पलासी (अररिया) : प्रखंड के डेहटी उत्तर पंचायत अंतर्गत मालद्वार गांव में आयोजित संतमत सत्संग के दो दिवसीय जिला वार्षिक अधिवेशन का समापन शनिवार को संत गुरु महाराज की भक्तिपूर्ण उद्घोष के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर आचार्य स्वामी चतुरानंद जी महाराज ने शनिवार अपराह्न भक्ति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि
भक्ति तात अनुपम सुख मूला!
मिलहिं संत होईहें अनुकूला!!
अर्थात भक्ति सारे सुखों की जड़ है। भक्ति मतलब सेवा, सेवा उस कर्म को कहते हैं, जिस कर्म से मनुष्य को सुख मिलता है। जैसे प्यासे व्यक्ति को पानी दिया जाय तो वह सेवा है। परमात्मा क्या चाहते हैं? परमात्मा के संबंध में कहा गया है कि एक अनि अरुप अनामा, अज सच्चिदानंद परमाना। अर्थात वह मात्र जीव को चाहते हैं, यानि हर आत्मा में परमात्मा का अंश होता है। उस अंश की सेवा करने से ही परमात्मा को संतुष्टि मिलती है। साथ ही संपूर्ण रूप से उनके (परमात्मा) के हो जाने पर ही ईश्वर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इस क्रम में स्वामी वेदानंद बाबा, स्वामी ओमानंद बाबा, स्वामी योगानंद बाबा सहित अन्य ने भी अपने-अपने प्रवचन से उपस्थित हजारों की भीड़ को भक्ति के सागर में गोते लगाने को विवश किया। इस मौके पर अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह, सिकटी विधायक आनंदी प्रसाद यादव, पूर्व विधायक विजय कुमार मंडल, विजय कुमार यादव, भाजपा युवा मोर्चा के जिला संयोजक जगदीश झा, ललन कुमार आदि उपस्थित थे। सत्संग के सफल आयोजन में राज नारायण विश्वास, रंजानंद सुतिहार, दयानंद यादव, सुरेश साह, द्वारिका मंडल, युगल किशोर साह सहित स्थानीय ग्रामीणों का सहयोग महत्वपूर्ण रहा।
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