फारबिसगंज (अररिया) : फारबिसगंज के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय से जुड़े फारबिसगंज थाना में दर्ज दो मामलों को पुलिस फिर से खंगाल रही है। इस बार पुलिस ने अपनी जांच कई नए पहलुओं पर केंद्रित की है।
अररिया एसपी शिवदीप लांडे ने फारबिसगंज थाना में एक प्रेस वार्ता में उक्त जानकारी देते हुए कहा कि कस्तूरबा विद्यालय से जुड़े दो पुराने मामलों में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। जिससे विद्यालय प्रबंधन भी शक के दायरे में हैं। फारबिसगंज थाना में 19 मई 2010 को तत्कालीन थानाध्यक्ष पीके प्रवीण ने कांड संख्या 140/10 दर्ज कराया था। जिसके अनुसार फारबिसगंज रेड लाइट एरिया में मो. मुस्तफा नामक व्यक्ति के घर पर पुलिस ने छापेमारी कर कस्तूरबा विद्यालय की तीन छात्राओं को बरामद किया था और मो. मुस्तफा को देह व्यापार कराने के आरोप में जेल भेज दिया गया था। जबकि 20 मई के कस्तूरबा विद्यालय की अर्चना घोष के द्वारा कांड संख्या 146/10 दर्ज कराया गया था। जिसके अनुसार रेड लाइट एरिया के चार परिजनों पर कस्तूरबा में पढ़ रही उनकी चार पुत्रियों को विद्यालय से वापस रेड लाइट एरिया स्थित घर ले जाने और विद्यालय नहीं भेजकर छात्राओं को देह व्यापार के धंधे में धकेलने की संभावना को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। एसपी ने कहा कि विद्यालय में नामांकित कुल छात्राएं, घटना के समय विद्यालय में उपस्थित छात्राएं तथा अनुपस्थित छात्राओं की संख्या में भिन्नता की बात सामने आयी है। उन्होंने कहा कि पुराने मामलों की बारीकी से जांच की जा रही है।
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