Thursday, December 30, 2010

महिलाएं कर रही पुरुषों की बराबरी : मोहिनी

बसैटी (अररिया) : मोहिनी गांव किसी जमाने में महारानी इंद्रावती की उप राजधानी था। महारानी ने अठारह साल तक पंद्रह हजार वर्ग किमी इलाके पर शासन किया। ऐसा प्रतीत होता है कि मोहिनी की महिलाएं महारानी को अपना आदर्श मान कर चल रही हैं।
रानीगंज प्रखंड अंतर्गत मोहिनी गांव की खास बात यह है कि यहां की महिलाएं हर मोर्चे पर पुरुषों की बराबरी कर रही हैं। बात चाहे चौर में मछली मारने की हो या फिर खेत में फसल लगाने की मोहिनी की महिलाएं किसी मामले में पुरुषों से कम नहीं हैं। अन्य गांवों के ठीक विपरीत, जहां केवल पुरुष कमाते हैं और महिलाएं घर की चौखट के अंदर रह कर घर संभालती हैं। मोहिनी में गांव के गरीब परिवारों के अधिकतर मर्द काम की तलाश में दिल्ली पंजाब की ओर चले गये हैं और महिलाएं मजदूरी करने खेत पर जाती हैं। वहीं, खाली वक्त में चौर में मछली का शिकार भी। शत प्रतिशत इंप्लाइमेंट।
इसी गांव की रहने वाली जिला पार्षद बेनजीर शाकिर कहती हैं कि उनके गांव में औरतों का महत्व सब दिन रहा है। पूरे पूर्णिया कमिश्नरी पर शासन करने वाली महारानी इंद्रावती इसी गांव में रहती थी।
वे कहती हैं कि गरीब औरतें तो सीधे खेतों में काम करने निकलती हैं, नदी तालाब व जलकर में मछली मारती हैं और फिर घर आकर परिवार चलाने का काम भी। गांव की रहने वाली रामदुलारी, तलाय मुर्मु, निशा बास्की, बुधिया मुर्मु, प्यारी मुर्मु जैसी महिलाएं साफ मानती हैं कि औरत मर्द का भेद उनकी नजर में फिजूल है। मौका दीजिये तो हमारे गांव की औरतें हर मामले में आगे रहेंगी। वहीं, वार्ड मेंबर साबरा जावेद मानती हैं कि औरत मर्द बराबरी के मामले में उनका गांव मोहिनी पूरे जिले में आदर्श है। जरूरत है सरकार व प्रशासन की ओर से प्रोत्साहन की।

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