अररिया : राज्य में सुशासन की सरकार आते ही स्पीडी ट्रायल चलाकर अपराध कर्मियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया का व्यापक प्रभाव पड़ा है। अपराधियों को लगातार मिल रही सजा से अन्य अपराध कर्मियों का मनोबल टूट रहा है। स्पीडी ट्रायल का प्रभाव ही है कि जरायमपेशा लोग व अपराध कर्मी अब अपनी मांद में घुसने लगे हैं।
अपराधियों ने पहले की तरह अब खुलेआम हथियार लहराना छोड़ दिया है। क्योंकि ऐसे अपराध कर्मी अब अपने सहयोगियों को कोई दांव पेंच लगाकर भी स्पीडी ट्रायल से बचा नहीं पा रहे हैं। स्पीडी ट्रायल की शुरूआती कच्छप गति के बाद इस वर्ष इसने फिर तेजी पकड़ ली है। वर्ष 2010 के नवंबर माह तक स्पीडी ट्रायल के तहत जिले में 96 लोगों को सजा मिल चुकी है। जबकि पिछले वर्ष माह दिसंबर तक इसकी कुल संख्या 88 थी।
सुशासन की सरकार आते ही वर्ष 2006 में 133, वर्ष 2007 में 260, 2008 में 155 लोगों को सजा दिलायी गयी थी जबकि वर्ष 2009 में इसकी गति काफी धीमी रही। चालू साल में इस मामले में सबसे अधिक सजा धारा 302 के तहत हुई। माह नवंबर तक मिली सजा में 43 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी। जबकि दस वर्ष से अधिक 26 लोगों को सजा मिली। ऐसे आरोपियों को सश्रम कारावास के साथ साथ 25 हजार से दस हजार रूपये आर्थिक दंड भी सुनाया गया। जो कैदी इस जुर्माने को नहीं भरते हैं उन्हें दो वर्ष अतिरिक्त सजा काटना पड़ेगा। अररिया न्यायालय के सत्रवाद संख्या 402/09 में कुर्साकाटा थाना क्षेत्र के पहुंसी निवासी चंद्रकिशोर साह को धारा 498 ए के तहत आजीवन कारावास की सजा मिली। जबकि इसी दिन सत्रवाद संख्या 2129/06 में बलीगढ़ सिकटी के मो. युसुफ को एक वर्ष की सजा दी गयी। इसी माह जोगबनी थाना कांड संख्या 157/09 में धारा 379 के तहत पवन पोद्दार को एक वर्ष की सजा सुनायी गयी। फरवरी माह में फारबिसगंज थाना कांड संख्या 287/07 में भट्टाबाड़ी के देवेंद्र लाल देव को धारा 334 एवं 34 के तहत तीन वर्ष एवं अररिया मदनपुर थाना कांड संख्या 567/87 में कसैला के सुधीर सिंह को धारा 201 के तहत एक वर्ष की सश्रम कारावास मिली। कुर्साकाटा थाना कांड संख्या 193/01 में बलचंदा के मो. फिरोज को धारा 379 एवं 411 सात माह चौबीस दिन की सजा सुनायी गयी। मार्च महीने के 15 तारीख को जोकीहाट के एक मामले में धारा 302, 201 एवं 34 के तहत जालिम राय, सुभाष राय और सुरेश राय को आजीवन कारावास एवं दस हजार जुर्माना सुनायी गयी। इसी माह ताराबाड़ी थाना कांड संख्या 184/08 में कोतहपुर के दयानंद मंडल को आजीवन कारावास मिली। इसी दिन फारबिसगंज थाना कांड संख्या 36/09 में डा. विजय चौधरी को धारा 302 के तहत उम्र कैद की सजा सुनायी गयी। अप्रैल माह में रानीगंज बौसी थाना कांड संख्या 361/02 में सर्दिका पासवान एवं रंजन कुमार मंडल तथा थाना कांड संख्या 885/2000 में नंदनपुर के गुलाब चंद्र पासवान एवं मोती पासवान को भी धारा 302 के तहत उम्र कैद के साथ साथ दस हजार जुर्माना देने की सजा सुनायी गयी। जून माह में जोकीहाट थाना कांड संख्या 225/97 में बबलु झा, जवाहर झा, फुर्ति झा, विजेन्द्र झा, नारायण झा को एक वर्ष तथा सिकटी थाना क्षेत्र के अदबत, कलीम, बीबी सालका को एक एक वर्ष एवं एक हजार जुर्माना भरने की सजा सुनायी गयी। अपराधियों के लिए सबसे खराब महीना अगस्त रहा। इस माह सिमराहा थाना कांड संख्या 173/83 बथनाहा जोगबनी थाना कांड संख्या 418/09, अररिया थाना कांड संख्या 332/08 एवं थाना कांड संख्या 164/07 में धारा 302 एवं 304 के तहत 19 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी। जबकि इन्हीं आरोपियों को अन्य धारा में एक वर्ष एवं साधारण सजा भी दी गयी। सितंबर माह में फारबिसगंज थाना कांड संख्या 153/05 में धारा 302 के तहत रामपुर डुमरिया के मो. इद्रीश, मुश्ताक, यासीन, बीबी हुस्ना एवं जुबैदा को उम्रकैद के साथ साथ पांच हजार जुर्माना के तौर पर भरने की सजा मिली। जबकि अक्टूबर माह में अररिया थाना कांड संख्या 8/07 में आजाद नगर के शमीम अंसारी, रानीगंज थाना कांड संख्या 307/07 में मो. उमेर एवं मो. लडडु तथा फारबिसगंज थाना कांड संख्या 259/93 में दल्लु टोला फारबिसगज के मो. तौहीद, मो. मुस्लिम, मो. हासिम एवं जवाहिरी को भी उम्र कैद के साथ दस हजार रूपये बतौर जुर्माना भरने की सजा दी गयी। माह नवंबर के 30 तारीख को अररिया थाना कांड संख्या 578/08 में दल्लू टोला फारबिसगंज के हारूण, ताहिर, ईशा, दाउद, उमर, युनुस, नईम, सलीम, मो. रजक, जाबिर, साबिर, मजीद एवं मोईन को सात वर्ष सश्रम एवं हजार जुर्माना की सजा दी गयी। जुर्माना नहीं भरने पर इन्हें एक वर्ष अतिरिक्त सजा काटना पड़ेगा।
बाक्स
माह उम्रकैद 10 वर्ष 10 वर्ष से कम
्रजनवरी 1 0 2
फरवरी 1 1 2
मार्च 5 2 0
अप्रैल 4 2 9
मई 0 0 1
जून 0 0 8
जुलाई 1 4 1
अगस्त 19 0 1
सितंबर 5 0 1
अक्टूबर 7 16 2
नवंबर 0 1 1
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