव में शनिवार की रात अग्निकांड में गृहस्वामी की मौत के साथ ही इस घटना में मरने वालों की संख्या चार हो गयी। इस दर्दनाक हादसे की खबर मिलने के बाद घटनास्थल पर प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की आमद बढ़ गयी है। घटना के एक घंटा बाद ही अररिया एसपी शिवदीप लांडे घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। वहीं रविवार की सुबह सांसद प्रदीप कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए आपदा विभाग द्वारा पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। वहीं सिकटी विधायक आनंदी प्रसाद यादव ने भी सरकार से पीड़ित परिवारों को आवश्यक मुआवजा दिलाने की बातें कही। ज्ञात हो कि इस अग्निकांड में पगडेरा निवासी वटेश नाथ झा आग से बुरी तरह झुलस गए थे जिसे पूर्णिया सदर अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उसे कटिहार मेडिकल कालेज भेजा गया। कटिहार पहुंचते ही उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके पूर्व उनकी पत्‍‌नी गोदावरी देवी, पुत्री मोहिनी कुमारी एवं शिखा कुमारी की मौत घटनास्थल पर हो गयी थी। उसका एक मात्र पुत्र शेखर अग्निकांड के बाद किसी तरह भागने में सफल रहा। आंशिक रूप से वह भी झुलस गया। स्थानीय मुखिया वीणा देवी के द्वारा कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत पीड़ित परिवार को छह हजार रूपये दिया गया। वहीं अंचलाधिकारी विजय शंकर सिंह ने पीड़ित परिवार को तत्काल 2200 रूपये, एक क्विंटल अनाज एवं प्लास्टिक उपलब्ध कराये जाने की बातें कही।
चंद्रशेखर के सिर से उठा माता-पिता का साया
कुर्साकाटा(अररिया), निसं:
जिस व्यक्ति के सिर से बचपन में ही मां, बाप एवं भाई का साया उठ जाये वह कितना दुर्भाग्यशाली होगा। यह कहते हुए बिलख-बिलख कर अग्निकांड में बचा चंद्रशेखर रो पड़ा। पगडेरा निवासी चंद्रशेखर शनिवार की संध्या उनके घर में लगी आग उनके मां पिता एवं दो बहनों को उनसे छीन लिया। चंद्रशेखर उच्च विद्यालय कुर्साकांटा में दशम वर्ग का छात्र है। मेहनत मजदूरी कर उनके पिता बटेश नाथ झा उन्हें पढ़ा रहे थे। इस घटना के बाद अब उसे चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा है।
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एक साथ उठी चार अर्थी
कुर्साकांटा : थाना अंतर्गत पडगेरा गांव में रविवार को हर किसी की आंखें नम थी। वहां मौजूद हर शख्स के चेहरे पर मायूसी और आंखों में आंशु थे। बता दें कि यहां अग्निकांड में एक ही परिवार के चारों लोगों की मौत हो गयी। इस हादसे में बचे गृहस्वामी के एकमात्र लड़के चंद्रशेखर की स्थिति और परिवार के दुर्भाग्य पर हर किसी को तरस आ रहा था। वहां मौजूद हर शख्स ऊपर वाले को कोस रहे थे। उनका कहना था कि एक छोटे के लड़के के सिर से एक झटके में पूरे परिवार का साया उठ गया। जब एक साथ घर से चार-चार अर्थियां उठी तो वहां मौजूद महिलाओं के चीत्कार से मजबूत हृदय के लोगों की आंखें भी बरस पड़ी।

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