Wednesday, July 4, 2012

चार वर्ष से राशन-केरोसीन के मोहताज 2400 परिवार


अररिया : इसे प्रशासनिक उदासीनता कहें या फिर गरीबों के साथ मजाक, अररिया शहर के तकरीबन 2400 परिवारों के करीब 10 हजार लोग पिछले चार वर्षो से सरकारी राशन व केरोसीन के लिए मोहताज हैं। उनके आंखें का आंसू न तो प्रशासन पोंछने के लिए तैयार है और न हीं जनप्रतिनिधि।
दरअसल वर्ष 2006 में अररिया नगर परिषद के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अशोक कुमार तिवारी ने सरकार के निर्देश पर शहरी क्षेत्र में साक्षरता कर्मियों से सर्वे कराया। उस वक्त सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कुल 18143 परिवार का नाम पारिवारिक सूची में दर्ज हुआ। सर्वेक्षण में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की बात भी सामने आई। इन 18143 परिवार को वर्ष 2009 से ही जविप्र दुकान से लाभ लेने के लिए राशन व केरोसीन का कूपन दिया जा रहा है। इसके बाद ही ग्रामीण विकास विभाग एवं नगर विकास विभाग के निर्देश पर पंचायत व शहर में पारिवारिक सूची से वंचित लाभार्थियों का सर्वे कराया गया। सर्वे का काम 2009 व 2010 में हुआ। इसे विडंबना ही कहा जाय कि ग्रामीण क्षेत्र के दूसरे चरण के चयनित लाभर्थियों को कूपन व राशन कार्ड मुहैया करा दिया गया। लेकिन शहर के 2377 परिवार को ठेंगा दिखाया गया।
किस वार्ड में कितने हैं ऐसे परिवार
चार वर्षो से राशन-केरोसीन की लाभ से वंचित अररिया नगर परिषद अंतर्गत 2009 में सर्वे में कुल 2377 नाम जोड़े गये। जिसमें वार्ड नं. एक में 17, दो में 18, तीन में 26, चार में 16, पांच में 76, छह में 12, सात में 215, वार्ड नं. आठ में 45, नौ में 178, दस में 105, ग्यारह में 83, बारह में 12, तेरह में 109, वार्ड नं. चौदह में 77, पंद्रह में 37, सोलह में 75, सत्रह में 80, अठारह में 64, उन्नीस में 62, बीस में 340, इक्कीस में 27, बाइस में 15, वार्ड नं. 23 में 159, चौबीस में 68, पच्चीस में 743, छब्बीस में 69, सत्ताईस में 84, अठाईस में 36, वार्ड उनतीस में 129 का नाम जोड़ा गया था। यह रिपोर्ट नगर परिषद के प्रशासन को सौंपा था।
प्रतिवर्ष मई-जून में करना है सर्वे
स्थानीय शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष के मई-जून माह में पारिवारिक सूची संशोधन का कार्य करना है। इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग से सरकार के विशेष सचिव डा. डी के शुक्ला का पत्रांक 373, 4 जून 2009 राज्य के सभी डीएम व नगर आयुक्त व नगर कार्यपालक को पत्र निर्गत है। इससे पूर्व भी पत्रांक 747, 10.9.2008 के माध्यम से पत्र जारी है इसके बावजूद सर्वे नही होता है।
प्रशासन से कई बार की गई है मांग
शहर के छूटे हुए परिवारों को अनाज व केरोसीन उपलब्ध कराने को लेकर जिला प्रशासन समेत विभाग से कई बार पत्राचार किया गया है। इधर वार्ड नं. 23 के पार्षद अनुराधा देवी ने एसडीओ को पत्र लिखकर वार्ड नं. 23 में 160 समेत पूरे शहर के 2377 परिवारों के बीच राशन किरासन उपलब्ध कराने की मांग की है।
क्या कहते हैं एसडीओ
इस संबंध में सदर एसडीओ डा. विनोद कुमार का कहना है क जिनका नाम सूची में नही है उन्हें कूपन व कार्ड देने का निर्देश नही है। आर्थिक, सामाजिक जनगणना के बाद ही फाइनल बीपीएल सूची तैयार हो पायेगा।

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