अररिया : यह सुरों का सम्मान है। हिमालय की तराई में बसे अररिया जिले से निकली 'रंजना' नामक सुर गंगा ने अपने शीतल व स्निग्ध प्रभाव से पूरे भारत को सींचा और अब जाकर उसे बिहार शताब्दी वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ है।
अररिया जिले के देवीगंज की रहने वाली प्रख्यात गायिका रंजना झा ने इस संबंध में दूरभाष पर बताया कि अपने ही घर में सम्मानित होना एक भावुक क्षण है और मैं इसके लिए मुख्यमंत्री जी व बिहार वासियों के प्रति आभार ज्ञापित करती हूं। उन्होंने कहा कि मैं भारत के विभिन्न शहरों में कार्यक्रम प्रस्तुति के सिलसिले में घूमती रही और हर जगह संगीत के प्रति खासकर बिहार के फाक संगीत के प्रति बेहद रुझान पाया।
विदित हो कि रंजना देवीगंज के रहने वाले लोकगायक भागवत मिश्र वियोगी की पुत्री हैं तथा अररिया में उनके कई निकट रिश्तेदार हैं। खूबसूरत व सिल्की आवाज की रंजना को विद्यापति संगीत की मायनाज अदाकारा माना जाता है। अपने पिता से संगीत की प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने मुंबई की विश्वप्रसिद्ध गायिका किशोरी अमोणकर से संगीत की बारीकियां सीखीं और आज बिहार व बाहर के प्रदेशों में बिहार की अलख जगा रही हैं। उन्होंने अब तक कई हजार गीत गाये हैं तथा उनके प्रशंसकों का एक बड़ा वर्ग है। उनके गाये चानन नामक आडियो सीडी ने खूब प्रशंसा बटोरी है। इसमें रंजना की आवाज का जादू सर चढ़ कर बोला है।
इधर, रंजना झा को सम्मान मिलने पर अररिया वासियों ने उन्हें बधाई दी है।
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