Saturday, January 1, 2011

लोकतंत्र में अधिकारों के प्रति आमजन सजग

अररिया : भारतीय लोकतंत्र में व्यवस्था प्रणाली में अब अपने अधिकारों को पाने के लिए सजग हो गया है। सर्वजन हिताय एवं सर्व जन सुखाय की तर्ज पर दिये जा रहे किसी भी योजनाओं को शत प्रतिशत पाने के लिए लोग इतने सजग हो गये हैं कि वे थोड़ी भी अव्यवस्था को देख उतावले हो सड़क पर उतर जाते हैं। न कानून का भय और न ही पुलिसिया कार्रवाई का डर। जरा भी चूक देखते ही लोग धरना, प्रदर्शन यहां तक की सड़क पर उतर कर उग्र रूप भी धारण कर लेते हैं। इसका नतीजा पुलिस को ज्यादा भुगतना पड़ रहा है। वर्ष 2010 में ऐसे मामलों के आंकड़ों को देखे तो पुलिस को अपना आधा समय हुड़दंगियों के पीछे गंवाना पड़ा। खासकर गत अप्रैल की चक्रवाती तूफान ने तो जिले में काफी भयावह स्थिति पैदा की। तूफान में जान-माल की क्षति के बाद जिस प्रकार कई प्रखंडों के लोग उग्र हुए उससे लोगों को कुछ देर के लिए लगा कि जिले में कानून व्यवस्था की अब चीज नहीं रह गयी। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी काफी सूझबूझ से लोगों के उग्र तेवर को शांत करने में सफलता तो पायी लेकिन सरकारी कुव्यवस्था के प्रति आज भी आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।
वर्ष 2010 के जनवरी माह में शुरू हुई सड़क बाधित कर उग्र प्रदर्शन, धरना का दौर वर्ष के अंत तक जारी रहा। सबसे पहले लोगों ने बीपीएल सूची में अनियमितता के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके बाद गत मार्च महीने में एडीबी चौक के निकट कैदी भान की गाड़ी के चपेट में आने से एक बच्चे की मौत के बाद स्थानीय लोग इतने उग्र हुए कि पुलिस को लाठी चार्ज कर भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा। इस मामले में पुलिस ने एक दर्जन से नामजद एवं तीन चार सौ अज्ञात लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी। उसके बाद अररिया-पूर्णिया उच्च मार्ग समेत कई अन्य मार्गो पर आधा दर्जन से अधिक सड़क दुर्घटना के मामले में मशक्कत झेलनी पड़ी। यह दौर खत्म भी नहीं हुआ था कि चक्रवाती तूफान ने एकाएक जिले की हालात बदल दी। समय पर राहत नहीं मिलने से क्षुब्ध ग्रामीणों ने एक दर्जन से अधिक बार सड़क जाम, धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। इसी समस्या को लेकर सिमराहा थाना क्षेत्र के पांच सौ से ज्यादा ग्रामीण समाहरणालय पहुंचकर जमकर तोड़ फोड़ मचायी। यहां तक कि ग्रामीणों ने एक दारोगा को भी पीट डाला। ग्रामीणों की हुड़दंग बाजी बढ़ते देख पुलिस को कई चक्र गोलियां चलानी पड़ी। इसके कुछ दिन बाद गैयारी के ग्रामीणों द्वारा की गयी हुड़दंगबाजी को लेकर पुलिस दर्जनों चक्र गोलियां चलानी पड़ी। ग्रामीणों के पत्थर बाजी में एक दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गये। कई पुलिस गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर डाला गया। बाद में पुलिस को दो दर्जन से अधिक लोगों को नामजद एवं पांच सौ से ज्यादा अज्ञात लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी। इससे पूर्व ही अवैध वसूली को लेकर पुलिस ने कार्रवाई प्रारंभ की तो जीरोमाइल के सैकड़ों लोगों ने पुलिस के ऊपर हमला बोल दिया। अचानक हुई इस हमला को देखते पुलिस को दर्जनों चक्र गोलियां चलानी पड़ी। रानीगंज जाने वाली मार्ग पर अभिकत्र्ता द्वारा सड़क पर पानी नहीं पटाने के आक्रोश में सैकड़ों लोगों ने घंटों तक यातायात बाधित कर उग्र प्रदर्शन करता रहा। यहां तक कि छठ घाट की सफायी व्यवस्था से खिन्न श्रद्धालुओं ने घंटों बस स्टैंड पर उग्र प्रदर्शन कर दिया।
इसी तरह जिले के जोकीहाट, कुर्साकांटा, रानीगंज, फारबिसगंज एवं नरपतगंज प्रखंड के ग्रामीणों ने अपनी-अपनी मांगों को लेकर एक दर्जन अधिक बार सड़क पर उतरे।

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