Saturday, January 1, 2011

महिला डिग्री कालेज का सपना अब भी अधूरा

अररिया : नेपाल की सीमा से सटे रेणु का यह अररिया जिला राज्य के काफी पिछड़े जिले के रूप में जाना जाता है। इसके पिछड़ेपन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले के किसी कोने में आज तक सरकारी महिला डिग्री कालेज की स्थापना तक नहीं हो पाई। जबकि अनुमंडल से जिला का दर्ज मिले 22 वर्ष की लंबी अवधि गुजर गयी है। इसके बावजूद महिलाओं की उच्च शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए न तो किसी जनप्रतिनिधि ने अपनी आवाज बुलंद की और न हीं जिला प्रशासन इस ओर कभी ध्यान दिया। वर्तमान राजग सरकार दूसरी पारी शुरू कर चुकी है। जिससे जिले के शिक्षाविदों में अब आस जगी है कि शायद अब महिलाओं के उच्च शिक्षा पाने का सपना साकार होगा। पूर्णिया प्रमंडल का अररिया ही ऐसा जिला है जहां आज तक महिला डिग्री कालेज की स्थापना नहीं हो पाई है। बांकी के तीन जिले कटिहार, किशनगंज एवं पूर्णिया में जहां मेडिकल, इंजीनियरिंग कालेज भी स्वीकृत हो चुके हैं। वहीं महिला शिक्षा के लिए पूर्णिया और कटिहार में अंगीभूत डिग्री कालेज उपलब्ध हैं और किशनगंज में भी महिला डिग्री शिक्षा की व्यवस्था चालू की गई है। यह विडम्बना ही है कि महिला कालेज अररिया में तीन वर्ष तक डिग्री की पढ़ाई से लेकर परीक्षा भी हुई थी। गौरी मिश्रा महिला डिग्री कालेज को मान्यता भी मिली, पांच वर्ष तक चला भी लेकिन यह भी अंधकार के ग‌र्त्त में चली गई। जीरा देवी शीतल साह डिग्री महिला कालेज, महिला कालेज अरिरया, नहीं रहे तो मैट्रिक पास करने के बाद बालिकाओं को काफी परेशानी होती। हालांकि दर्जनों छात्रा अररिया कालेज, फारबिसगंज कालेज आदि में भी नामांकन कराकर डिग्री हासिल कर लेती हैं लेकिन ग्रामीण एवं सुदुर क्षेत्र की बालिकाओं का उच्च शिक्षा पाने का सपना वर्चस्व की लड़ाई एवं आपसी उठा-पटक के बीच हीं पीस कर रह जाती हैं। यह कितनी महत्वपूर्ण बात है कि अधिकांश परीक्षा के परिणाम में बालिकाओं का ही दबदबा रहता है। इसके बावजूद स्थानीय जनप्रतिनिधि के द्वारा कभी महिला डिग्री कालेज, इंजीनियरिंग तथा मेडिकल कालेज स्थापना के लिए आवाजें बुलंद की हो। पांच हजार से अधिक छात्रा मैट्रिक पास के बाद प्रत्येक वर्ष आगे की पढ़ाई करते है। इंटरमीडीएट परीक्षा पास करते हीं डिग्री कालेजों के दूर होने की स्थिति में बालिका के आनर्स,स्नातक करने का सपना चूर हो जाता है। जिले के प्रसिद्ध शिक्षाविद् प्रो. राधारमण चौधरी, डा. बासुकीनाथ शर्मा, नवल किशोर दास, जुफैरूल हसन, प्रो. रकीब अहमद, अनवरी खातुन आदि ने एक स्वर में कहा कि जिला बने 22 वर्ष बीत गये लेकिन उच्च शिक्षा संस्थान के मामले में अररिया आज भी काफी उपेक्षित है। जिला परिषद अध्यक्ष शगुफ्ता अजीम, नप की मुख्य पार्षद अफसाना प्रवीण, अररिया प्रखंड प्रमुख जुगनू प्रवीण सहित कई महिलाओं ने राज्य सरकार से अविलंब महिला डिग्री कालेज के साथ-साथ इंजीनियरिंग तथा मेडिकल कालेज की शाखा स्थापित करने की मांग की है।

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