Sunday, February 6, 2011

देश के पांच करोड़ बच्चे कुपोषण के शिकार: विश्वम्भरा


अररिया : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा शिवपुरी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस शनिवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम रही। आशुतोष जी महाराज की शिष्या साध्वी विश्वम्भरा ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को बड़ी रोचकता के साथ प्रस्तुत किया। जिसे सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गये। पंचम दिवस शनिवार को साध्वी विश्वम्भरा ने व्याख्यान के क्रम में कहा कि देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया। जिसमें अनेकों निधियों की प्राप्ति हुई। लेकिन इस मंथन के तहत जब समुद्र से विष निकला तो उसे भगवान शिव ने अपने कंठ में धारण किया। उन्होंने
कहा कि आज के वर्तमान युग में राष्ट्र के नेता व समाज के सेवकों का भी यही कर्तव्य है कि वह उत्तम से उत्तम पदार्थ प्रजा को दे और स्वयं अपने लिए परिश्रम, त्याग तथा तरह-तरह की कठिनाईयों को ही स्वीकार करें।
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कृष्ण जन्म की खुशी पर झूमे श्रद्धालु
अररिया, निसं: भागवत कथा के पांचवे दिन कृष्ण जन्म की खुशी में श्रद्धालु जमकर झूमे व नाचे। कार्यक्रम में जैसे ही कृष्ण जन्म का प्रसंग आया वैसे ही पूरे पंडाल एवं आस-पास का क्षेत्र शंखध्वनि से गूंजायमान होने लगा। वाद्य यंत्रों की ध्वनि में सम्मोहित भक्त नाचने-गाने लगे। इसके बाद टोकरी में नवजात कृष्ण को लेकर नंद जी को सौंपने की झांकी दिखायी गयी। इस झांकी को देखते हुये श्रद्धालु इतने भाव-विभोर हुये कि वे अपने-अपने स्थान से खड़े होकर फूल की वर्षा करने लगे। मौके पर साध्वी विश्वम्भरा ने कई उद्धरणों के साथ कृष्ण जन्म की कथा आगे बढ़ायी।

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