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Monday, January 23, 2012

डेहटी पैक्स: पूर्व बीडीओ को मिली बेल


अररिया : डेहटी पैक्स घोटाले में गिरफ्तार पलासी के तत्कालिक प्रखंड विकास पदाधिकारी दयानंद यादव को अररिया की कोर्ट ने सोमवार को जमानत दे दी। ये कई दिनों से अररिया जेल में बंद हैं।
पूर्व बीडीओ दयानंद यादव पलासी थाना कांड संख्या 14/11 में नामजद हैं। यह प्राथमिकी पलासी के थानाध्यक्ष राम विलास सिंह ने पिछले 28 जनवरी 11 को दर्ज करायी थी।

Sunday, December 25, 2011

गरीबी उन्मूलन की उपलब्धि रही सिफर


अररिया : डेहटी पैक्स व इंदिरा आवास घोटाले की मार से त्रस्त अररिया जिले में गरीबी उन्मूलन के ताजा वार्षिक सफर की उपलब्धि सिफर ही रही है। इंदिरा आवास मद का करोड़ों रुपया डेहटी पैक्स में 'विलुप्त' हो गया, वहीं केंद्र सरकार ने इस साल मनरेगा मद में कोई राशि ही नहीं भेजी। इंदिरा आवास मद में भी तीन साल से पैसा नहीं आ रहा है। क्योंकि पहले से प्राप्त राशि का ही व्यय नहीं हो पाया था।
इन योजनाओं के अलावा जिले में गरीबी उन्मूलन की अन्य योजनाओं का हाल भी बेहाल है।
केंद्र द्वारा प्रारंभ मनरेगा योजना भी बदहाली की शिकार है। हालांकि इस योजना के तहत अररिया प्रखंड में पेड़ लगाने का कार्य सफलतापूर्वक किया गया, लेकिन कुर्साकाटा व सिकटी में वृक्षारोपण कार्यक्रम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
उधर, मनरेगा अंतर्गत जिले के तमाम श्रमिकों को अब तक जाब कार्ड भी नहीं मिल पाया है। जिन्हें मिला भी उन्हें रोजगार मुहैया नहीं कराया जा रहा। लिहाजा श्रमिक पलायन पर कोई अंकुश नहीं लग पाया है।
सबसे खराब स्थिति इंदिरा आवास योजना की है। इस योजना को बिचौलियों, घोटालेबाजों, भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों व कर्मियों ने निगल लिया। घर बनाने के लिए आए गरीबों के पैसे से बिचौलियों की इमारतें खड़ी होती रही। गरीब सड़कों पर पामाल होते रहे। डेहटी पैक्स की फाइल इस बात का प्रमाण है कि कमीशनखोरी की लालच में भ्रष्ट अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने किस तरह इंदिरा आवास का पैसा निगल लिया।
हालांकि यह भी सच है कि गरीबों के पैसे गटकने वाले अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों पर कानून का सरकारी फंदा भी कस गया है। इस घोटाले की जद में अब तक एक दर्जन वरिष्ठ अधिकारी व एक दर्जन कर्मचारी आ चुके हैं। कई और अधिकारियों व सफेदपोशों के भी शिकंजे में आने की उम्मीद है। लेकिन गरीबों का घर तो नहीं बन पाया। इसकी जबाबदेही किस पर फिक्स होनी चाहिए?
..भइया, ई इंदिरा आवास बड़ी बला है। कौन इसे टच करे। डेहटी पैक्स में हुई डीएम की कार्रवाई के बाद अधिकारी इंदिरा आवास योजना से ही स्वयं को दूर रखने लगे। नतीजतन इस साल के पहले दस महीनों में भी कहीं आवास नहीं बना। साल के आखिर में जिलाधिकारी एम सरवणन के व्यक्तिगत प्रयास से आवास राशि वितरण के लिए शिविर लगाये गए और पहली बार गरीबों को बिचौलियामुक्त परिवेश में पैसा मिला। लेकिन इन शिविरों को तभी सफल माना जायेगा, जब आवासों का निर्माण हो जायेगा।
स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत लोगों को स्वावलंबी बनाने का सपना भी बुरी तरह टूटा है। स्वयं सहायता समूह जड़ता की शिकार बनी हैं।
यह माना जा सकता है कि
जिले में गरीबी उन्मूलन की योजनाएं सफल नहीं हो पायी हैं।
जरा आंकड़ों पर गौर करें तो बात साफ हो जायेगी।
सन 1991 में इस जिले में 1.86 लाख परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करते थे। इस बीच गरीबी हटाने के नाम पर करोड़ों आये। इंदिरा आवास योजना भी इन्हीं दिनों प्रारंभ हुई। सुनिश्चित रोजगार योजना, संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना, जवाहर रोजगार योजना सहित कई अन्य योजनाओं की शुरूआत भी इसी दौरान की गयी। लेकिन सत्ता व शासन के तमाम दावों के बावजूद जब 1997 के बीपीएल आंकड़े आए तो गरीब परिवारों की संख्या तीन लाख छह हजार हो गयी। गरीबी उन्मूलन के लिए पैसों का क्वांटम लगातार बढ़ता गया। पर अगले सर्वेक्षण में बीपीएल परिवारों की संख्या साढ़े चार लाख के पार हो गयी। आखिर क्यों बढ़ रहे गरीब?
जानकारों की मानें तो इस जिले में बीपीएल सूची में नाम दर्ज करवाना ताजा क्रेज है। निकाय चुनावों में वोट देने का पैमाना भी बीपीएल ही है। .. अमुक को क्यों दें वोट, उसने तो एक बीपीएल भी नहीं दिलवाया।
जिले में आज तक कोई प्रामाणिक बीपीएल सूची तक नहीं बन पायी है। नियमों के मुताबिक हर पांच साल पर बीपीएल सर्वे किया जाना चाहिए, लेकिन विगत डेढ़ दशक में मात्र एक सर्वे हुआ है। वह भी कई भ्रष्ट मुखिया जी लोगों तथा कंप्यूटर वालों की जानबूझ कर की गयी भूल के कारण भानुमती का पिटारा बनकर रह गया है। गरीब रोड पर हैं और संपन्न लोग अंत्योदय अन्नपूर्णा का माल उठा रहे हैं।

Sunday, May 22, 2011

तत्कालीन डीडीसी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने बनाई रणनीति

अररिया : डेहटी पैक्स घोटाले में शामिल आरोपी पूर्व जिला पदाधिकारी अमरेन्द्र नारायण सिंह को न्यायालय से जमानत मिलने के बाद पुलिस अब तत्कालीन उप विकास आयुक्त बाल्मिकी प्रसाद की गिरफ्तारी के लिए विशेष रणनीति बना रही है। कांड के अनुसंधानकर्ता आरक्षी निरीक्षक अनिल कुमार ने रविवार को अपने कार्यालय में करीब एक घंटे तक तक इस रणनीति पर गहन विचार विमर्श किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस की टीम जल्द ही डीडीसी की गिरफ्तारी के लिए उनके गृह क्षेत्र रवाना हो रही है। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विश्वास यात्रा के दौरान अररिया के डीआरडीए सभा भवन में आयोजित बैठक में डेहटी पैक्स घोटाला पर विशेष चर्चा हुई थी। मुख्यमंत्री से हरी झंडी मिलने के बाद जिला पदाधिकारी के निर्देशानुसार अररिया थाना कांड संख्या 289/11 दर्ज कराई गई। इस मामले में पूर्व जिला पदाधिकारी अमरेन्द्र नारायण सिंह, उप विकास आयुक्त बाल्मिकी प्रसाद, कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार, आर के शर्मा, बीर बहादुर सिंह, गणपत मोदी, त्रिवेणी प्रसाद समेत आठ लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। इन लोगों पर आरोप है कि अवैध रकम की उगाही की मंशा से योजनाओं की राशि राष्ट्रीय कृत बैंकों में जमा नही कराकर डेहटी पैक्स में जमा कराई गई। जो रकम धरातल पर नहीं पहुंचकर बंदर बांट हो गई। इस मामले में तत्कालीन डीएम अमरेंद्र नारायण सिंह ने शुक्रवार को सीजेएम न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया जहां से न्यायाधीश सत्येंद्र रजक ने उन्हें जमानत दे दी। अब तक इस मामले में सात अभियुक्तों ने न्यायालय से जमानत ले ली है, जबकि डीडीसी बाल्मिकी प्रसाद आज भी फरार हैं।

Sunday, February 6, 2011

डेहटी पैक्स घोटाला: बाहुबलियों ने खूब काटी चांदी


अररिया : पैक्स प्रबंधक रहे रूद्रा नंद झा की गिरफ्तारी के बाद डेहटी पैक्स घोटाले का राज धीरे-धीरे खुलने लगा है। दबंगों और बाहुबलियों ने बैंक प्रबंधन पर दबाव बना कर खूब चांदी काटी।
अदालत में द.प्र.स. की धारा 164 के तहत दिये अपने बयान में मुख्य आरोपी रुद्रानन्द झा ने 72 लोगों की जो सूची अदालत में प्रस्तुत की है उसमें उल्लेख किया है कि दबाव डालकर उनसे लाखों का ऋण कई दबंगों ने लिया है। पलासी प्रखंड के विभिन्न योजनाओं के नाम पर बाहुबलियों ने पैक्स से पैसे लिए। दिये बयान में श्री झा ने जिक्र किया है कि इंदिरा आवास लाभुकों के लिए ईट छड़ व सीमेंट हेतु दबाव डालकर रामपुकार चौधरी ने 32 लाख रुपये ऋण मद में लिये, तो मो. तारिक अजीम ने विभिन्न योजनाओं एवं विद्यालय शिक्षा समिति खातों के भुगतान हेतु दवाब डालकर 26 लाख रुपये अपने स्टाफ मुमताज आलम के नाम
से चेक कटवाया। इसके अलावा अररिया के जीरो माईल स्थित बजाज मोटरसाइकिल एजेंसी के प्रबंधक मो. मोनाजिर द्वारा दवाब डालकर साढ़े तीन लाख राशि का चेक लिये जाने का उल्लेख किया गयाहै। उक्त चेक भारतीय स्टेट बैंक की मैना शाखा तथा पलासी स्थित सैंट्रल बैंक की शाखा के नाम चेक था। उधर पोठिया के मो. राजू द्वारा भी दबाव डालकर दो लाख 90 हजार का चेक लिये जाने की बात दर्ज बयान में कही गई है। इसी क्रम में पलासी के बजाज मोटर साइकिल एजेंसी के अवधेश कुमार झा द्वारा भी दबाव डालकर डेढ़ लाख राशि लेने का जिक्र किया गयाहै। वहीं सिकटी प्रखंड के ईटा भट्ठा मालिक रामनाथ झा के नाम का भी उल्लेख है, जो चार लाख रुपये उक्त पैक्स से लिये हैं। उन्होंने अपने हाथों लिखे उक्त ब्योरा में कई और लोगों के नामों का जिक्र किया है। अपने दिये ब्यान में उसने कहा है कि पूर्व पैक्स अध्यक्ष शिवानंद यादव की मृत्यु के बाद पैक्स में बाहुबलियों की पकड़ मजबूत हो गई तथा घोटाले का दौर शुरू हो गया। हालांकि डेहटी पैक्स घोटाले को लेकर अभी भी कई सवाल लोगों के जेहन में कुलबुला रहे हैं जिसका खुलासा जांच के बाद ही हो पायेगा।

Monday, January 31, 2011

डेहटी पैक्स: सरकारी सेवकों ने भी जम कर उड़ाई मलाई


अररिया : जिले के बहुचर्चित डेहटी पैक्स घोटाले की चर्चा जहां सबकी जुबान पर है तो उक्त पैक्स के ऋणधारियों की सूची में कई सरकारी सेवक भी हैं। इसका खुलासा गिरफ्तार पैक्स प्रबंधक रुद्रानंद झा ने अदालत में पेश लिखित बयान में किया है।
धारा 164 के तहत न्यायालय में दर्ज कराये गये ब्यान में मुख्य आरोपी रुद्रानन्द झा ने कुल 72 ऋणधारियों की सूची लिखित रूप में अदालत के समक्ष प्रस्तुत की है। जिसमें उसने पलासी प्रखंड के नाजिर मतीर्उरहमान के यहां एक लाख रुपये, पलासी के प्रखंड सहायक अशोक कुमार पाठक के यहां एक लाख, सिकटी के प्रखंड सहायक अम्बा प्र. यादव के पास डेढ़ लाख, अररिया सीडीपीओ कार्यालय के सुपरवाईजर रूपम झा के पास डेढ़ लाख, प्रखंड सहायक पलासी मो. शहरयार- पचास हजार, ग्राम पंचायत मालद्वार की पंचायत शिक्षिका मीरा देवी 50 हजार, पलासी के शिक्षक- संजय मांझी 1.3 लाख, पिपरा विजवार के शिक्षक अशोक कुमार विश्वास तीस हजार रुपये आदि सरकारी सेवकों के पास पैक्स का पैसे होने की बात सूची में दर्ज करायी है।

डेहटी पैक्स: बैंकों की भूमिका पर भी उठ रहे सवाल


अररिया : करोड़ों रुपये के डेहटी पैक्स घोटाले में कई बैंकों की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ रही है। पलासी थाने में दर्ज सात प्राथमिकी में विभिन्न बैंकों की आठ शाखाओं को नामित किया गया है। इन शाखाओं में कथित रूप से फर्जी चेक जमा निकासी का धंधा धड़ल्ले से हुआ बताया जाता है।
पलासी थाने में शनिवार को दर्ज प्राथमिकी में स्टेट बैंक की मैना व कनखुदिया शाखा, सेंट्रल बैंक पलासी, बैंक आफ बड़ौदा अररिया व तारण, कोआपरेटिव बैंक की अररिया व फारबिसगंज शाखा तथा पंजाब नेशनल बैंक की फारबिसगंज शाखा का यह कह कर उल्लेख है कि इन शाखाओं के माध्यम से ही फर्जी चेक को जमा व रुपयों की निकासी का काम किया गया।
सूत्रों की मानें तो विभिन्न सरकारी योजनाओं का पैसा अधिकारियों को पीसी देकर या अन्य उपायों से डेहटी पैक्स में जमा करवाया गया। फिर उस पैसे को मनचाहे तरीके से इस्तेमाल किया गया। इस दौरान योजनाओं के लाभुक अगर पैसा मांगते थे तो उन्हें बहाना बना कर टरका दिया जाता था। पैक्स में पैसों का फ्लो बनाये रखने के लिये ड्राफ्ट का धंधा भी किया जाता था। अधिकतर ड्राफ्ट इन्हीं बैंक शाखाओं से निर्गत बताये जाते हैं। ड्राफ्ट के लिये पैसों की उगाही पेट्रोल पंपों से भी की जाती थी।
विदित हो कि फर्जी तरीके से चेक जमा व निकासी करने के आरोप में एक पेट्रोल पंप कर्मी सलाखों के पीछे भी जा चुका हैं। ताजा मामले में भी वे आरोपी हैं।

Sunday, January 30, 2011

डेहटी पैक्स: सरगना तक पहुचेंगे कानून के हाथ?


अररिया : बहुचर्चित डेहटी पैक्स गबन के मामले में पुलिस की गिरफ्त में आने वाले प्रबंधक रुद्रानंद झा द्वारा किया गया खुलासा कुछ अचंभित करने वाला नहीं है। क्योंकि जिले के प्राय: लोग डेहटी पैक्स के कर्ता-धर्ता को जान रहे हैं। लोगों के जेहन में बस एक ही सवाल उठ रहा है कि क्या कानून व पुलिस का हाथ पैक्स गबन के मूल कर्ता-धर्ता तक पहुंच पायेंगे? 26 करोड़ से अधिक के हेराफेरी के मामले में जिले के विभिन्न थाना में कई मामले पूर्व से दर्ज हैं। अब रुद्रानंद झा के बयान पर उजागर किये गये सफेदपोशों के नाम से राजनीतिक हल्कों में खलबली मच गई है। पैक्स प्रबंधक के बयान पर पलासी थाना में भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री समेत सौ लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधि से लेकर कई सफदपोशों के होश उड़ गये हैं।
पैक्स घोटाले में अब तक सिर्फ सरकारी मुलाजिमों पर ही कार्रवाई हो पाई है। जबकि ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव राम बाबू सिंह ने जांचोपरांत 2008 में सौंपे गये रिपोर्ट में कई जनप्रतिनिधि के नाम उजागर किया था। लेकिन प्रशासन आज तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर पाई।

Thursday, January 27, 2011

हत्या की आशंका, पुलिस थी चौकस

अररिया, : डेहटी पैक्स घोटाला के मुख्य आरोपी प्रबंधक रूद्रानंद झा को न्यायालय में पेशी से पूर्व उनकी हत्या की आशंका थी। हत्या की आशंका को लेकर हीं दो दिनों से अररिया में पुलिस चौकसी बढ़ गयी थी। यहां तक की आरोपी के न्यायालय पहुंचने के एक घंटा पूर्व से ही पुलिस ने जगह-जगह मोटर सायकिल चेकिंग अभियान चला रखी थी। हालांकि इस आशंका को पुलिस सिरे से खारिज कर रही है। लेकिन सूत्रों की मानें तो गिरफ्तारी के बाद हीं पुलिस को इस बात की भनक लग गयी थी कि न्यायालय में पेशी के दौरान किसी दबंग के इशारे पर आरोपी की हत्या करायी जा सकती है। ताकि डेहटी पैक्स घोटाले का राज कभी भी नहीं खुल पाये। लेकिन पुलिस की कड़ी सतर्कता व्यवस्था के आगे कोई भी अप्रिय घटना नहीं घट सकी। बताया यह भी जा रहा है कि गिरफ्तारी के बाद आरोपी झा को रखने का ठिकाना पुलिस लगातार इसी आशंका को देखते हुए बदलती हरी और इसकी भनक किसी अन्य को नहीं लगी। पूर्णिया प्रक्षेत्र के डीआईजी अमित कुमार भी आरोपी से पूछताछ अररिया जिला मुख्यालय में नहीं वरण रानीगंज थाना में की। रानीगंज थाना में पूछताछ के बाद फिर उन्हें अन्यत्र रखा जा रहा था।

डेहटी पैक्स घोटाले से जुड़े हैं कई सफेदपोश: एसपी

अररिया : डेहटी पैक्स घोटाले में कई सफेदपोशों के नाम उजागर हुए हैं। यह जानकारी अररिया के पुलिस कप्तान विनोद कुमार ने पैक्स प्रबंधक रूद्रानंद झा से दो दिनों तक गहन पूछताछ के बाद कही है। पुलिस कप्तान ने बताया कि श्री कुमार कि घोटाले के मुख्य अभियुक्त ने स्वीकार किया है कि उनके पैक्स में तीस करोड़ की राशि विभिन्न योजनाओं के मद से जमा करायी गयी थी। जो कई सफेदपोशों एवं आपराधिक प्रवृति के लोगों ने उनसे डरा धमका कर या ऋण के रूप में ले ली। हालांकि एसपी श्री कुमार ने फिलहाल किसी भी व्यक्ति का नाम उजागर नहीं किया है। लेकिन बताया जा रहा है कि इस मामले में राजनीति से जुड़े कई चर्चित हस्तियों ने पैक्स प्रबंधक को अपने कब्जे में में लेकर योजनाओं की राशि बंदरबांट कर ली। वहीं पुलिस कप्तान ने बताया कि पैक्स प्रबंधक ने अररिया में एक मकान एवं पलासी में सात बीघा जमीन अपने नाम खरीदी है। शेष राशि माफियाओं के हत्थे चढ़ गयी। जिसमें कई सफेदपोश ऋण के रूप में उनसे हथिया ली। उन्होंने बताया कि आरोपी श्री झा द्वारा जितने भी व्यक्तियों के नाम बताये गये हैं जांच के बाद सभी के विरूद्ध जल्द ही वहां कार्रवाई की जायेगी।