Friday, July 6, 2012

कब, कहां, कैसे डूबेंगे पता नहीं


अररिया : बाढ़ हर साल आती है। इस बार भी आएगी या यूं कहें तो उसने कलेजे पर दस्तक देनी शुरू भी कर दी है। बाढ़ से बचने-बचाने की जिम्मेदारी हर बार की तरह इस बार भी ऊपर वाले की मेहरबानी और लोगों की किस्मत पर है। जिले में बाढ़ से लड़ने की तैयारी कुछ ऐसी है कि कब, कहां और कैसे डूबे प्रशासन को पता भी नहीं चल पाएगा।
अररिया को बाढ़ से गहरा रिश्ता है क्योंकि हर वर्ष बाढ़ आती है और जिले की खुशियां छीन कर ले जाती है। एक बार फिर बाढ़ ने दस्तक दे दी है। फिलहाल जिले के सैकड़ों घाटों पर रोजना नाव के सहारे हजारों लोग नदी पार कर रहे हैं। सरकारी आदेश के बावजूद अब तक जिले में एक भी प्राइवेट या सरकारी नावों का निबंधन नहीं हो पाया है। विभागीय अधिकारी भी भोज के वक्त कुम्हड़ लगाने की फिराक में है। नावों का निबंधन नहीं हुआ तो बाढ़ में नाव परिचालन के वक्त प्रशासनिक पकड़ ढ़ीली रहेगी। यही नही उफनाती नदियों में जरूरत से ज्यादा सवारी लेकर गुजरने वाले नाविकों की पौ बारह रहेगी।
जिला मुख्यालय के तिरसुलिया घाट पर भी दो दिन पूर्व 35 यात्रियों से भरी नाव पलटी पर प्रशासन को पता नहीं लग पाया कि किसकी नाव थी। राज्य सरकार ने बंगाल नौ घाट अधिनियम 1885 के अधीन आदर्श नियमावली 2011 तैयार किया है। इसके तहत सभी नावों में कुल 146 सरकारी नाव व 10 मोटर बोट है, परंतु इसका भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।
नाव व नाविक का भी होगा निबंधन
आदर्श नियमावली 2011 व जिला गजट सं. 8 में दर्ज प्रावधानों के अनुसार जिले के सभी नाव व उसके नाविकों को निबंधन कराना अनिवार्य है। नाविक नाव का साइज, प्रकार के साथ प्रपत्र चार में परिवहन पदाधिकारी के समक्ष आवेदन कर सकता है।
नाव पर निबंधन संख्या व लोड लाईन भी होगा दर्ज
निबंधित नाव के दोनों तरफ 75 सेमी उंचा और 2 सेमी चौड़ी आकृति में सफेद रंग से पेंट कर निबंधन सं. लिखा जाना जरूरी है। वहीं गहराई को रेखांकित करने के लिए प्रत्येक नाव में काले पृष्ठभूमि में सफेद रंग से पेंट किया हुआ 30 सेमी लंबा, 15 सेमी चौड़ा व 2.5 सेमी खुदा या जड़ा हुआ स्पष्ट चिन्ह के द्वारा लोड लाईन इंगित होगा।
दुर्घटना होने पर होगी वसूली: डीटीओ
इस संबंध में जिला परिवहन पदाधिकारी सह निबंधन पदाधिकारी सदन लाल जमादार ने बताया कि 30 जुलाई तक निबंधन की तिथि निर्धारित है। बिना निबंधन नाव चलाने वाले नाविकों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी। यदि कोई दुर्घटना होने पर संपत्ति की क्षति का वसूली नाविक से की जाएगी।
जिले में उपलब्ध सरकारी नाव की स्थिति
प्रखंड नाव की संख्या
अररिया 16
फारबिसगंज 18
नरपतगंज 20
भरगामा 15
रानीगंज 16
जोकीहाट 18
पलासी 15
सिकटी 13
कुर्साकांटा 15
इसके अतिरिक्त प्रत्येक प्रखंड में एक-एक मोटर बोट भी है।

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