Saturday, January 1, 2011

किस्मत पर आंसू बहा रहा रानीगंज व्यापार मंडल

रानीगंज (अररिया) : सुदूर ग्रामीण इलाके के किसानों का एक मात्र सहायक रानीगंज व्यापार मंडल अपनी ही किस्मत पर आंसू बहा रहा है। व्यापार मंडल के कार्यालय भवन से लेकर गोदाम जर्जर खंडहर में तब्दील हो चुका है। भवन का एक-एक ईट निकलकर समीप बस्ती आबादी के घर समतल भूमि की शोभा बढ़ा रहा है। व्यापार मंडल का यह व्यवसायी भवन 1990 ई. तक किसानों को खाद, प्रमाणित बीज, कपड़ा, एचएमटी घड़ी आदि कई महत्वपूर्ण सामान सरकारी मूल्य पर उपलब्ध करा रहा था।
खाद आदि के लिए किसान अहले सुबह से हीं यहां भीड़ लगा लेते थे। परंतु आज यह पशुओं का अस्तबल हीं रह गया है। व्यापार मंडल के वर्तमान अध्यक्ष सह जदयू के जिला महासचिव वकील सिंह बताते हैं कि कभी प्रमाणित बीज मिलने का एक मात्र केन्द्र रानीगंज व्यापार मंडल था। संग्रामपुर गांव के किसान अनिल सिंह बताते हैं कि यह सरकार विकास का नगाड़ा तो चारों ओर पीट रही है लेकिन सरकारी दरों पर किसानों का अनाज खरीदने वाले केन्द्र व्यापार मंडल की अर्थ व्यवस्था को देखने वाला कोई नहीं है। तमीन आलम किसान कहते है कि रानीगंज व्यापार मंडल कभी किसानों का सहायक थी परंतु वर्तमान में किसानों की दयनीय स्थिति व उसकी जरूरत को किसी सरकार ने नहीं देखी। किसानों की प्रतिक्रिया व व्यापार मंडल के जीर्ण-शीर्ण व्यवस्था को देख क्षेत्र के पूर्व विधायक सह तत्कालीन सहकारिता मंत्री रामजीदास ऋषिदेव ने इस भवन की जगह एक बड़ा गोदाम, कार्यालय के साथ-साथ व्यापार मंडल को राशि उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया था। परंतु रानीगंज व्यापार मंडल की स्थिति च्यो कि त्यों है। पंचायत समिति की कई बैठकों में भी सदस्यों एवं जन प्रतिनिधि द्वारा विभाग के प्रबंध निदेशक तक से व्यापार मंडल को चालू कराने की गुहार लगायी गयी। परंतु कोरा आश्वासन के शिवा इस व्यापार मंडल को फुटी-कोड़ी नहीं मिला। व्यापार मंडल का गत 20 वर्षो से व्यवसाय कार्य तो बंद है परंतु यहां अध्यक्ष व निदेशक समयानुसार चुने जाते रहे हैं।

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