Saturday, January 1, 2011

सिकटी: शोभा की वस्तु बना पशु अस्पताल


सिकटी(अररिया) : प्रखंड क्षेत्र में पशु अस्पताल शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है। सरकार द्वारा पशु चिकित्सा खोलने के लिए लाखों रूपये खर्च कर रही है वहीं सिकटी प्रखंड में पशु अस्पताल कागजों पर ही चलता है। ग्रामीणों ने बताया कि पशुपालक मवेशियों को इलाज कराने के लिए आते है कि लेकिन अस्पताल में डाक्टर नहीं रहते। पूछने पर पता चलता है कि वे अररिय में ही रहते है। सिर्फ 26 जनवरी व 15 अगस्त को झंडोत्तोलन के लिए आते है। जबकि पशुओं में डकहा, लंगड़ा, घेंघा, भजहा आदि अज्ञात रो पाये जाते है। पशुपालक अपने मवेशियों का इलाज करने के लिए झोला छाप डाक्टरों का सहारा लेना पड़ता है। जिससे पशुपालकों को आर्थिक क्षति भी हाती है और मवेशी भी काल के गाल में समा जाते है। वहीं ग्रामीण सुशील ठाकुर ने बताया कि मेरी गाय को अचानक बीमार पड़ने से पेट फुल गया। गांव के डाक्टरों से इलाज भी कराया लेकिन बच नहीं सका। वहीं सुखाड़ु मंडल ने भी अपने भैंस के बीमार होने पशु को लेकर सिकटी इलाज कराने के लिए गया तो पता चला कि यहां डाक्टर रहते ही नहीं है। मवेशी अस्पताल में सुविधा नहीं रहने के कारण प्रखंड क्षेत्र के पशुपालकों को भारी आर्थिक क्षति उठाना पड़ता है। यहां के पशुपालक 12 से 15 हजार में गाय लेते है। बीमारी हो जाने से उसे भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ती है। यहां के लोगों ने इस संबंध में जिलाधिकारी से जांच की मांग की है।http://arariatimes.blogspot.com/

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