Saturday, January 1, 2011

चचरी के सहारे करना पड़ता है पार

सिकटी(अररिया) : सिकटी प्रखंड को कुर्साकांटा से जोड़ने वाली ऐतिहासिक डोम सड़क पर बकरा नदी के पड़रिया घाट पर पुल का निर्माण नहीं होने के कारण लोगों को चचरी के सहारे ही पार उतरना पड़ता है। बरसात के दिनों में पानी भर जाने के कारण आवागमन बंद रहता है। ऐसे में नदी के पश्चिम पार बसे गांव तीरा, पड़रिया, कौआकोह के लोगों को प्रखंड मुख्यालय पहुंचने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।
बताते चले कि ऐतिहासिक डोम सड़क के रास्ते कुर्साकांटा प्रखंड जाने में बहुत कम समय लगता है। जिससे सिकटी, बरदाहा के लोग इसी रास्ते से अपने कारोबार एवं अन्य सिलसिले में आते जाते हैं। सबसे मुख्य कारण यह है कि असमय जब लोगों को जिला मुख्यालय या बाहर जाने की जरूरत पड़ती है तो कुर्साकांटा बाजार में अररिया जाने के लिए हमेशा भाड़े की गाड़ी उपलब्ध रहती है। साथ ही वर्षो से चिकित्सा सेवा के लिए कुर्साकांटा अन्य प्रखंडो से बेहतर स्थिति में रहा है जहां फिजीशयन एवं सर्जरी के साथ-साथ हड्डी रोगों के डाक्टर भी उपलब्ध होते रहे है। जिसके कारण काफी संख्या में यहां के लोग कुर्साकांटा जाते रहते हैं और वहां जाने का यह मुख्य रास्ता है। फिर सिकटी प्रखंड का क्षेत्र नदी के पश्चिम पार तक है जहां से लोगों को इसी रास्ते प्रखंड मुख्यालय आना-जाना पड़ता है। लेकिन पुल निर्माण नहीं होने से आवागमन में भारी समस्या है। लोगों से इस घाट पर पुल निर्माण भी मांग की है।

सिकटी: शोभा की वस्तु बना पशु अस्पताल


सिकटी(अररिया) : प्रखंड क्षेत्र में पशु अस्पताल शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है। सरकार द्वारा पशु चिकित्सा खोलने के लिए लाखों रूपये खर्च कर रही है वहीं सिकटी प्रखंड में पशु अस्पताल कागजों पर ही चलता है। ग्रामीणों ने बताया कि पशुपालक मवेशियों को इलाज कराने के लिए आते है कि लेकिन अस्पताल में डाक्टर नहीं रहते। पूछने पर पता चलता है कि वे अररिय में ही रहते है। सिर्फ 26 जनवरी व 15 अगस्त को झंडोत्तोलन के लिए आते है। जबकि पशुओं में डकहा, लंगड़ा, घेंघा, भजहा आदि अज्ञात रो पाये जाते है। पशुपालक अपने मवेशियों का इलाज करने के लिए झोला छाप डाक्टरों का सहारा लेना पड़ता है। जिससे पशुपालकों को आर्थिक क्षति भी हाती है और मवेशी भी काल के गाल में समा जाते है। वहीं ग्रामीण सुशील ठाकुर ने बताया कि मेरी गाय को अचानक बीमार पड़ने से पेट फुल गया। गांव के डाक्टरों से इलाज भी कराया लेकिन बच नहीं सका। वहीं सुखाड़ु मंडल ने भी अपने भैंस के बीमार होने पशु को लेकर सिकटी इलाज कराने के लिए गया तो पता चला कि यहां डाक्टर रहते ही नहीं है। मवेशी अस्पताल में सुविधा नहीं रहने के कारण प्रखंड क्षेत्र के पशुपालकों को भारी आर्थिक क्षति उठाना पड़ता है। यहां के पशुपालक 12 से 15 हजार में गाय लेते है। बीमारी हो जाने से उसे भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ती है। यहां के लोगों ने इस संबंध में जिलाधिकारी से जांच की मांग की है।http://arariatimes.blogspot.com/

पुल के अभाव में नहीं बदल रही गांवों की किस्मत

अररिया : बनगामा, देवरिया, घघरी, पैकटोला, व कमलदाहा जैसे दो दर्जन से ज्यादा गांवों के साथ एक अजीब संयोग जुड़ा है। इन गांवों में पुल नहीं होने के कारण न केवल ग्रामीण यातायात बाधित है, बल्कि तमाम संभावना के बावजूद इनका विकास नहीं हो रहा। लोगों को आज भी नदी पार करने के लिये बैलगाड़ी का सहारा लेना पड़ता है।
देवरिया व बनगामा में कभी राजाओं की तूती बोलती थी, लेकिन आज पिछड़ेपन का अंधेरा सर चढ़ कर बोलता है। इसका प्रमुख कारण है ग्रामीण सड़कों पर पुलों की कमी।
देवरिया के निकट कोठी घाट पर ब्रिटिश जमाने में काठ का पुल बना था। सारी लकड़ी चोरी हो गयी। अब लोगों को पैदल तैर कर पार करना पड़ता है।
बनगामा के मुखिया अब्दुल मतीन ने बताया कि कोठी घाट में सौरा नदी पर बने पुल की मरम्मत नौ दस साल पहले की गयी थी, लेकिन चोरों ने सारी लकड़ी चुरा ली। वहीं दुलारदेई नदी पर डुमरा पुल की भी यही स्थिति है। इन दो प्रमुख पुलों के बन जाने से डुमरा, करंकिया, लताहारी, सैदपुर, इकड़ा, सिंघिया, चनका, बानसर, बारीघाट, बसैटी सहित दो दर्जन से अधिक गांवों की तस्वीर बदल सकती है। मुखिया मतीन के मुताबिक इलाका धान उपजाने वाला है। घर में महिला पुरुष सब मिल कर धान से चावल बनाते हैं और मर्द चावल के बोरों को अपनी साइकिल पर लाद कर अररिया स्थित मंडी तक पहुंचाते हैं। लेकिन खराब सड़क और नदी पर पुल नहीं होने की वजह से उन्हें बेहद परेशानी झेलनी पड़ती है।

विकास की रोशनी से कोसों दूर कोल्हुवा गांव

कुर्साकाटा(अररिया) : कुर्साकाटा प्रखंड के एक तिहाई पंचायत आजादी के छह दशक पश्चात भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। खासकर प्रखंड के कमलदाहा पंचायत के कोल्हुआ गांव आज भी विकास की रोशनी से कोसो दूर है। यहां की आधी से अधिक आबादी गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करती है। आज तक इस गांव के लोगों को अंधेरे में बल्ब की रोशनी और तपती गर्मी में पंखे की हवा नसीब नहीं हो सका। पगडंडियों एवं गढ्डेनुमा कच्ची सड़क ही मिल सका है वह भी बरसात के समय कीचड़मय हो जाता है। कुर्साकाटा सिकटी प्रखंड के बीच यह कोल्हुआ गांव सदा से उपेक्षा का शिकार बना रहा। गांव के शिक्षित युवा अरूण झा ने बताया कि प्रखंड मुख्यालय से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण इस गांव तक न तो जनप्रतिनिधि और न ही पदाधिकारी कभी पहुंचते है। सरकार की कल्याणकारी योजना से इस गांव के लोग हमेशा से वंचित रहते आये है। इस गांव तक पहुंचने के लिए पैदल ही जाना उपयुक्त मानते है। क्योंकि वाहन से यहां पहुंचना खतरा से खाली नहीं है। गांव के ही भवानंद झा, चतुरानंद मिश्र, बुच्चन झा, वरूण झा, जयबोध झा आदि की मानें तो चुनाव के दौरान कई जनप्रतिनिधि आश्वासनों की पोटली लेकर अवश्य आते है। परंतु काम निकल जाने के बाद भूल जाते है। यहां के लोगों की अधिकांश आबादी कृषि पर आधारित होने के कारण यहां के किसानों को कोई सरकारी सुविधा प्राप्त नहीं हो सका है।

भरगामा: हाटों में पेयजल की समस्या गंभीर

भरगामा(अररिया) : भरगामा प्रखंड के राजस्व वाली हाटों में भी पेयजल की समस्या गंभीर बनी हुई है। इसे पेयजल का अभाव ही कहेंगे कि आप अगर अन्यत्र से है और प्यास के मारे आपका हलक सूख रहा हो तो एक ग्लास पानी हेतु भी बाजार के किसी व्यक्ति का दरवाजा खटखटाना होगा या फिर चाय दुकानदारों से याचना करनी पड़ेगी। प्रखंड में कम से कम सरकारी राजस्व वाली हाटों की संख्या आधे दर्जन के करीब है किंतु इसे विडंबना ही कहेंगे कि उनमें पेयजल की व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है।
सरकारी राजस्व वाले हाटों में रघुनाथपुर, भरगामा, खजूरी, मंगलवार चरैया समेत महथावा के वीरनगर हाट आदि हैं। वहां दैनिक उपयोगी सामग्री की खरीददारी या अन्य कारणों से लोगों की दिन भर भीड़ लगी रहती है। लेकिन दुखद स्थिति यह है कि बाजारों में पेयजल की कोई व्यवस्था आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। ऐसा नहीं है कि पेयजल की समस्या को आमजन के साथ स्थानीय प्रशासन द्वारा भी महसूस नहीं की गयी है। ताज्जुब की बात तो यह है कि इस समस्या पर किसी भी प्रकार से कोई पहल नहीं की गयी। इस मुद्दे पर न तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने न स्थानीय प्रशासन और न ही पेयजल की उपलब्धता के साथ-साथ नित अभियान चलाने वाले तथा विभिन्न प्रकार के दावे करने वाले विभाग ने ही दिलचस्पी दिखाई।

सड़क जर्जर,ग्रामीण क्षुब्ध

रेणुग्राम(अररिया) : फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के लहसनगंज से मानिकपुर बुर्जा चौक तक जाने वाली सड़क जर्जर रहने से गांव के लोगों को आने जाने में परेशानी होती है। ग्रामीणों का कहना है कि विगत कई वर्षो से नेता एवं पदाधिकारी के आश्वासन के बाद भी इसे ठीक नहीं किया जा सका। जब चुनाव का समय आता है तो ग्रामीणों को सड़क ठीक किये जाने आश्वासन देकर चले जाते है। चुनाव जीतने के बाद कोई भी नेता फिर इस सड़क की सुधि लेने नहीं पहुंचते है। लिहाजा लोगों को मेन सड़क पर जाने के लिए तीन चार किमी की इस जर्जर सड़क पर चलने को मजबूर होना पड़ता है। बरसात के मौसम में तो इस सड़क पर पैदल चलना अत्यंत कठिन काम है। ग्रामीण पुरन ठाकुर, रामानंद पासवान, विक्की, अमित आदि का कहना है कि अगर सड़क का अविलंब जीर्णोद्वार नहीं हुआ तो ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

टेलीफोन उपभोक्ता सुविधा से वंचित

कुर्साकाटा(अररिया) : प्रखंड क्षेत्र स्थित कुआड़ी बाजार के पुराने टेलीफोन उपभोक्ता विभाग की उपेक्षित नजरिया के कारण उक्त सुविधा से वर्षो से वंचित हैं। बीएसएनएल विभाग उपभोक्ताओ की संख्या बढ़ाने के लिए नित्य नयी नयी योजना ला रही है। जबकि कुआंड़ी थाना रोड में बीएसएनएल टेलीफोन के कई घरेलू व पीसीओ उपभोक्ता हैं जो उक्त सुविधा से वर्षो से वंचित हैं।
उपभोक्ताओं का कहना है कि करीब चार सौ मीटर केबुल इन स्थानों पर बिछाने से विभाग को राजस्व मिलेगा। इस संबंध में एसडीओ दूरसंचार निगम अररिया को उपभोक्ताओं ने वर्षो से कई बार लिखित आवेदन भी दिया लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।
इस संबंध में एसडीओ दूरसंचार अररिया ने केबिल की कमी होना बताया।
जबकि जीएम दूरसंचार निगम कटिहार से पूछे जाने पर उन्होंने शीघ्र ही इन कठिनाईयों को दूर करने का आश्वासन दिया।

ग्रामीण सड़क गढ्ड़े में तब्दील

पलासी (अररिया) : प्रखंड स्थित कलियागंज बाजार से चौधरी टोला जाने वाली मुख्य सड़क गढ्डों में तब्दील हो गयी है। जिससे इस होकर आवाजाही में लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर वर्षात के मौसम में इस सड़क पर चलना टेढ़ी खीर साबित होती है। वहीं टै्रक्टर की आवाजाही से उक्त सड़क पर दो से तीन फीट गडढे हो गये हैं। इस बाबत स्थानीय निवासी सियाराम यादव, पूर्व मुखिया धर्मनाथ चौधरी, जय नाथ चौधरी आदि ने बताया कि इस सड़क पर वकील अंसारी और विनेश यादव के घर के समीप हुए गढ्डों से दो पहिया व चार पहिया वाहनों के चालकों को जान जोखिम में डाल कर यात्रा करनी पड़ती है। सबों ने सड़क निर्माण की दिशा में प्रशासन से ठोस पहल की मांग की है।

सेवानिवृत्ति पर दी गयी विदाई

फारबिसगंज : रामलाल उच्च विद्यालय डाक हरिपुर के विज्ञान विषय के वरिष्ठ शिक्षक अजीत कुमार के शुक्रवार को सेवानिवृत होने पर विद्यालय परिवार द्वारा उन्हें भावभीनी विदाई दी गयी। उल्लेखनीय है कि श्री कुमार के पितामह के नाम पर स्थापित इस विद्यालय के छात्र छात्राओं ने जहां उनके चरण स्पर्श कर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। वहीं प्रधान जगदीश प्रसाद गुप्ता के अगुवाई में धीरू नारायण पांडेय, रवींद्र प्रसाद मंडल, गिरिजानंद झा, एकरामुद्दीन, तेज नारायण मंडल, नागेन्द्र नाथ झा, अजय आनंद, मो. ताहिर, विनोद तिवारी, कामेश्वर दास, हरिदास आदि शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों ने माला पहनाकर वरिष्ठ शिक्षक को विदाई दी।
एक दिवसीय गायत्री यज्ञ का आयोजन
पलासी: प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय बढ़ौली के प्रांगण में नववर्ष के अवसर पर शनिवार को समाज में शांति व सद्भाव बनाये रखने को लेकर एक दिवसीय गायत्री यज्ञ का आयोजन किया गया। इस गायत्री यज्ञ में हवन, पूजन, प्रवचन के पश्चात भंडारा का भी आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने इस यज्ञ में भाग लिया। यज्ञ को सफल बनाने में स्थानीय अशोक यादव, अशोक सम्राट, राजू सिंह, कुमार रंजीत, रामशरण मंडल, विजय कुमार, राजेन्द्र वि. आदि की भूमिका सराहनीय रही।

साहित्यकारों को द्विजदेनी सम्मान से अलंकृत किया

फारबिसगंज(अररिया) : द्विजदेनी चेतना समिति द्वारा अपने सत्रांत 2010 के अवसर पर शुक्रवार को फारबिसगंज के दो प्रमुख साहित्यकारों डा. सुधीर धरमपुरी और डा. अनुज प्रभात को द्विजदेनी स्मृति साहित्य सम्मान से अलंकृत किया गया। साहित्यकार द्वय को शांतिकुंज हरिद्वार के महंत ओमप्रकाश जाघव द्वारा शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात कर्नल अजीत दत्त, डा. जगदीश लाल मंडल, पं. धर्मनाथ झा एवं उमाकांत दास के हाथो प्रशस्ति पत्र, स्मृति प्रतीक, धार्मिक और साहित्यक पुस्तकें प्रदान की गयी। इस अवसर पर विनोद कुमार तिवारी के संयोजकत्व में एक कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। जिसमें हेमंत यादव, प्रो. परमेश्वर प्रसाद साह, उमाकांत दास, डा. विद्या नारायण ठाकुर आदि ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया। इस मौके पर डा. एनएल दास, लीलाधर प्रसाद, कृत्यानंद, कृष्ण साह, इंद्रानंद दास, चतुरानंद मिश्र, मनोज ठाकुर, गोविंद नारायण दास, मनमोहन जी, धर्मनाथ झा, हरिनारायण आदि उपस्थित थे।

वनभोज के साथ हुआ नये साल का स्वागत

फारबिसगंज (अररिया) : नये साल के स्वागत को लेकर शनिवार को अनुमंडल के शहरी व ग्रामीण इलाकों में अहले सुबह से ही विभिन्न स्थलों पर वनभोज (पिकनिक) का आयोजन किया गया। इस मौके पर खासकर यूवक-यूवतियों तथा बच्चों ने पूरे उमंग के साथ नये साल का स्वागत किया तथा एक-दूसरे को बधाईयां दी। पिकनिक मनाने को लेकर बड़ी संख्या में लोग फारबिसगंज के अलावे पड़ोसी देश नेपाल, भीमनगर बैरेज जैसे पिकनिक स्थलों की रूख किया। नगर के कई स्थानों पर भी पिकनिक का आयोजन किया गया जिसमें लोगों ने गीतों के धुनों पर खूब डांस किया तथा एक सक बढ़कर एक व्यंजनों का स्वाद चखा। नव वर्ष को लेकर बच्चों में भी उमंग की कोई कमी नहीं दिखी। बच्चों ने भी अपनी क्षमता के अनुसार आसपास के खेत खलिहानों, मैदानों में जमा होकर पूरे जोश-खरोस के साथ नववर्ष का लुफ्त उठाने में जुटे रहें। इधर आम लोगों ने भी नववर्ष को लेकर विभिन्न मंदिरों में पहुंचकर भगवान के दर्शन किये तथा नये साल में ढेर सारी खुशियों की चाहत रख ईश्वर से प्रार्थना की।

एक पखवाड़े में छह सड़क दुर्घटना, दो की मौत

रानीगंज(अररिया) : सपाट सड़के एवं वाहनों की बेलगाम रफ्तार के कारण क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाएं काफी बढ़ गयी है। तेज रफ्तार से आ रही मोटर सायकिल के पेड़ से टकराने कारण 28 वर्षीय धर्मेन्द्र मुखिया नामक युवक की मृत्यु के बाद यूं तो सभी तेज वाहन चलाने की निंदा कर रहे हैं। परंतु सड़कों पर वाहनों की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। रानीगंज क्षेत्र में एक पखवाड़े के अंदर सड़क दुर्घटना की आधा दर्जन वारदातें हो चुकी है। जिसमें दो की मृत्यु मौके पर ही हो गयी है।

नव वर्ष पर माहौल रहा उत्सवी

भरगामा(अररिया) : नव वर्ष के आगमन को लेकर शनिवार के दिन अन्यत्र की भांति प्रखंड भरगामा में उत्सव का माहौल लगभग दिन भर बना रहा। हर तबके तथा हर आयु वर्ग के लोग इस माहौल में डूबे रहे तथा अलग-अलग रूपों में इस क्षण का आनंद लिया। खासकर बच्चे एकजूट होकर पिकनिक आदि कार्यक्रम में लीन रहे। वहीं युवाओं में भी अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम तो कही संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जबकि ऊपर आयु वर्ग के लोगों ने पूजा-पाठ आदि का आयोजन कर शुभ दिन को यादगार बनाया।
मिली जानकारी अनुसार बच्चों के द्वारा मुख्य शिक्षण केन्द्र हनुमान नगर खजूरी में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयेाजन किया गया। वहीं मां लक्की रानी आवासीय स्कूल में नववर्ष और हमारा प्रयास विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें समाज के विकृतियों तथा बुराईयों से मुक्त करने हेतु स्कूली छात्रों संग युवाओं ने अपने विचार रखे। इसी तरह नववर्ष के पहले दिन को यादगार बनाने के उद्देश्य से बांकी लोगों ने ध्यान, सत्संग आदि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जबकि पूजा अर्चना को लेकर लड़कियों संग महिलाओं की भीड़ क्षेत्र के मंदिरों में दिखी।

पूर्व रक्षा राज्य मंत्री बैठा की जयंती मनी

फारबिसगंज(अररिया) : भारत सरकार के पूर्व रक्षा राज्यमंत्री स्व. डुमर लाल बैठा की जयंती बंगाली टोला स्थित निवास स्थान पर शनिवार को उनके परिजनों द्वारा मनायी गयी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर स्व. बैठा के तैल चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित की।
श्रद्धा अर्पित करने वालों में अनुलेखा, पूनम देवी, पप्पु कुमार, परवीन कुमार, रोहित राज, अमितेश कुमार,, उपेंद्र रजक, डा. एनएल दास, शंभू नाथ मिश्रा, रामानंद सिंह, सुनील वर्मा, श्री कुमार ठाकुर, शंकर प्रसाद साह, दयानंद रजक, लक्ष्मी नारायण दास, किशोर राय, विनोद कुमार गुप्ता, वैद्यनाथ साह, कामेश्वर ठाकुर, विरेन्द्र नाथ मिश्रा आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। कार्यक्रम का संयोजन कंचन कुमार विश्वास ने किया।

भरगामा: राशि के अभाव में नहीं मिल रही राहत

भरगामा(अररिया) : राहत कोष में राशि नहीं रहने के कारण भरगामा प्रखंड में राहत वितरण का कार्य बाधित है।
इधर प्रखंड विकास पदाधिकारी मणिमाला ने बताया कि राशि के अभाव की सूचना जिला के उच्च अधिकारियों को दे दी गयी हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राशि आवंटित होने के साथ ही लाभुकों के बीच राशि का वितरण कर दिया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि राहत कोष में राशि नहीं रहने के कारण पिछले एक सप्ताह के अंदर अगलगी की घटना से प्रभावित कम से कम एक दर्जन से ऊपर परिवारों में राहत के तहत राशि की वितरण नहीं की जा सकी है। जबकि अग्निपीड़ित पैसे के अभाव में दाने-दाने को मोहताज हैं। अग्निपीड़ित कई परिवार ऐसे भी बताये जा रहे हैं जिनका अग्नि की इस विनाश लीला में घर समेत अनाज तथा घर का सारा समान जलकर राख हो गया। वैसे प्रशासन के द्वारा देर से ही सही किंतु राशि को छोड़कर पॉलीथिन, अनाज, दीया-सलाई एवं अन्य कुछ जरूरी सामानों का वितरण किया गया है

नववर्ष के जश्न में डूबे युवा

अररिया : नये साल पर सब की मंगल कामना। मस्ती व खुश रहने के जज्बे को सलाम। खास कर युवाओं के अपरिमेय जज्बे को, जो आधी रात को नव वर्ष के आगमन के साथ ही बुलंदियों पर जाता प्रतीत हुआ। काली मंदिर से शंख की गुरु गंभीर आवाज और पूरे शहर में पटाखों की जोरदार आवाज के साथ हुआ नये साल का इस्तकबाल। भावना कुछ ऐसी कि चलो इस बार नये साल में कुछ नया कर के दिखाना है। जनकवि हारुण रसीद गाफिल की पंक्तियां चरितार्थ होती लगी कि नये साल में कुछ नया कर दिखाएं, वतन को जरूरत हो तो सर भी कटाएं ..।
शहर में सैकड़ों युवा देर रात तक जगे रहे, गीत संगीत की मस्ती में सराबोर और टेलीविजन पर प्रसारित हो रहे कार्यक्रम में थिरकते हुए। ज्यों ही घड़ी के कांटे ने बारह बजाए कि सब चिल्ला कर झूम उठे। ..नये साल का जोरदार स्वागत! इसके ठीक बाद बारिश की बूंदें भी पड़ने लगी। ..ओह, ई पानी तो मूडे खराब कर दिया। ..अरे, नहीं नहीं, नये साल का आगाज पानी की फुहार के साथ हुआ है, यह शुभ लक्षण है। बहरहाल अहले सुबह से ही लोग नये साल की चहलकदमी में निकल पड़े। एक दूसरे को नव वर्ष की बधाईयां दी और मिठाईयां खायी व खिलाई। पानी की परवाह नहीं। लोगों के इस मूड को शायद इंद्रदेव ने भी भांप लिया और देर सुबह तक मौसम खुशनुमा हो गया। इसके बाद युवाओं की टोली पिकनिक मनाने को निकल पड़ी।
पिकनिक को ले कर मीट व मुर्गे की दुकानों पर भारी भीड़ लगी रही। हरी सब्जियों के दाम भी तेज रहे। प्याज की कीमत तो पहले ही से आसमान पर मौजूद है।
इस दौरान परमान नदी तट, एबीसी नहर, कुसियारगांव जंगल, अररिया कालेज कैंपस तथा कोसी नदी के किनारे पिकनिक मनाने वालों का जत्था मस्त व व्यस्त नजर आया।
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खुश रहना किसी का एकाधिकार नहीं
अररिया, जाप्र: खुश रहनेकी भावना पर किसी का एकाधिकार नहीं। मस्ती अब किसी खास की जागीर नहीं। खुशी व मस्ती दोनों अब आम हो गये हैं।
नये साल की पहली तारीख पर अररिया शहर की महादलित बस्ती में व आसपास ऐसा ही दिखा। महादलित समुदाय के बच्चे पिकनिक मना रहे थे। मुन्नी बदनाम हुई.. की धुन पर जोरदार डांस भी चल रहा था। और इधर, बर्तन में पक रहा था भोजन। बच्चों के चेहरों पर मौजूद खुशी देखकर ऐसा लगा कि नये साल में सब कुछ शुभ शुभ ही रहेगा।

फटेहाल जिंदगी जी रहे खानाबदोश

रानीगंज(अररिया) : स्थायी जीवन चाहता हूं पर नहीं मिल रही सरकारी मदद। यह कहना है रानीगंज पहुंचे खानाबदोशो टोली के सदस्यों का जो हाल में जगह जगह घूम घूमकर जीवन बिताने के बाद इस कंपकपाती ठंड में रानीगंज हसनपुर गांव के निकट मदरसा परिसर में तंबू लगाकर फटेहाली का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों की खोज कर प्लास्टिक व छतरी देकर झुग्गी बनाकर रह रहे खानाबदोशों के परिवार में छोटे बड़े दर्जनों सदस्य राहगीरों को देख रहे है। खास बात कि ये सभी लोग मांग कर खाने वालों में से नहीं है। बल्कि घूम घूम कर कुछ काम कर शिकार कर एवं कुछ जड़ी बुटी आदि बेचकर जीविकोपार्जन करते है।
दूसरों के जीवन में बनावटी फुल एवं कई असाध्य रोगों को दूर करने की औषधि बेचने वाले इन खानाबदोशों का जीवन आर्थिक निर्बलता के कारण बदरंग है। रहने को घर नहीं, सोने को बिस्तर नहीं और भरपेट भोजन तक नसीब नहीं होने की बात कहते है ये घुमक्कड़ टोली के सदस्य। महिला सदस्या कहती है कि इन लोगों का पीढ़ी दर पीढ़ी इस प्रकार का जीवन घूम घूम कर व्यतीत करती है। ये सभी कहती है कि कुछ दिनों के अंतराल के बाद ये लोग शहर बदल देते है। खानाबदोशों की टोली में शामिना, लालिमा सिंह, मीना सिंह, शांति देवी, मालीन आदि बताते है ये घुमक्कड़ होना इनका स्वभाव नहीं मजबूरी है। ये लोग भी अन्य लोगों की भांति स्थायी जीवन गुजारना चाहती है। अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती है परंतु उन्हें न अपना स्थायी कोई घर है न जमीन है न ठिकाना बस चलते ही जाना है। ये हसरत भरी निगाह से बताते है कि उन्हें भी कोई सरकारी मदद मिले तो वे भी अपना स्थायी घर बना सके। कोई रोजगार कायम कर सके और अपने बच्चों को भी तालिम दे सके। खानाबदोश टोली में नंग धडंग बच्चे इस ठंड में भी फटेहाली जिंदगी बरस कर रहे है। दिन के समय पुरूष तो घूम घूम कर तैयार जड़ी बुटी या अन्य काम करते है परंतु महिला सदस्य एवं बच्चे समय व्यतीत करने में लगे है। कंपकपाती ठंड, हल्की वर्षा व हवा के झोंके भी इनके आशियाना बर्दास्त नहीं कर पाते है। आवश्यकता है मानवीय संवेदना को जागृत कर इन खानाबदोशों की बेतरकीब जिंदगी को संवारने की।

पेड़ से टकरा कर हुई मोटर साइकिल सवार की मौत

रानीगंज(अररिया) : नव वर्ष के पहले दिन शनिवार की सुबह रानीगंज फारबिसगंज मार्ग पर कलावती कालेज के सामने एक पेड़ से टकरा जाने से मोटर सायकिल सवार धर्मेन्द्र मुखिया की मृत्यु हो गयी। सूचना पाकर पहुंचे रानीगंज पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर अंत्य परीक्षण ेके लिए अररिया भेज दिया।
जानकारी के अनुसार भरगामा थाना अंतर्गत खजूरी ग्राम वासी रेशमलाल मुखिया का 28 वर्षीय पुत्र धमेन्द्र मुखिया अपने निजी काम से मोटर सायकिल से अकेले फारबिसगंज जा रहा था। सुबह नौ बजे के करीब ज्यों ही कलावती कालेज के निकट पहुंचा तो उसके मोटर सायकिल का संतुलन बिगड़ गया और सीधे सड़क किनारे पेड़ से टकरा गया। प्रत्यक्ष दर्शी के अनुसार हीरो होंडा पेंशन बीआर 11ई-4746 मोटर सायकिल की रफ्तार इतनी तेज थी कि पेड़ से टकराने के बाद तत्क्षण हीं उसकी मृत्यु मौके पर ही हो गयी। सूचना पाकर पहुंचे रानीगंज थानाध्यक्ष अरूण सिंह एवं सुभाष चंद्र सिंह ने मृतक युवक की तलाशी लेकर उसी के मोबाइल द्वारा उसके परिजनों की सूचना दी। मृतक युवक चार भाईयों में तीसरा था तथा उसे दो वर्षीय पुत्री भी है। मां, बाप, बड़ा भाई, मामा सहित अन्य परिजनों सहित अन्य परिजनों के मौके पर पहुंचते ही पूरा माहौल रूदन स्वर से गमगीन हो गया। पुलिस ने मृतक की लाश को अन्त: परीक्षण के लिए अररिया भेज दिया। इस घटना को लेकर नव वर्ष को लेकर उत्साह मनाने वालों का उमंग ठंडा पड़ गया।

युवक को चाकू मार किया जख्मी

कुसियारगांव (अररिया) : कोर्ट में गवाही नहीं देने के कारण शुक्रवार की संध्या अररिया से अपने गांव जा रहे मो. शैयद को धलथर चौक सेहवान बाड़ी समीप गांव के ही मो. रफिक ने चाकू से कई जगह वार कर बुरी तरह जख्मी कर दिया, स्थानीय लोगों के सहयोग से जख्मी को सदर अस्पताल अररिया में भर्ती कराया गया है। पीड़ित सिमराहा थाना क्षेत्र के डोरिया सोना पुर निवासी बताया गया है। चिकित्सक डा. एस के सिंह ने उपचार के तुरंत बाद पुलिस के पास जाने का सलाह दे दिया। बताया गया हैं कि गांव के ही एतशाम पर रफिक ने मुकदमा कर रखा था, और इसे गवाह देने के लिए दवाब डाल रहा था नही देने के कारण घटना का अंजाम दिया गया।

सड़क दुर्घटना में बच्चा सहित दो जख्मी

कुर्साकांटा (अररिया) : रविवार की दोपहर कुर्साकांटा-कुआड़ी मुख्य सड़क में सीसाबाड़ी के निकट सड़क दुर्घटना में एक बच्चा सहित दो लोग बुरी तरह जख्मी हो गये।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सीसाबाड़ी निवासी रहीब का तीन वर्षीय पुत्र मो. शगीर अपने परिजनों के साथ कुआडी से कुर्साकांटा आ रहा था कि सामने से आ रही मोटर साइकिल से सीधी टक्कर हो गयी। जिससे बालक गंभीर रूप से घायल हो गया। जिनका इलाज पीएचसी में चल रहा है। वहीं दूसरी ओर कुआडी बांसबाड़ी निवासी देवानंद मंडल का पुत्र रंजन मंडल (14) मोटर साइकिल कुआड़ी से कुर्साकांटा आने के क्रम में सीसाबाड़ी के पास एक कार ने पीछे से ठोकर मार दी। जिससे उसके सर में गंभीर चोटें आयी। जहां डाक्टर ने उसे बेहतर इलाज के लिए पूर्णिया होप रेफर कर दिया।

काली मेला खो रहा अपना गौरवपूर्ण इतिहास

फारबिसगंज (अररिया) : फारबिसगंज का ऐतिहासिक काली पूजा मेला वकत के पेशे तथा प्रशासनिक उदासीनता के बलिवेदी पर चढ़ अपना गौरवशाली इतिहास खोने के कगार पर है। सोनपुर मेला की तर्ज पर सीमाचल में अपनी पहचान बनाने वाला यह मेला असुरक्षा की भावना तथा आधुनिकता की मार ने काफी हद तक प्रभावित किया है। प्रत्येक वर्ष काली पूजा के अवसर पर अक्टूबर माह में लगने वाला उक्त ऐतिहासिक मेला आज अपने अस्तित्व को बचाने में लगा हुआ है। कहते हैं नब्बे के दशक तक मेला लगने के साथ ही सीमाचल के अररिया जिला, किशनगंज, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार समेत पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से बड़ी संख्या में लोग फुरसत के क्षण निकाल कर विशेषकर मेले का आनंद उठाने आते थे। दर्शकों की भीड़ से पुरा मेला परिसर खचाखच भड़ा रहता था वहीं एक से बढ़कर एक नाच, तमाशे वाले, विभिन्न कंपनियों के स्टाल, मीना बाजार, बम्बई बाजार, खान-पान की दुकानें सहित पशुओं की खरीद-बिक्री के लिए वृहत पैमाने पर पशु मेला भी लगता था जिसमें बिहार प्रदेश के अलावे कई अन्य प्रदेशों से उंट, हाथी, घोड़ा, भेड़, बकरी, गाय, भैस आदि के विभिन्न नशलों की खरीद बिक्री आकर्षण को केन्द्र था वहीं व्यापारी का लाभ तथा सरकारी खाजाने में भी राजस्व प्राप्त होता था। किंतु नब्वे के दशक के बाद मेले में बढ़ी आपराधिक घटना तथा प्रशासनिक बेरूखी ने मेला के प्रति लोगों का आकर्षण को कम करती चली गयी। वहीं दुराज से आने वाले दुकानदारों, खेल-तमाशे वालों तथा स्थानीय दुकानदारों का मोह धीरे-धीरे भंग करती चली गई। आज आलम यह है कि यह मेला नाम मात्र का रह गया है। अश्लील थियेटर, जुआघर, होजी, बीडीओ हाल तक यह सिमट कर रह गया है। शाम ढलते ही मेले से खासकर महिलाओं को आना सुरक्षित नहीं माना जाता है। वहीं शराब व्यवसाय का भी यह मेला अच्छा ठिकाना बन गया है। इक्के-दुक्के दुकानदार खेल तमाशें वाले भय के माहौल में मेला में अपनी दुकानें सजाते है। प्रशासनिक स्तर पर भी ढिला, ढाल सुरक्षा व्यवसाय मेले की रही खई कसर भी पुरा कर देता है। मेला के लगते ही चोरी, छिनतई की घटनाओं में खासी वृद्धि हो जाती है। बड़ी पशु मेला की भी स्थिति जर्जर हो चुकी दिखती है। ऐसे में अपनी गौरवमयी इतिहास को बचा पाने में यह मेला कितनी सार्थक हो सकती है। यह सोचनीय मुद्दा है बावजूद इसके पिछले कुछ वर्षो से स्थानीय लोग मेले की दशा और दिशा सुधारने में जुटे हैं किंतु प्रशासन अब इस ओर कोई ध्यान नहीं दे पा रही है। कारणवश सरकार को राजस्व क्षति तथा आम लोगों के लिए मनोरंजन का यह केन्द्र धुंधला हो रहा है।

अररिया में हो रही विकास को पटरी पर लाने की कवायद

अररिया : नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास बसे अररिया जिले में विकास की गाड़ी को पटरी पर लाने की कवायद हो रही है। लेकिन उद्योग धंधों का सर्वथा अकाल, सरकार व उसके तंत्र की उदासीनता, गरीबी व अशिक्षा के कारण मंजिल अब भी कोसों दूर नजर आती है। हालांकि चमचमाती फोर लेन पथ व अररिया सुपौल राजमार्ग को अगर विकास का इंडेक्स मानें तो अररिया विकास की राह पर आरूढ़ लगता है, भले इसकी रफ्तार धीमी ही क्यों न हो।
जहां तक सड़कों का सवाल है अररिया में बात दूर तक गयी है। गांव गांव में सड़कें नजर आती हैं। पलासी, जोकीहाट, नरपतगंज व कुर्साकाटा जैसे इलाकों की बात करें तो ग्रामीण क्षेत्र में सड़क बन जाने से फर्क साफ दिखता है। लेकिन केवल सड़क बन जाने से रोजगार तो नहीं मिल सकता। जिले में उद्योग धंधे नहीं और शायद यही कारण है कि रोजगार के नये अवसर भी सृजित नहीं हो रहे।
मौजूदा दौर में जिले के अंदर कार्यरत प्लाई वुड फैक्ट्रियां जरूर रोजगार दे रही हैं। लेकिन अवसर सीमित ही हैं।
राजग सरकार के पहले कार्यकाल में फारबिसगंज अनुमंडल के गोगी पोठिया गांव में इथेनाल कारखाना लगाने की बात चर्चा में आयी थी। जिला प्रशासन ने इसके लिये जमीन भी चिंहित की, लेकिन केंद्र सरकार की एनओसी के पचड़े में पड़ कर बात ठंडे बस्ते में चली गयी। वहीं, बिजली की कमी व वित्तीय सुविधाओं के अभाव के कारण छोटे व कुटीर उद्योग भी नहीं पनप रहे। इस बात में संदेह नहीं कि रंगदारी व गुंडागर्दी जैसी बातों पर अंकुश लगने के कारण अब माहौल में सुधार हुआ है। लेकिन उद्यमियों को प्रोत्साहित कौन कर रहा? प्रशासन की ओर से पहल नगण्य है। बैंकों की ओर से किया गया अधिकांश वित्त पोषण एनपीए की जद में जा रहा है।
जानकारों के मुताबिक जिले में लगभग एक सौ ऐसे स्थान हैं, जिनका पर्यटन की दृष्टि से महत्व है, लेकिन वे अविकसित हैं। सरकार की ओर से उनके विकास की पहल हुई, लेकिन ढीली ढाली। प्रशासन ने भी पर्यटन स्थलों के विकास के नाम पर केवल खानापूरी की। तो फिर कैसे तेज होगी विकास यात्रा की गति?
जिले में बकरा, परमान, कनकई, रतवा, नूना व दीगर नदियां हैं, जिन पर बांध बना कर पन बिजली प्राप्त की जा सकती है। लेकिन बथनाहा में शिलान्यास के बावजूद पनबिजली उत्पादन कार्य शुरू नहीं हो पाया। क्या कोई बगैर बिजली विकास की कल्पना कर सकता है?
जिले का मानव संसाधन अपार है। लेकिन सरकार व प्रशासन की पहल के अभाव में यहां के चार लाख से अधिक युवा अपनी जन्मभूमि नहीं बल्कि हरियाणा पंजाब के गांवों की किस्मत संवार रहे हैं।
दरअसल, वर्षो की उपेक्षा से बेपटरी हो चुकी विकास यात्रा को पटरी पर आने में अभी सालों लगेंगे। जरूरत ईमानदार कोशिश की है।

मोटर साइकिल की चोरी

अररिया: सदर अस्पताल अररिया से गुरुवार की रात भाजपा कार्यकर्ता अनिल श्रीवास्तव की हीरो होंडा मोटर साइकिल संख्या बी.आर. 38 ए. 0879 चोरों ने चोरी कर ली। इसकी सूचना पीड़ित ने पुलिस को भी दिया है। पीड़ित श्रीवास्तव ने बताया कि रात के दस बजे अस्पताल के आगे अपनी गाड़ी लगाकर किसी रोगी को देखने गया। कुछ देर बाद लौटा तो गाड़ी गायब थी।
प्रभार
अररिया: इंदिरा आवास गबन मामले में रामपुर कोदरकट्टी पंचायत के मुखिया के जेल जाने के फलस्वरूप डीएम के आदेश पर जिला पंचायत राज पदाधिकारी कुमार सिद्धार्थ ने पंचायत के उपमुखिया उमेश कुमार मंडल को मुखिया का प्रभार देने का निर्देश बीडीओ को दिया है।

लोकतंत्र में अधिकारों के प्रति आमजन सजग

अररिया : भारतीय लोकतंत्र में व्यवस्था प्रणाली में अब अपने अधिकारों को पाने के लिए सजग हो गया है। सर्वजन हिताय एवं सर्व जन सुखाय की तर्ज पर दिये जा रहे किसी भी योजनाओं को शत प्रतिशत पाने के लिए लोग इतने सजग हो गये हैं कि वे थोड़ी भी अव्यवस्था को देख उतावले हो सड़क पर उतर जाते हैं। न कानून का भय और न ही पुलिसिया कार्रवाई का डर। जरा भी चूक देखते ही लोग धरना, प्रदर्शन यहां तक की सड़क पर उतर कर उग्र रूप भी धारण कर लेते हैं। इसका नतीजा पुलिस को ज्यादा भुगतना पड़ रहा है। वर्ष 2010 में ऐसे मामलों के आंकड़ों को देखे तो पुलिस को अपना आधा समय हुड़दंगियों के पीछे गंवाना पड़ा। खासकर गत अप्रैल की चक्रवाती तूफान ने तो जिले में काफी भयावह स्थिति पैदा की। तूफान में जान-माल की क्षति के बाद जिस प्रकार कई प्रखंडों के लोग उग्र हुए उससे लोगों को कुछ देर के लिए लगा कि जिले में कानून व्यवस्था की अब चीज नहीं रह गयी। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी काफी सूझबूझ से लोगों के उग्र तेवर को शांत करने में सफलता तो पायी लेकिन सरकारी कुव्यवस्था के प्रति आज भी आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।
वर्ष 2010 के जनवरी माह में शुरू हुई सड़क बाधित कर उग्र प्रदर्शन, धरना का दौर वर्ष के अंत तक जारी रहा। सबसे पहले लोगों ने बीपीएल सूची में अनियमितता के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके बाद गत मार्च महीने में एडीबी चौक के निकट कैदी भान की गाड़ी के चपेट में आने से एक बच्चे की मौत के बाद स्थानीय लोग इतने उग्र हुए कि पुलिस को लाठी चार्ज कर भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा। इस मामले में पुलिस ने एक दर्जन से नामजद एवं तीन चार सौ अज्ञात लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी। उसके बाद अररिया-पूर्णिया उच्च मार्ग समेत कई अन्य मार्गो पर आधा दर्जन से अधिक सड़क दुर्घटना के मामले में मशक्कत झेलनी पड़ी। यह दौर खत्म भी नहीं हुआ था कि चक्रवाती तूफान ने एकाएक जिले की हालात बदल दी। समय पर राहत नहीं मिलने से क्षुब्ध ग्रामीणों ने एक दर्जन से अधिक बार सड़क जाम, धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। इसी समस्या को लेकर सिमराहा थाना क्षेत्र के पांच सौ से ज्यादा ग्रामीण समाहरणालय पहुंचकर जमकर तोड़ फोड़ मचायी। यहां तक कि ग्रामीणों ने एक दारोगा को भी पीट डाला। ग्रामीणों की हुड़दंग बाजी बढ़ते देख पुलिस को कई चक्र गोलियां चलानी पड़ी। इसके कुछ दिन बाद गैयारी के ग्रामीणों द्वारा की गयी हुड़दंगबाजी को लेकर पुलिस दर्जनों चक्र गोलियां चलानी पड़ी। ग्रामीणों के पत्थर बाजी में एक दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गये। कई पुलिस गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर डाला गया। बाद में पुलिस को दो दर्जन से अधिक लोगों को नामजद एवं पांच सौ से ज्यादा अज्ञात लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी। इससे पूर्व ही अवैध वसूली को लेकर पुलिस ने कार्रवाई प्रारंभ की तो जीरोमाइल के सैकड़ों लोगों ने पुलिस के ऊपर हमला बोल दिया। अचानक हुई इस हमला को देखते पुलिस को दर्जनों चक्र गोलियां चलानी पड़ी। रानीगंज जाने वाली मार्ग पर अभिकत्र्ता द्वारा सड़क पर पानी नहीं पटाने के आक्रोश में सैकड़ों लोगों ने घंटों तक यातायात बाधित कर उग्र प्रदर्शन करता रहा। यहां तक कि छठ घाट की सफायी व्यवस्था से खिन्न श्रद्धालुओं ने घंटों बस स्टैंड पर उग्र प्रदर्शन कर दिया।
इसी तरह जिले के जोकीहाट, कुर्साकांटा, रानीगंज, फारबिसगंज एवं नरपतगंज प्रखंड के ग्रामीणों ने अपनी-अपनी मांगों को लेकर एक दर्जन अधिक बार सड़क पर उतरे।

नववर्ष पर युवाओं ने मनाया जश्न


अररिया, संस: नववर्ष के आगमन पर अररिया में जश्न का माहौल देखते ही बनता था। रात बारह बजे से ही नववर्ष के आगमन पर जमकर पटाखे फोड़े गये। रात भर बच्चे और नौजवान सुबह होने के इंतजार में जागकर काट दिये। जब सुबह हुआ तो बारिश से मानो ऐसा लगा आज मौसम जश्न मनाने वालों का साथ नहीं देगी लेकिन चंद घंटों में मौसम ने अपना मिजाज बदला। और जैसे ही मौसम साफ हुआ बच्चे नौजवान और छात्र छात्राएं मिलजुल कर पिकनिक स्पाट के तरफ निकलकर धीरे धीरे कृषि फार्म, मार्केटिंग यार्ड नहर के किनारे, पनार नदी के तटबंध पर भीड़ इकट्ठा होनी शुरू हो गयी। सारे गिले सिकवे और पिछले वर्ष की खट्टी मिठी वादों को भुलाकर नौजवानों ने नये साल का जमकर लुत्फ उठाया। पिकनिक स्थल पर मौजूद मनीष कुमार, इमरान, राजा, मुन्ना, मोजाहिद, नवाब, सोनू, परवेज और मो. इबरार ने बताया कि हम नववर्ष के मौके पर मुल्क में अमन शांति व भाईचारगी का कामना करते है।

नववर्ष पर बिजली व बीएसएनएल ने किया मायूस

अररिया : एक ओर जहां पूरा शहर नववर्ष की खुशियां मनाने में मशगूल था। हर तरफ जश्न ही जश्न का माहौल था। वहीं दूसरी ओर अपनी पुरानी आदत के मुताबिक बिजली और बीएसएनएल इस खास मौके पर शहरवासियों को मायूस करने की कोई कसर नहीं छोड़ी। रात में चंद घंटे बिजली रहने के बाद ऐसा गायब हुआ कि लोग टीवी के चैनलों पर नववर्ष के मौके पर दिखाये जा रहे रंगारंग कार्यक्रम देखने के लिए लोग तरस गये। लोग बिजली की तरफ बड़ी उम्मीद के साथ टकटकी निगाहों से देखते रहे। लेकिन बिजली तो बिजली है उसे आपकी खुशियों से क्या मतलब। हद तो तब हो गयी जब बीएसएनएल ने भी नववर्ष के सुबह से ही काम करना बंद कर दिया। जिस कारण लोग अपने मित्रों, परिजनों से न तो बातें कर पाये न ही नववर्ष की शुभ कामना संदेश ही भेज पाये।

लायंस क्लब ने किया गरीबों के बीच कंबल का वितरण

अररिया : नव वर्ष के उपलक्ष्य में लाइन्स क्लब अररिया के तत्वावधान में शनिवार को अररिया नप क्षेत्र के कई वार्डो में कंबल वितरण किया। नप क्षेत्र के गिदरिया, गाछी टोला, कबोड़वा बस्ती एवं आजाद नगर में क्लब सदस्यों ने पहुंचकर वहां के करीब तीन सौ गरीबों के बीच कंबल बांटा।
मौके पर संयुक्त सचिव मो. असलम एवं पंकज पाठक ने बताया कि लाइन्स क्लब एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है। आपदा के समय किसी भी देशों में यह क्लब राहत मुहैया तो कराती ही है। साथ ही मौके वे मौके पर गरीबों को यह संस्था कई तरह की सुविधाएं प्रदान करती है। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष हनुमान मल जैन, सचिव राजू भाटिया, वार्ड पार्षद तेतर पासवान समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।

कार्यपालिका की सुस्ती से बढ़ रहे लंबित मामले

अररिया : सीमावर्ती अररिया जिला के अधिकतर लोग गरीबी व तंगहाली के शिकार है, जो अपनी कई परेशानियों के कारण अदालत का दरवाजा खटखटाते रहे है। परंतु कार्यपालिका की सुस्त गति के कारण जहां लंबित मामले में लगातार इजाफा हो रहा है, वहीं न्यायार्थी न्याय के लिये तड़प रहे हैं।
विधि के जानकारों के अनुसार अगर तमाम व्यावहारिक दिक्कतों के बाद भी बुनियादी मामलों के अगर कार्यपालिका का ईमानदारी पूर्ण प्रशासनिक सहयोग मिले तो लोगों को सस्ता एवं शुलभ न्याय मिलेगा। परंतु एक ओर अररिया में अब भी न्यायाधीश की कमी, अदालत से जारी सम्मन की तामिला में देरी, आरोपियों की उपस्थिति में हो रहे बिलंब, अदालती प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी आरोपियों को हाजिर कराने में आनेवाली अड़चनें लंबित मामले निष्पादन में बाधा है।
सबसे बड़ी समस्या आपराधिक मामलों में सम्मन व वारंट का है, जिसकी तामिला की जिम्मेदारी पुलिस-प्रशासन की तत्परता पर निर्भर है। परंतु समय पर इन आदेशों का तामिला नहीं हो पाता और इस बीच अदालतों में तारीख-दर-तारीख पड़ते हैं, जिससे अदालत का कार्य बाधित रहता है।
उधर जिले में पुलिस के उपर अपराध पर काबू पाने की जिम्मेदारी के कारण इस ओर तत्परता का अभाव होता है। अदालत में लंबित मामलों के बढ़ते बोझ का कारक है तो यह मुद्दा बड़ा है।
अररिया की अदालत में हाल में दिये गये निर्णयों पर गौर किया जाय तो त्वरित न्याय दिलाने की कड़े परते उजागर होती दिखती है। न्यायार्थियों के चप्पलें घिस जाते है तथा घर के बीट्टे बेच दिये जाते हैं, बावजूद काफी देरी से उन्हें मिले इंसाफ का मूल कारण साक्ष्यों की उपस्थिति सामने आते रही है।
समान न्याय व्यवस्था के इस देश में आम नागरिक अब भी इससे कतिपय कारणों से वंचित है तथा धरातल पर सरकारी घोषणाओं की हवा निकलती दिखती अपने पक्ष में करने की जी-तोड़ कोशिश कर रहे है तो गरीब लोग विपन्नतावष न्याय पाने के लिये कचहरी का चक्कर काटने को विवश है। एक ओर जिले में आपराधिक मामलों के बढ़ने का मुख्य कारण तस्करी एवं घोटालेवाजी रहा है तो भू-विवाद भी आपराधिक मामले के पीछे मूल वजह कहा जाता है। परंतु कुर्साकांटा समेत कई अंचलों में नामांतरण मामले के निष्पादन में दूलमूल रवैया स्वामित्व के गलत व्योरे के कारण जमीन बिकने, भू-विवाद में मामले के निष्पादन की प्रक्रिया लंबी होने आदि है। अररिया में वर्तमान में एकमात्र ए.डी.जे प्रथम समेत छ: फास्ट ट्रैक कोर्ट है। जमानत अर्जी की सुनवाई ए.डी.जे. कोर्ट में होती है परंतु जमानत अर्जी सुनवाई के दौरान मांगी गयी केश डायरी समय पर उपलब्ध नहीं होते, जिस कारण सुनवाई टलती रही है। तो अदालत को डी.जी.पी. बिहार तक सख्त रूख दिखाते पत्र जारी किया जा रहा है।
अदालत में कई ऐसे मामले है, जिसमें अपराधियों के विरुद्ध गवाह अपनी गवाही देने का साहस नही कर पात। उधर मामले का मुख्य गवाह जहां 'होस्टाईल' होते रहे है, वहीं अनुसंधानकर्ता कई मामलों में हाजिर नहीं होते। पुलिस थाने में दर्ज रपटो का सरकार की ओर से नियुक्त अभियोग पक्ष पैरवी करते हैं, परंतु मामले दर्ज के मुकावले सरकार कितने वाद जीतते रही है?

भाकपा ने की बटराहा कांड की निंदा

अररिया : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अररिया ने गत दिन बटराहा पहुंचकर एसएसबी की फायरिंग से शिकार हुये लोगों की हालचाल पूछा और घटना की भ‌र्त्सना की।
पार्टी नेता कैप्टन एस.आर झा ने बताया कि इस फायरिंग कांड में एसएसबी जवान पूर्ण रूप से दोषी है। उन्होंने बताया कि सैकड़ों ग्रामीण इस बात का सबूत है कि जवान बिना सोचे-समझे ग्रामीणों पर फायरिंग कर चार लोगों को मौत की नींद सुला दिया और पांच लोगों को जख्मी कर दिया। उन्होंने मृतक के परिजनों को 10 लाख मुआवजा देने की मांग की। भाकपा ने उक्त जगह से बीओपी को हटाने की भी मांग की। इस अवसर पर सचिव वृजमोहन यादव महासचिव महेश कुंवर आदि मौजूद थे।

जर्जर बने हैं पुलिस थानों के भवन

अररिया : अपराध नियंत्रण की दिशा में सीमावर्ती अररिया जिले की पुलिस भले हीं सजग हो तथा अदालती फरमान के तहत अपराध कर्मियों की गिरफ्तारी बढ़ती जा रही हो। इसके बावजूद जिले के कई थानों एवं ओपी की स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है। आज भी कई थानों एवं ओपी को अपना भवन नहीं है और जहां हैं उनमें से अधिकतर जर्जर व खस्ताहाल बने हैं। आधुनिक सुविधाओं से वंचित इन स्थानों को देख फरियादियों के मन में कई सवाल उठते हैं। जिस कारण पुलिस सक्रियता के बाद भी अपराधियों को कोई मनोवैज्ञानिक प्रभाव नही पड़ता। वहीं दूसरे की सुरक्षा करने वाले खुद असुरक्षित है।
जिले के सीमावर्ती ओपी की तो स्थिति और बुरी है। कुर्साकांटा प्रखंड के सोना मनी गोदाम थाना अपने उद्घाटन काल से हीं भाड़े के मकान में चल रहा है, वहीं जोकीहाट के महलगांव तथा अररिया के बैरगाछी ओपी सामुदायिक भवन में चल रहा है। साथ हीं नगर परिषद क्षेत्र अररिया के पुराने बाजार आर.एस.का आउट पोस्ट भी वर्षो से भाड़े की मकान में है। यही स्थिति फुलकाहा ओपी की है जो भाड़े के एक टीन के मकान में संचालित है। इसी तरह की कमावेश स्थिति बथनाहा, घुटना व बसमतिया ओपी का भी है।
इस इलेक्ट्रोनिक युग में जहां भारत-नेपाल खुली सीमा जिले को संवेदनशील बनाये हुये हैं वहीं कहीं ओपी को अपना घर नहीं तो कई ओपी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में अपना काम निपटा रहा है। सोनामनी गोदाम जैसे आउट पोस्ट पहुंचने को लेकर लोगों को कई दिन पूर्व तैयारी के बाद भी पापड़ बेलने पड़ते हैं।
संवेदनशील इस जिले में पुलिस को सुविधा संपन्न होना तो दूर पुलिस के दायित्व का बोध दिलानेवाला स्थान स्वयं सुविधा विहीन है। साथ हीं इस स्थानों पर रहने वाले पुलिस अधिकारी भी भाड़े का मकान का प्राय: सहारा लेने को मजबूर है।
जिले में कुल 24 पुलिस थाना व ओपी हैं। परंतु वाहन, फोन, भवन व पुलिस बल की कमी इस क्षेत्र के लिये चुनौती पूर्ण है।
कई थानों में केस दर्ज कराने आये फरियादी को सादा कागज व कार्बन साथ लेकर जाना होता है। कई आउट पोस्ट चाहरदीवारी विहीन अपने को स्वयं असुरक्षित है। इन बातों के बावजूद जिले की पुलिस व पुलिस बल अपने को कितना निश्चिंत व शांत महसूस करते होंगे-यह सोचनीय है। उधर सीमा पार की भारत विरोधी गतिविधियां की चर्चा आम रहती है। जिसके लिये सीमावर्ती इस जिले की पुलिस को संसाधनों से मुस्तैद होने की जरूरत है। लेकिन कई परेशानियों से जूझ रहे यहां के पुलिस की कार्य क्षमता प्रभावित होना स्वाभाविक है तो अदालती फरमान को भी सर्वोपरि मानना उनकी बाध्यता कहलाती है। इससे फरियादों की बोझ भी बढ़ने लगता है।

आज होगा गौ सेवा पूजन महायज्ञ का समापन

अररिया : सार्वजनिक बाबा भूतनाथ मंदिर के प्रांगण में 21.12.10 से सार्वजनिक रूपों में प्रारंभ गौ सेवा पूजन महायज्ञ का समापन रविवार को होगा। इस संबंध में मंदिर के साधक बाबा बासुदेव जी महाराज बताया कि यह यज्ञ विश्व कल्याणार्थ के लिए इस कलिकाल में विदाई स्वरूप मनायी जा रही है जो जन-जन में व्याप्त आसुरी प्रवृति को निकाल फेंकेगी और एक स्वस्थ्य समाज के निर्माण में सहायक सिद्ध होगा। यह महायज्ञ तांत्रिक पद्धति के द्वारा महा मृत्युंजय से मनायी जा रही है। प्रतिमा को देखने के लिए श्रद्धालुओं की लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है। गौ सेवा पूजन महायज्ञ को सफल बनाने में चंदन कुमार, धीरज, शशि प्रकाश वर्मा, अनिल कुमार, विनय गुप्ता, दिलीप कुमार, विपिन कुमार, कालीचरण, रंजीत दास, मच्चु पासवान, शरूर आलम सहित स्थानीय ग्राम वासियों के द्वारा तथा काली मंदिर के साधक नानू दादा के द्वारा पूर्ण सहयोग की जा रही है।

झमाझम बारिश से खिले किसानों के चेहरे

अररिया : शुक्रवार की रात यानी वर्ष 2010 की अंतिम रात 12 बजते ही जहां लोग नये वर्ष 2011 के स्वागत के लिए पटाखे छोड़े वहीं भगवान इंद्र ने भी अपनी खुशी का इजहार बारिश कर के किया। 21वीं सदी के पहले दशक का अंत और दूसरे दशक की शुरूआत पर आम लोग सराबोर थे। बच्चे-बूढ़े सभी खुश दिख रहे थे। लेकिन पूरे देश के लोगों को खुशी देने वाला किसान वर्ष 2011 के शुरूआती घंटों में ही काफी खुश दिख रहे हैं। रात बारह बजे के बाद ज्यों ही झमाझम बारिश होनी शुरू हुई मानों किसानों के चेहरे खिलखिला उठे। महंगाई के कारण भाड़ा पर पंपसेट, होण्डा मशीन से फसलों में पानी पटाने में समस्या उत्पन्न हो रही है। लेकिन वर्तमान समय में खेत में लगे गेहूं, सरसो, तोड़ी, आलू, चना आदि के फसल को इस बारिश से काफी राहत मिली है। सिर्फ इसी का नतीजा है कि 2011 के प्रथम हीं दिन जिले के किसानों ने भगवान इंद्र को कुछ यूं गाड तूसी ग्रेट हो कहकर धन्यवाद दिया। अररिया बस्ती के किसान मनोधर झा, बांसबाड़ी के मो. अख्तर, घाट टोला के मो. रऊफ खरैया बस्ती के शिवानंद यादव, कुलानंद यादव आदि ने बताया कि यह झमाझम बारिश फसल के लिए सोने पे सुहागा साबित हुआ है।

सांस्कृतिक संध्या के साथ हुआ नववर्ष का स्वागत


फारबिसगंज(अररिया) : सामाजिक संस्था के ध्येय के बैनर तले शुक्रवार की देर शाम स्थानीय महावीर भवन परिसर में आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ उपस्थित लोगों ने नववर्ष 2011 का शानदार तरीके से आगाज किया। दीप प्रज्ज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्य पार्षद वीणा देवी ने नगर परिषद फारबिसगंज की ओर से नगरवासियों को नये साल की शुभ कामनाएं दी। फिर तराना म्यूजिकल ग्रुप पूर्णिया द्वारा प्रस्तुत विविध गीत और नृत्य के कार्यक्रमों का दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया। खासकर वर्धमान की गायिका सीमू पोद्दार द्वारा प्रस्तुत चुरा लिया है तुमने.. गीत तथा पायल और रीमा के नृत्यों को लोगों ने काफी सराहा। उद्घोषक मनोज भारती द्वारा जानकारी दी गयी कि नृत्यांगना पायल जन्म से ही कुछ बोल या फिर सुन नहीं पाती। कार्यक्रम मध्य रात्रि के बावजूद चलती रही और नववर्ष की खुशी में लोग गोता लगाते रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में रमेश सिंह, पवन मिश्र, राजेश उर्फ मंटू, दिलीप जायसवाल, अमरेन्द्र कुमार का सराहनीय योगदान रहा। इस अवसर पर रेणु वर्मा, सुचिस्मिता डे, रेखा पंकज, गौतम, इंदू कश्यप, जयकुमार अग्रवाल, तमालसेन, स्वप्न दास, पंकज रंजीत, राजीव मिश्र, पूनम पांडिया, नारायण शर्मा, क्रांति कुंवर, प्रदीप कुमार आदि उपस्थित थे।

विकास से अछूते सीमावर्ती गावों में सक्रिय हो रहे असामाजिक तत्व

सिकटी (अररिया) : भारत-नेपाल अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर बसे सिकटी प्रखंड के सामरिक महत्व वाले गांवों का आजादी के बाद अब तक समुचित विकास नहीं हो पाया है जिस कारण यहां भारत विरोधी शक्तियां सक्रिय हो रही हैं। भारत विरोधी कायरें में संलिप्त असामाजिक तत्व यहां के भोले भाले ग्रामीणों को बहका कर आज तस्करी सहित अन्य गैरकानूनी कायरें की ओर मोड़ने में सफल हो रहे हैं। जबकि सीमावर्ती गावों का विकास सीमा विकास योजना के तहत किये जाने की बात राजनेता समय समय पर करते रहे हैं किंतु सरजमींन पर यह आज तक नहीं उतर पाया।
सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण सिकटी प्रखंड सामरिक दृष्टि कोण से अति महत्वपूर्ण है। लेकिन सीमावर्ती गांवों में अब तक सड़क की सुविधा भी ठीक ढंग से मुहैया नहीं कराया गया है। इस इलाके के लोग अपनी जरूरतों की पूर्ति बीमारी का इलाज, दैनिक उपभोग की सामग्री आदि के लिए नेपाल के स्वास्थ्य केन्द्र व बाजार जाना आसान समझते हैं। सीमा पर बसे इस प्रखंड के पीरगंज, दहीपौरा, बोका, वारुदह, लेटी, मुरारीपुर, केलावाड़ी, सिकटी, सैदाबाद, सोनापूर, आमबाड़ी, कुचहा गांव वालों को प्रखंड एवं जिला मुख्यालय जाने के लिए आज तक सुगम रास्ता उपलब्ध नहीं हो सका है। इलाके के किसानों को फसल बिक्री केन्द्र नहीं रहने के कारण अपना अनाज नेपाल क्षेत्र में बेचना पड़ता है। इन क्षेत्रों मे शिक्षा के लिए बना विद्यालय अधिकारियों के द्वारा पर्यवेक्षण नहीं किये जाने से अधिकांशत: बंद पड़े रहते हैं। कई विद्यालयों में तो एसएसबी के कैंप स्थापित हैं। जिससे शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती है। इलाके में कोई उद्योग नहीं रहने से भी लोग बेरोजगारी की समस्या से ग्रसित हैं। सड़क, बिजली, समुचित स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा से महरूम ग्रामीणों को चन्द सियासी व असामाजिक तत्व भौतिक चकाचौंध का लालच देकर गलत रास्तों पर चलने को प्रेरित कर रहे हैं। लोग अपने जीवन यापन के लिए तस्कर माफियाओं के वाहक बन बैठे हैं।
वाहक के रूप में काम कर रहे कई लोगों ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि अगर यह काम rनही करें तो हमारे घर का चूल्हा नही जल पाएगा। यह ठीक हैं कि जीवन यापन के लिए खाद्य पदार्थो को उस पार भेजा जाता है लेकिन इस आड़ में हथियार एवं मादक द्रव्यों की तस्करी से इनकार नही किया जा सकता है। हाल के दिनों में कुचहा सीमा पर करोड़ों की हेरोइन बरामदगी इसका उदाहरण है। इस इलाके के लिए जब तक भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा सीमा क्षेत्र विकास योजना के तहत कार्य योजना बनाकर विकास नही कया जाता है, इस क्षेत्र की हालत सुधरने वाली नहीं है। खुली सीमा होने के कारण आतंकी गतिविधियों की संभावना बनी रहती है हालांकि नेपाल से सटे प्रखंड के सीमा क्षेत्र मे नौ एसएसबी कैंप स्थापित हैं तथा सिकटी थाना पुलिस भी सभी गतिविधियों पर नजर रखती है।

बसैटी: क्षेत्र की सड़कें हुई गढ्डों में तब्दील

बसैटी (अररिया) : रानीगंज प्रखंड के बसैटी, मोहनी, धोबिनिया, धामा, फरकिया, बौंसी सहित अन्य पंचायत की अधिकांश सड़कें गढ्डे में तब्दील हो गयी हैं। हल्की बारिश होने पर भी सड़के नरक बन जाती हैं और लोगों को घर से निकलना भी दूभर हो जाता है इलाके की कुछ सड़कें वर्ष 8-9 की प्रधानमंत्री सड़क योजना से पास होने के बावजूद भी सड़क निर्माण कार्य नही हो सका जिस कारण ग्रामीणों में आक्रोश है।
क्षेत्र की जिला पार्षद बेनजीर साकीर ने बताया कि रजोखर से मिर्जापुर होते हुए मोहनी धोबिनियां जाने वाली सड़क तथा बौसी कायत टोला इकड़ा कासर, फरकिया जाने वाली सड़क, भवानी नगर से ठोगा घाट जाने वाली सड़क मोहनी से वसैटी जाने वाली सहित विभिन्न 72 कि.मि. सड़क 8-9 के प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना के पास होकर डी.पी. आर भी बनकर तैयार है। पार्षद श्रीमती साकीर ने बताया कि आरइओ में पूछने पर यह बताया जाता है कि प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना में रुपए नही है जिस कारण काम शुरू नही किया जा रहा है।

भ्रष्टाचारियों के प्रोफाइल मामले अदालत में लंबित

अररिया : गरीबी, बेकारी व अभाव से ग्रसित सीमावर्ती अररिया जिले वासी जहां समृद्धशाली भारत बनाने का सपना संजोयें हैं, वहीं इस जिले पर काली कमाई करने वालों की नजर लग गयी है, जिस कारण वर्ष 2010 जहां घपले-घोटालों के मामले में सुर्खियों में रहा है। इस तरह अदालती रिकार्ड में भी प्रशासनिक व्यवस्था के अब्बल कुर्सीधारकों से संबंधित कई प्रोफाईल मामले दर्ज है, जिन्होंने भ्रष्टाचार की काली छाया से अपनी कुर्सी को दागदार बना दिया है। वर्षो से जारी प्रशासन की दुल-मुल नीति के कारण अधिकतर सरकारी योजनाएं जहां धरातल पर नहीं पहुंच सका। वहीं अपने निर्धारित लक्ष्य पुरा करने से वंचित होते रहे।
जिस कारण षडयंत्रपूर्ण नीति, खर्च पर खर्च, पेंच पर पेंच तथा भ्रष्टाचार के फैले रोग इस जिले में चरम पर रहा। इस कारण भ्रष्ट सरकारी तंत्रों ने अपनी मर्यादा स्वयं तोड़ते रहे और अधिनस्थ अधिकारियों की मिली भगत से सरकारी आवंटन पर नजर गरा दिया। इस परिस्थिति में भ्रष्टाचार की चरम सीमा इस जिले में पर होती रही। स्थिति ऐसा आया कि भ्रष्टाचार से ग्रसित इन सरकारी महकमें के विरुद्ध छोटे होहदे वाले तंत्र भी जमकर आवाजें बूलंद की तथा निचले कुर्सी वाले वरीय अधिकारियों के फरमान पर इन भ्रष्ट लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते-कराते रहे।
घपले-घोटाले के लगातार उठ रहे परतों के बाद अररिया के तत्कालीन जिला पदाधिकारी, तत्कालीन उप विकास आयुक्त तथा अनेकों अभियंताओं सेलेकर कई प्रशासनिक अधिकारी व उनके अधीनस्त कर्मी के विरुद्ध सरकारी राशि हड़पने के आरोप सामने आता गया।
इस बड़े घोटाले के उजागर होने के बाद यहां की जनता ने करोड़ों रािश के गवन को सून भौचक हो उठे तो उंची कुर्सी को दागदार करने के मामले उस वक्त और ताजा हो गया, जब सीएम नीतीश कुमार ने विकास यात्रा के दौरान अररिया पहुंच अपनी समीक्षात्मक बैठक की। अन्यथा इस जिले में भ्रष्टाचारियों की छाया से कानून का अंधेरा छाया रहता।
अररिया थाने में 24 जून, 10 को कांड संख्या 283/10 दर्ज हुआ। जिसमें पूर्व डीएम अमरेन्द्र कुमार सिंह, डीडीसी बाल्मिकी प्रसाद व पूर्व कार्यपालक अभियंता को नामजद अभियुक्त किया गया। आठ करोड़ सरकारी राशि के आरोप में दर्ज इस प्राथमिकी के तार इस तरह जुटते गये की बाद में स. अभियंता दीपक कुमार, मुकेश कुमार, समेत बीर बहादुर सिंह, धनपत मोदी एवं त्रिवेणी प्र. शर्मा को भी आरोपित किया गया।
सूत्र बताते है कि आठ करोड़ सरकारी राशि अररिया के तत्कालीन डीएम अमरेन्द्र कुमार के समयकाल आवंटित हुए थे। जिसे सहायक अभियंता दीपक कुमार के नाम पांच करोड़ 99 लाख 80 हजार, मुकेश कुमार सिंह के नाम एक करोड़, अभियंता वीर बहादुर सिंह के नाम 25 लाख, धनपत मोदी के नाम 50 लाख, त्रिवेणी प्र. शर्मा के नाम 25 लाख इंदिरा आवास रुपए एकाउन्ट में चेक के माध्यम दिया गया। परंतु उक्त राशि के तहत इंदिरा आवास बनाया या नही, व्यय प्रतिवेदन तथा उपयोगिता प्रमाण पत्र कार्यपालक अभियंता द्वारा डीआरडीए को उपलब्ध नही कराया गया। इस मामले में वित्तीय वर्ष 04-05 के लिये आवंटित इंदिरा आवास मद का आठ करोड़ राशि का अरोप है जिसकी नियम के विरुद्ध राशि उठाव के बाद इन सरकारी राशियों का साजिस के तहत गठन कर लेने का आरोप है। इसी घटना को लेकर सी.एम. नीतीश कुमार ने दोषियों के विरुद्ध डीएम को निर्देश दिया था।
उधर अररिया के थानाध्यक्ष रामशंकर सिंह ने पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अररिया थाना कांड संख्या 481/10 दर्ज कराया। जालसाजी, धोखाधड़ी के इस मामले में पूर्व उप विकास आयुक्त एमएम तलहा साजिद को नामजद अभियुक्त बनाया गया। 15 नवंबर 10 को दर्ज इस मामले में पिछले 15 जूृन 2000 से 10 जनवरी 01 तक की घटना का उल्लेख है। जिसमें सरकारी निर्देश का उल्लंघन करने तथा निजी लाभ के लिए अपराधिक षडयंत्र कर इंदिरा आवास योजना की राशि का गबन व बंदवाट का उल्लेख है।
डीआरडीए अररिया के निर्देशक मो. जफर रकीब ने 12 जनवरी, 10 को अररिया कांड संख्या 29/10 दर्ज कराया, जिसमें जालसाजी व सरकारी कार्य में बाधा डालने आदि के आरोप लगाते सेवानिवृत लेखापाल एके सिंह को आरोपित किया है। उधर 16 अप्रैल 10 को फारबिसगंज के एसडीओ कुन्दन कुमार ने स्थानीय बीडीओ अजय ठाकुर, कनिय अभियंता बीर बहादुर सिंह समेत कई मुखिया व सरकारी कर्मियों को आरोपित किया। इस मामले में जालसाजी व धोखाधड़ी कर सरकारी राशि षडयंत्रपूर्ण ढंग से हड़पने का आरोप है। अररिया के बीडीओ संजय कुमार ने अपने हीं कार्यालय नाजीर के विरुद्ध कांड संख्या 07/10 दर्ज कराया है।
पुन: अररिया के बीडीओ ने 17 जनवरी 10 को कांड संख्या 37/10 दर्ज कराया, जिसमें जालसाजी कर सरकारी राशि गबन का आरोप लगाया गया तथा इसमें तत्कालीन नाजीर (निलंबित) रामेश्वर प्र. मंडल को नामजद अभियुक्त बनाया गया।
सिनटी के बीडीओ मो. अतहर हुसैन ने सिकटी थाना कांड संख्या 17/10 दर्ज कराया, जिसमें पंचायत सचिव देवी सरदार समेत चार लोगों को आरोपित किया गया।
यही हाल पिछले 2009 में भी रहा। इसे घपले-घोटाले के मामले में अररिया क पूर्व बीडीओ समेत सरकारी तंत्र आरोपित हुये थे। जरूरत है लोगों को सचेत होने की। अन्यथा निर्दोष के विरुद्ध कीचड़ उठाने के बदले मोटी चमड़े वाले अधिकारियों को सबक सिखाने होगे।

पुल के अभाव में नहीं बदल रही गांवों की किस्मत

अररिया : बनगामा, देवरिया, घघरी, पैकटोला, व कमलदाहा जैसे दो दर्जन से ज्यादा गांवों के साथ एक अजीब संयोग जुड़ा है। इन गांवों में पुल नहीं होने के कारण न केवल ग्रामीण यातायात बाधित है, बल्कि तमाम संभावना के बावजूद इनका विकास नहीं हो रहा। लोगों को आज भी नदी पार करने के लिये बैलगाड़ी का सहारा लेना पड़ता है।
देवरिया व बनगामा में कभी राजाओं की तूती बोलती थी, लेकिन आज पिछड़ेपन का अंधेरा सर चढ़ कर बोलता है। इसका प्रमुख कारण है ग्रामीण सड़कों पर पुलों की कमी।
देवरिया के निकट कोठी घाट पर ब्रिटिश जमाने में काठ का पुल बना था। सारी लकड़ी चोरी हो गयी। अब लोगों को पैदल तैर कर पार करना पड़ता है।
बनगामा के मुखिया अब्दुल मतीन ने बताया कि कोठी घाट में सौरा नदी पर बने पुल की मरम्मत नौ दस साल पहले की गयी थी, लेकिन चोरों ने सारी लकड़ी चुरा ली। वहीं दुलारदेई नदी पर डुमरा पुल की भी यही स्थिति है। इन दो प्रमुख पुलों के बन जाने से डुमरा, करंकिया, लताहारी, सैदपुर, इकड़ा, सिंघिया, चनका, बानसर, बारीघाट, बसैटी सहित दो दर्जन से अधिक गांवों की तस्वीर बदल सकती है। मुखिया मतीन के मुताबिक इलाका धान उपजाने वाला है। घर में महिला पुरुष सब मिल कर धान से चावल बनाते हैं और मर्द चावल के बोरों को अपनी साइकिल पर लाद कर अररिया स्थित मंडी तक पहुंचाते हैं। लेकिन खराब सड़क और नदी पर पुल नहीं होने की वजह से उन्हें बेहद परेशानी झेलनी पड़ती है।

अस्पताल से पुलिस तक नहीं जा रही सूचना

कुसियारगांव (अररिया) : सदर अस्पताल की अव्यवस्था के कारण इलाज के लिये हास्पिटल पहुंचने वाले कतिपय संगीन मामलों की सूचना पुलिस तक नहीं पहुंच पाती।
जानकारी के मुताबिक ऐसे डेढ़ दर्जन से अधिक मामलों में मरीज का इलाज भी हुआ पर चिकित्सक द्वारा लिखा इंफार्मेशन स्लिप पुलिस तक नहीं पहुंचा। विगत 26 जून से अबतक लगभग 31 ऐसे मामले अस्पताल में ही दबे रह गये। संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मामले को थाना तक भेजा ही नहीं गया।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब पीड़ितों के बयान लेने उनके पास पुलिस का कोई अधिकारी अस्पताल तक नहीं पहुंचा। पीड़ित के परिजन अस्पताल से थाना तक का चक्कर लगाते रहे। इस संबंध में जब कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तहकीकात की तो देखा कि ओडी स्लिप थाना गया हीं नहीं। मामला बिगड़ते देख स्वास्थ्य प्रबंधक विकास कुमार ने पुलिस के लिए लिखे इंफार्मेशन स्लिप को थाना भेजवाया।
अस्प्ताल की उपाधीक्षक
डा. हुस्न आरा वहाज ने पूछे जाने पर बताया कि ऐसे मामले पुलिस के पास जाता ही है पर कभी-कभी स्टाफ की कमी या पीड़ित के परिजनों द्वारा भाग जाने के कारण ओडी थाना तक नहीं पहुंचता। उन्होंने मामले की छानबीन करने की बात कही।

ट्रैक्टर शो रूम कर्मचारी के ढाई लाख रुपये गायब

अररिया : अररिया जीरोमाईल स्थित सोनालिका ट्रैक्टर शो रूम के कर्मचारी मो. अनवारूल हक के पास से गुरुवार को कचहरी परिसर से ढाई लाख रुपये गायब हो गये। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। इस मामले में पुलिस ने कर्मचारी को भी जांच के दायरे में लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्मचारी हक एडीबी बैंक से राशि निकासी कर कचहरी परिसर में एक स्टांप भेंडर के पास गया। बगल के कुर्सी पर राशि से भरा थैला रखकर कोई कागजात भेंडर को देने लगा। इसी बीच थैला गायब हो गया।

कमाल क्वैक का: छोटी बीमारी महंगा इलाज

अररिया : छोटी बीमारी महंगा इलाज यानी कमाई के साथ-साथ नाम का लोभ भी कि देखो कितने कम पैसों में इलाज हो जा रहा है। ख्याति भी, साथ ही सेवा 24 घंटे। क्यों न गांवों में फल-फूले झोला छाप चिकित्सा प्रणाली?
सत्ता व शासन द्वारा स्वास्थ्य सेवा के मामले में गांवों की उपेक्षा से उत्पन्न ग्रामीण क्षेत्रों में झोला छाप चिकित्सीय ढांचा सर्वशक्तिमान बना हुआ है। बीमारी को लेकर शहर या अस्पताल पहुंचने में दो से तीन घंटे लगते है,लेकिन झोला छाप पांच मिनट में ही दरवाजे पर उपलब्ध। उस पर भी पैसे का कोई झमेला नहीं। उधारी काम, बाद में भी मिलेगा तो चलेगा।
लेकिन इन रोगियों को यह पता नहीं है कि सामान्य बीमारी में भी उनका हर तरफ से शोषण ही होता है। जहां पचास से एक सौ रुपये में सामान्य बीमारी का इलाज संभव है। उसके लिए उन्हें पांच सौ से एक हजार रुपये चुकाना पड़ता है। इसका मूल कारण है झोला छाप डाक्टरों के नालेज व अनुभव में कमी। एक चिकित्सक किसी भी बीमारी में रोगी को एक एंटीबायटिक देते हैं लेकिन झोला छाप चार से पांच। कोई तो सूट कर ही जायेगा। अधिक दवा देने से अलग से भी कमाई।
इस संबंध में एक चिकित्सक बताते हैं कि झोला छाप डाक्टरों को सस्ता इलाज करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है,अन्यथा रोगियों को स्थिति बिगड़ती रहेगी। इसका मुख्य कारण हाल के दिनों में दवा के मूल्य में वृद्धि होना भी बताया जा रहा है।

महादलित बस्ती को तारनहार की प्रतीक्षा

बसैटी (अररिया) : रानीगंज प्रखंड अंतर्गत बसैटी पंचायत की महादलित बस्ती जठामुहसरी व भड़ेली मुसहरी आजादी के दशकों बाद भी विकास की रोशनी से कोसों दूर है। स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, वृद्धापेंशन सहित जनकल्याणकारी योजनाएं भी सही तरीके से लाभुकों तक नहीं पहुंच पा रही है। जबकि रानीगंज विधान सभा क्षेत्र का 1967 से ही दलित जाति के लोग ही प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। अधिकांश विधायक मंत्री पद पर भी आसीन रह चुके हैं। इसके बावजूद रानीगंज प्रखंड के दलित व महादलित बस्तियों का कल्याण नहीं हो सका। गुणवंती गांव के महान स्वंत्रता सेनानी गणेश लाल वर्मा 1962-67 तक क्षेत्रीय प्रथम विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व किये। उसके बाद यह विधान सभा सीट आरक्षित कर दिया गया। उसके बाद प्रथम महादलित जाति के कांग्रेसी उम्मीदवार डुमर लाल बैठा विधायक पद पर आसीन हुए तथा आज इसी दलित व महादलित समुदाय के लोग प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। ग्रामीण नंद देव ऋषिदेव, राम देव ऋषिदेव, मुनिया देवी, जामुन ऋषिदेव आदि ने बताया कि इन क्षेत्रों में सरकारी योजनाएं बिचौलियों की भेंट चढ़ रही है। कुछ लोगों को इंदिरा आवास मिले भी तो आधी रकम बिचौलियों के पाकेट गर्म करने में चली गयी। वहीं झोला छाप डाक्टरों पर आश्रित रहना यहां के लोगों की विवशता बनी हुई है। जठा मुशहरी जाने वाली सड़क पर कई गड्ढे उग आये हैं। आरसीसी पुलिया के अभाव में बरसात में घरों से निकलना दुभर हो जाता है। दर्जनों गरीबों का नाम न तो एपीएल में है ना ही बीपीएल में। बिजली विभाग की उदासीनता के कारण लालटेन युग में यहां के लोग जीने को विवश हैं।

बटराहा गोली कांड के पीड़ितों को मुआवजे की मांग

अररिया : जमीअतुल उलमा हिंद अररिया के जेनरल सेक्रेटरी बजनुर्रहमान ने राज्य व केन्द्र सरकार से बटराहा गोली कांड के मृतक एवं घायलों को अविलंब मुआवजा उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने अफसेस के साथ कहा कि घोषणा के बावजूद मुआवजा राशि नहीं दिया गया है जिस कारण पीड़ितों को काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने मांग की है कि आवासीय इलाके से अविलंब एसएसबी कैंप हटाया जायें। मृतक के परिजन को दस लाख व घायलों को पांच लाख रूपये दिये जायें साथ ही आरोपी एसएसबी के जवान के खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाकर जल्द से जल्द सजा देने की मांग कीI

जख्मी किया

कुसियारगांव (अररिया) : अररिया से अपने गांव बासबाड़ी जा रही टेंपू से मो. शैयाद की पुत्री बीबी फुरकी वाहन से गिर जाने के कारण बुरी तरह जख्मी हो गयी जिसे इलाज के लिए सदर अस्पताल अररिया में भर्ती कराया गया, स्थिति नाजुक देख चिकित्सक डा. शरद कुमार ने पुलिस को सूचना देते हुए पूर्णिया रेफर कर दिया।

समर्थकों ने किया विधायक का नागरिक अभिनंदन

पलासी(अररिया) : नवनिर्वाचित विधायक सरफराज आलम ने शुक्रवार को जोकीहाट विधानसभा अंतर्गत पलासी प्रखंड के विभिन्न गांवों में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में भाग लिया। विधायक श्री आलम ने पलासी प्रखंड के भतौंजा, कुजरी हटिया व सोहंदर हाट में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में भाग लिया। समर्थकों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया।
इस क्रम में विधायक ने लोगों के उम्मीदों पर खरा उतरने का भरोसा दिलाया। मौके पर विश्वनाथ चौधरी, रामेश्वर वि., जिप सदस्य शब्बीर अहमद, मो. मुख्तार आलम, रामप्रसाद सिंह, रफीक आलम, वाजुद्दीन आदि उपस्थित थे।

विभिन्न कांडों में संलिप्त अपराधी गिरफ्तार

पलासी(अररिया) : पलासी थाना पुलिस ने डेहटी गांव के चर्चित मो. आदिल हत्याकांड पर्दाफाश करते हुए हत्या में शामिल एक अपराधी मो. ममनून को गुप्त सूचना के आधार पर गुरुवार को डेहटी गांव से गिरफ्तार किया है। इस क्रम में पलासी थाना पुलिस ने चोरी की एक हीरो होंडा शाईन मोटरसाइकिल भी बरामद की है। गिरफ्तार अपराधी डेहटी गांव का रहने वाला जाता है। गौरतलब हो कि करीब छह माह पूर्व डेहटी गांव के युवक मो. आदिल की 25 जुलाई 2010 की रात्रि गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस बाबत मृतक के पिता मो. आबिद हुसैन द्वारा पलासी थाना में अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध कांड संख्या 104/10 के तहत मामला दर्ज कराया गया था। इस बाबत पलासी थानाध्यक्ष आरबी सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी मो. ममनून पूर्णिया जिले के फरियानी गांव के कुख्यात अपराधी मो. शहनवाज गैंग का सक्रिय सदस्य है। जिसके साथ मिलकर आदिल हत्याकांड को अंजाम दिया। साथ ही उन्होंने हत्या का कारण अवैध संबंध बताय। साथ ही थानाध्यक्ष श्री सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी ने अररिया के करीब एक दर्जन विभिन्न कांडों में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है।

प्रधानाध्यापक के स्थानांतरण की मांग पहुंची विधायक के पास

जोकीहाट(अररिया) : प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय करहोबना के प्रधानाध्यापक मो. मुर्तजा उर्फ बबलू की मनमानी के खिलाफ दर्जनों ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय में लिखित आवेदन सौंपकर जांच की मांग की है। आवेदन के अनुसार उक्त प्रधानाध्यापक पर एमडीएम चावल गबन, पोशाक राशि में गड़बड़ी, विद्यालय से अनुपस्थित रहने, पठन पाठन में रुचि नहीं लेने आदि का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गयी है।
ग्रामीणों में विशिस के पूर्व अध्यक्ष मो. एकराम, अबरार आलम, जावेद, मोहिद ने गुरुवार को विधायक सरफराज आलम से मिलकर प्रधानाध्यापक की मनमानी की शिकायत की। ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि विद्यालय व्यवस्था में सुधार की बात करने पर प्रधानाध्यापक ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज करा देते है। अब तक कई मुकदमा ग्रामीणों पर दर्ज करा दिया गया है। ग्रामीणों ने विधायक से उक्त शिक्षक के विद्यालय से स्थानांतरण की गुहार लगायी है। इस सिलसिले में पूछे जाने पर प्रधानाध्यापक मो. मुर्तजा ने अपने ऊपर लगे आरोप को बेबुनियाद बताया।

जर्जर संपर्क पथ से हो रही आवागमन में परेशानी


जोकीहाट(अररिया) : जोकीहाट प्रखंड अंतर्गत सिमरिया पंचायत के धोबनिया चौक के निकट यमुना धार में धोबनिया बागमारा सड़क पर पुल के दोनों ओर एप्रोच पथ में गढ्डा हो जाने से चार पहिया वाहनों के आवागमन में कठिनाई हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि पुल का निर्माण लगभग नब्बे लाख से अधिक की प्राक्कलित राशि से किया गया है। निर्माण के एक वर्ष के दौरान ही पुल के दोनों ओर एप्रोच पथ धंस गया है। कभी भी कोई अप्रिय घटना हो जाये तो आश्चर्य की बात नही होगी। धोबनियां, बागमारा, बलुआ, सुखसेना गांव के लोगों ने बताय कि उक्त पुल जोकीहाट पलासी के दर्जनों गांव को जोड़ता है। उन्होंने बताया कि बड़ी मुश्किल से उक्त धार पर पुल निर्माण कार्य सरकार ने करवाया लेकिन देखरेख के बिना उक्त पुल से यातायात मुश्किल हो रहा है। रात के अंधेरे में अनजान वाहन चालक इस पुल पर दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है।

बिना सिर के बच्चे का जन्म, बना कौतूहल का विषय

अररिया/कुसियारगांव जाटी: सदर अस्पताल अररिया में शुक्रवार को रजोखर निवासी बीबी तरन्नुम ने अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। नवजात शिशु एक बच्ची थी और उसे सिर ही नहीं था। वह आधा घंटा तक जीवित रही। तमाम प्रयास के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।
इस दौरान वह अस्पताल में उपस्थित लोगों के लिए कौतूहल बना रहा। जहां जिसे यह खबर मिली वैसे ही वे बच्ची को देखने के लिए उमड़ पड़ी। बच्ची के गले के ऊपर ही मुंह और आंखें थी। बच्ची का वजन करीब दो किलो बताया था। डयूटी पर तैनात चिकित्सक डा.एसके सिंह ने बताया कि इस तरह बच्ची का जन्म जन्मजात विकृति से होता है,जिसे एनेनकेफली भी कहा जाता है। इसीलिए किसी गर्भवती महिला को तीन माह के बाद से अल्ट्रासाउंड कराते रहना चाहिए ताकि गर्भस्थ बच्चे का सही विकास पर नजर बनी रहे

प्रेम प्रसंग का विरोध करने पत्‍‌नी को पीट कर किया अधमरा

कुसियारगांव (अररिया) : सरकार भले ही महिला उत्पीड़न को लेकर विशेष अभियान चला रही हो पर पुरुष प्रधानता अब भी बरकरार है। जहां महिलाओं को शारीरिक से लेकर आर्थिक दंड तक जला देना इत्यादि मामले आम बात हैं।
जानकारी के अनुसार नगर थाना क्षेत्र के बेलवा बंगाली टोला के शुक्रवार को पति मो. बब्लू ने पत्‍‌नी बीबी शाहाबी को प्रेम-प्रसंग का विरोध करने के कारण पीट-पीट कर अधमरा कर दिया और मरा समझकर घर में बंद कर दिया। पीड़िता की पुत्री पांच वर्षीय बबली ने इसकी सूचना गांव में ही मामा इत्यादि को दिया तब कहीं जाकर महिला को इलाज के लिए सदर अस्पताल अररिया में भर्ती कराया गया। समाचार प्रेषण तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी थी। अस्पताल द्वारा सूचना थाना को भेज दिया गया है।

लकड़ी का पुल का तख्ता गायब

सिकटी (अररिया) : प्रखंड क्षेत्र के घाघी पुल के पास बना लाखों का लकड़ी का पुल का तकता गायब हो गया। बताते चले की वर्ष 2003 में सुनिश्चित रोजगार योजना अंतर्गत ततकालीन विधायक आनंदी प्रा. यादव के सहयोग से इस लकड़ी के पुल के जगह पक्की पुल बनाया गया था। इससे पहले इस मार्ग पर लकड़ी का पुल ही एक मात्र सहारा या गत सात वर्षो में उक्त लकड़ी के पुल का सारा तक्ता गायब हो गया। यदि प्रशासन व जनप्रतिनिधि चाहते तो उक्त पुल को उखाड़ कर कहीं दूसरे जगह पुल दिया जा सकता था। लेकिन जनप्रतिनिधियों व प्रशासन के ठुलमुल रवैये के कारण लाखों की लकड़ी देखते ही देखते गायब हो गयी है। जिससे सरकार को लगभग लाखों की राजस्व की क्षति हुई है। जानकारी के अनुसार उक्त पुल की लकड़ी को ग्रामीणों द्वारा उखाड़ कर अपने घर के सामानों में प्रयोग किया गया है। यदि प्रशासन समय रहते उक्त लकड़ी के पुल को कहीं दूसरे सड़क के कटिंग में लगा देते तो सिकटी प्रखंड क्षेत्र के सड़कों पर एक कटिंग कम हो जाता।

वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए जागरुकता शिविर

मयनागुड़ी : लाटागुड़ी से चालसा जाने वाली एनएच 31 पर आठ किलोमीटर विस्तीर्ण जंगल में वन्य प्राणी आजादी के साथ घुमते है। इस सड़क पर धीमी गति से वाहनों को चलाने, तेजी से हार्न न बजाने, पिकनिक जाने वाले वाहनों को उंची आवाज में माइक न बजाने की अपील कर लाटागुड़ी ग्रीन लेवल वेलफेयर सोसाइटी की ओर से वन विभाग के बिछाभांगा रेंज के सामने चार दिवसीय जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया है। 30 दिसंबर से शुरू हुए इस जागरुकता शिविर में ग्रीन लेवल वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने जलपाईगुड़ी वन्यप्राणी विभाग दो, जलपाईगुड़ी वन विभाग और मयनागुड़ी रोड पर्यावरण प्रेमी संगठन के सदस्यों के सहयोग से जंगल में प्रवेश करने वाले वाहनों को रोककर जंगल के सड़क पर हार्न न बजाने, गति धीमी करने व पिकनिक के वाहनों को जंगल में बाक्स व माइक न बजाने की अपील की गई। वाहन चालकों को इसे लेकर लिफलेट भी वितरण किया गया। ग्रीन लेवल वेलफेयर सोसाइटी के सचिव अनिर्बान मजूमदार ने बताया कि पिछले तीन साल से इस शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जंगल के वन्य प्राणियों को शोरगुल से बचाने के लिए और वाहनों के धक्के से वन्य प्राणियों की मौत को रोकने के लिए दो जनवरी तक शिविर सुबह आठ बजे से दोपहर के तीन बजे तक चलेगी। जलपाईगुड़ी वन्य प्राणी विभाग दो के डीएफओ सुमिता घटक व जलपाईगुड़ी वन विभाग के डीएफओ कल्याण दास ने स्वयंसेवी संगठन के इस पहल को सराहा है।

केरोसिन की कालाबाजारी धड़ल्ले से

फारबिसगंज (अररिया) : विभागीय उदासीनता के कारण गरीबों के घरों को रोशनी करने वाला किरासन तेल धड़ल्ले से कालाबाजारी में बेची जा रही है। वहीं गरीब अपने घरों में उजाला करने के लिए 30-35 रुपये लीटर किरासन तेल कालाबाजारी से खरीदने को विवश हैं।
जानकारों की माने तो फारबिसगंज अनुमंडल क्षेत्र में किरासन तेल की कालाबाजारी धड़ल्ले से की जा रही है। यही नहीं किरासन तेल का उपयोग जेनरेटर व पंप सेट चलाने में किए जाने से बाजार में इसकी मांग भी बढ़ गयी है। सूत्र यह भी बताते हैं कि अनुमंडल मुख्यालय में कई ऐसे स्थान हैं जहां गुप्त रूप से कालाबाजारी का किरासन एकत्रित किया जाता है और उसे बाद में पड़ोसी देश नेपाल भेज दिया जाता है। प्रशासनिक उदासीनता के कारण एक तरफ गरीब ऊंची कीमत पर किरासन खरीदने को विवश हैं वहीं कालाबाजारी के धंधे से जुड़े लोग मालामाल हो रहे हैं।

नारी शक्ति ही राष्ट्र की शक्ति: जाधव

फारबिसगंज(अररिया) : शांतिकुंज हरिद्वार एवं गायत्री परिवार फारबिसगंज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्र जागरण दीप महायज्ञ का समापन शुक्रवार को हो गया। इससे पूर्व अपने प्रवचन के दौरान महात्मा ओमप्रकाश जाधव ने उपस्थित धर्मानुरागियों को संबोधित करते हुए कहा कि नारी शक्ति ही राष्ट्र की शक्ति है। उन्होंने नारी जागरण पर बोलते हुए कहा कि यज्ञ स्थल पर उपस्थित माता एवं बहनों को वेद माता भगवती देवी के उपदेशों को आत्मसात करने की आवश्यकता है। कहा कि घर के वधू के साथ बेटी जैसा व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने नर नारी, बेटा बेटी एक समान होने की बात कहीं। मौके पर शारदा देवी, सुनीता उपाध्याय, सरस्वती देवी, चंद्रकला देवी, लीलाधर प्रसाद, केपी, मंडल, हिमालय सर्राफा, बुटन साह, विनोद कुमार तिवारी, मनोज तिवारी, सन्नी कुमार, हर्ष नारायण दास सहित दर्जनों की संख्या में महिला व पुरुष उपस्थित थे।

जाम की समस्या

फारबिसगंज: शहर के मुख्य सड़कों पर निर्धारित समय में नो इंट्री वाले क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश जारी है। जिस कारण रोजाना सड़क पर जाम की समस्या से शहरवासी त्रस्त है। नो इंट्री को बोर्ड लगे रहने के बावजूद नियमों को ताक पर रख कर वाहनों का परिचालन किया जा रहा है। शहर वासियों ने कड़ाई से नो इंट्री नियम को लागू करवाने की मांग प्रशासन से की है।

मधेपुरा डकैती मामले में आभूषण व्यवसायी व पुत्र गिरफ्तार

फारबिसगंज(अररिया) : मधेपुरा के जदयू जिलाध्यक्ष के घर बीते दिनों हुई डाकेजनी की घटना के मामले में मधेपुरा पुलिस ने शुक्रवार को फारबिसगंज पुलिस के सहयोग से स्थानीय एक आभूषण व्यवसायी के जैन धर्मशाला के समीप स्थित दुकान में छापामारी कर व्यवसायी तथा उसके पुत्र को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि लूटी गयी ज्वैलरी की बरामदगी नहीं हो सकी। गिरफ्तार आभूषण व्यवसायी उमाशंकर स्वर्णकार तथा पुत्र विशाल कुमार स्वर्णकार को मधेपुरा पुलिस अपने साथ लेती गयी। करीब डेढ़ माह पूर्व मधेपुरा में हुई इस डाकेजनी मामले में मधेपुरा पुलिस ने राजू शर्मा नामक एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था। राजू की निशानदेही पर ही फारबिसगंज में छापामारी तथा गिरफ्तारी की कार्रवाई की गयी है। मधेपुरा में गिरफ्तार राजू शर्मा ने पुलिस को बताया था कि उसने फारबिसगंज स्थित उक्त आभूषण व्यवसायी के यहां बेच दिया था। मधेपुरा थाना प्रभारी अजय कुमार ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि जदयू जिलाध्यक्ष के यहां हुई डाकजनी कांड में यह बड़ी सफलता पुलिस को हाथ लगी। बीते नवंबर माह की बीस तारीख को अपराधियों ने मधेपुरा के जदयू जिलाध्यक्ष विजेन्द्र प्रसाद के घर डकैती की घटना को अंजाम दिया था। छापामारी में मधेपुरा के इंस्पेक्टर सहित फारबिसगंज थाना प्रभारी अनिल कुमार गुप्ता तथा अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।

शिक्षक नियोजन: सत्यापन नहीं कराने का जिम्मेदार कौन?

अररिया : मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा द्वितीय चरण के दूसरे चरण का शिक्षक नियोजन के संदर्भ में जारी किये गये हालिया आदेश के बाद शिक्षा विभाग के जिलास्तरीय अधिकारी सवालों के घेरे में आने लगे हैं। अभ्यर्थियों के साथ-साथ नियोजन समिति के अध्यक्ष, सचिव व सदस्यों द्वारा भी कागजात सत्यापन नहीं कराने का जिम्मेवार शिक्षा विभाग के अधिकारी को ही मान रहे हैं। जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय सूत्रों की माने तो 101 पंचायतों के अभ्यर्थियों का कागजात सत्यापित होकर विभाग से प्राप्त हुआ है कि एक भी उर्दू अभ्यर्थियों के कागजातों का सत्यापन रिपोर्ट नहीं आया, जिस कारण रोज डीएसई कार्यालय में हंगामा हो रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार कागजातों के सत्यापन का जिम्मा संबंधित बीईओ को था। लेकिन बताया जाता है कि किसी बीईओ ने कागजात सत्यापन कराने में अपन दिलचस्पी नहीं दिखाई। उल्टे नये निर्देश आने के बाद नियोजन कार्य स्थगित करने का निर्णय लिया गया। जिस कारण सैकड़ों अभ्यर्थियों को निराशा हाथ लगी और दो हजार युवक रोजगार से वंचित हो गये। विभाग के नये निर्देश से स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कलई खुलकर सामने आयी है। हर तरफ एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर कागजात सत्यापन नहीं कराने का जिम्मेदार कौन?

नदी व जंगल हो गये बदरंग, कहां मनायेंगे पिकनिक?

अररिया : पहली जनवरी सामने है, लेकिन सिमट रहे वनों व सौंदर्य खो रही नदियों ने जिले में पिकनिक स्पाटों का अकाल पैदा कर दिया है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरे वनों की अंधाधुंध कटाई ने हालात और खराब कर दिये हैं।
साल की शुरूआत खुशी, सुभोजन व मस्ती के साथ। फंडा भले ही यूरोपियन हो, पर अररिया जैसे जिले में भी नये साल की मस्ती ने अपना स्थान पक्का बना लिया। इस खुशी में सब शरीक होते हैं तथा अच्छे भोजन के साथ साल की शुरूआत होती है।
प्याज की आसमान पहुंच चुकी कीमत तथा मीट मुर्गा व खाने पीने के अन्य सामग्रियों की महंगाई ने तो नव वर्ष के मूड को मद्धिम किया ही है, दिक्कत अब इस बात की है कि लोग पिकनिक मनाने जायें तो कहां?
जानकारों के मुताबिक एक दो दशक पहले तक इस जिले के युवा पहली जनवरी को पिकनिक मनाने के लिये हिमालय की सुरम्य वादियों में नेपाल के धरान, चतरा, भेड़ेटाड़ व धनकुटा आदि के अलावा बंगाल के पांजीपाड़ा, पानीगड़ा तथा भीमनगर स्थित कोसी बैराज पर जाते थे। लेकिन नेपाल में राजनीतिक बदलाव के बाद आयी अस्थिरता व भारतीय पर्यटकों में असुरक्षा की भावना के बाद यहां के युवाओं ने सीमापार के पिकनिक स्पाटों की ओर जाना छोड़ दिया है। असुरक्षा की बात बंगाल स्थित पिकनिक स्थलों के साथ भी जुड़ी बतायी जा रही है। लेकिन सबसे बड़ा अंतर जिले के जंगलों व नदी तट स्थित कुदरती पिकनिक स्पाटों के घटने से आया है।
कुसियारगांव, रहिकपुर, माणिकपुूर, हड़ियाबारा, बथनाहा, करियात जैसे फेमस जंगल समाप्त हो कर उजड़ गये। वहीं, परमान, बकरा, रतवा व अन्य नदियों के तट पर भी पिकनिक मनाना निरापद नहीं रहा। अररिया में तो नदी का किनारा ही शहर से दूर चला गया है। वहीं, प्रशासन की ओर से पिकनिक जैसी बातों के लिये कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाता। न ही प्रशासन द्वारा जिले में किसी पिकनिक स्पाट का ही विकास किया गया है।

अररिया में सिमट रहे मनोरंजन के अवसर

अररिया: .इस्स! आप तो बिल्कुल छोकरबाजी नाच के मनुवां नटुआ जैसी लगती हैं। फणीश्वरनाथ रेणु की प्रसिद्ध रचना तीसरी कसम में नर्तकी हीरा बाई को संबोधित हीरामन का यह संवाद शायद आपको याद हो। हीरामन को अगर आम आदमी का प्रतिनिधि मानें तो तीसरी कसम का यह संवाद आज भी अररिया के गांवों का कड़ुवा सच है। मनोरंजन के नाम पर अररिया के गांव बाजारों में सुविधा विहीन सिनेमा हाल, झोपड़ी में चलने वाले वीडियो तथा फूहड़ हास्य वाले ग्रामीण लौंडा नाचों का ही सहारा है।
अररिया में मल्टीप्लेक्स की बात शायद अभी बेमानी है। तीन चौथाई से अधिक जिलेवासी इस अंग्रेजी शब्द से अपरिचित ही होंगे। मनोरंजन के साधन के रूप में उनका उपयोग अभी दूर की बात है। वहीं, खेल प्रतिभा के मामले में धनी रहने के बावजूद अररिया का खेल परिदृश्य पूरी तरह अस्त
व्यस्त प्रतीत होता है।
मनोरंजन के नाम पर बिल्कुल भोड़ी व्यवस्था। फारबिसगंज व अररिया को छोड़ कहीं भी स्थायी सिनेमा हाल नहीं। पलासी, जोकीहाट,कलियागंज,रानीगंज जोगबनी आदि बाजारों में सिनेमा हाल हैं, लेकिन उनमें दर्शकों के लिये सुविधाएं नगण्य हैं। सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं, दर्शक भेड़ बकरी की तरह ठूंस दिये जाते हैं।
ग्रामीण मेलों में चले जाइये तो टूरिंग टाकीज के नाम पर सी ग्रेड की फिल्में व ब्लू फिल्में दिखाने वाले हाल खुलेआम मिलेंगे, कोई रोकने वाला नहीं। इस बात से किसे मतलब है कि इन फिल्मों से युवा पीढ़ी पर कितना बुरा प्रभाव पड़ता है।
शहरी मध्यम वर्ग व नौकरी पेशा लोग अपने मनोरंजन के लिये पूरी तरह टेलीविजन व डीवीडी आदि की गिरफ्त में हैं। टेलीविजन के बढ़ते प्रभाव ने प्रबुद्ध वर्ग को अपने घरों के अंदर सिमटे रहने को विवश कर दिया है। इस कारण फूहड़ मनोरंजन के नाम पर हो रहे गोरखधंधे पर समाज का नैतिक हस्तक्षेप भी समाप्तप्राय: है।
भारतीय क्षेत्र में रेडियो स्टेशन मुश्किल से मिलेंगे, लेकिन सीमापार नेपाल में एफएम रेडियो चैनलों की भरमार है। इनसे डंके की चोट पर अपसंस्कृति परोसी जा रही है। कोई अंकुश नहीं।
जिले में पर्यटन महत्व के स्थलों पर गौर करें तो लगभग सौ ऐसे स्थान हैं जो ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व के हैं। लेकिन प्रशासन की उपेक्षा व राजनीतिक नेतृत्व की कमजोरी के कारण वे सदियों से अविकसित ही पड़े हैं। ऐसे स्थलों में सुंदरी मठ, मदनपुर, बसैठी, चंडीपुर, वीरवन, भेंड़ियारी, फारबिसगंज, अररिया आदि प्रमुख हैं।
लेकिन सरकारी तंत्र की उपेक्षा के अंधेरे में उम्मीद की किरण भी दिख रही है। विगत एक वर्ष में जिले में वृक्ष वाटिका व जैविक उद्यान जैसी अवधारणाएं मूर्त रूप लेती नजर आयी। तत्कालीन वन मंत्री रामजी ऋषिदेव की पहल पर जिले के रानीगंज में करोड़ों की लागत से वृक्ष वाटिका निर्माण पर कार्य की गति तेज हुई। वहीं, इंडियन बर्ड कंजर्वेशन संस्था के प्रदेश समन्वयकव मंदार नेचर क्लब के अरविंद मिश्रा ने जिले का दौरा कर रानीगंज में पक्षी आश्रयिणी निर्माण की संभावनाएं तलाशी। उन्होंने अररिया जिले के पक्षी जीवन को पर्यटन परिदृश्य से जोड़ने पर बल दिया।