फारबिसगंज(अररिया),हप्र: फारबिसगंज की धरती पर प्रस्तावित मोती बाबू इंस्टीच्यूट आफ टेक्नालाजी मेरे लिए एक चैलेंज के समान है और मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस इंजीनियरिंग कालेज को निर्धारित समय में पूरा कर यहां की जनता और अपने दिवंगत पिता को समर्पित करूंगा। यह बात गुरुवार को आस्ट्रेलिया में रह रहे अनिवासी भारतीय उद्यमी अमित कुमार दास ने गुरूवार को कही। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा प्रदत्त बिहार अस्मिता सम्मान ने मुझमें नई ऊर्जा व मोटीवेशन भर दिया है।
एमबीआईटी के संस्थापक आस्ट्रेलिया प्रवासी उद्यमी अमित कुमार दास ने गुरूवार को अपराह्न विश्व प्रसिद्ध संस्था आईएलएफएस को इस प्रस्तावित योजना का पूर्ण टर्न प्रोजेक्ट का दायित्व सौंपा गया है। जिसके तहत संस्थान के निर्माण एआईसीटी से सत्यापन से लेकर फैकल्टी का नियोजन एवं बेहतर प्लेसमेंट भी शामिल है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि फैकल्टी के लिये नियोजन में भी इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो। श्री दास ने बताया कि निर्माण का कार्य पहली मई तक आरंभ कर 31 दिसंबर 2011 तक पूरा कर लिया जायेगा। कहा कि सभी स्तर के कार्यो में निगरानी के लिए आस्ट्रेलिया में राजेश रंजन बतौर प्रोजेक्ट निदेशक और चंदन कुमार बतौर क्षेत्रीय प्रबंधक कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि वे खुद प्रतिकुल परिस्थितियों में पढएए़ लिखे हैं, इसलिए एमबीआईटी उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है ताकि इस क्षेत्र के मेधावी छात्र छात्राओं को इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़े।
श्री दास ने कहा कि शीघ्र ही एमबीआईटी फारबिसगंज के निकट तथा उनके पैतृक ग्राम मिरदौल में उच्च स्तर का एक आवासीय विद्यालय भी खोला जायेगा।
उन्होंने कहा कि फारबिसगंज और अररिया के बीच एक मेडिकल कालेज खोलने की भी योजना है। ताकि इस पिछड़े क्षेत्र की समुचित विकास हो सके।
मौके पर उपस्थित विधायक पदम पराग राय वेणु ने शैक्षणिक योजनाओं के लिए श्री दास को फारबिसगंज की जनता की ओर से साधुवाद देते हुए मेडिकल कालेज निर्माण के लिए सिमराहा में पचास एकड़ सरकारी जमीन दिलाने की घोषणा की।
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