पलासी (अररिया) : प्रखंड के दक्षिण पूर्वी सीमा पर बसा बरहकुंबा पंचायत इक्कीसवीं सदी में भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। जबकि इस पंचायत का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। इसी पंचायत के खुशीनाथ झा, रेजी लाल मंडल जैसे सपूतों ने स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
करीब ग्यारह हजार की आबादी वाले बरहकुंबा पंचायत में पिछड़ी जातियों का बाहुल्य है। यहां की मुख्य समस्या बाढ़, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बेरोजगारी है। इस पंचायत के भटनियां, धूरगांव, मनपूरा, बढ़ौली, डुमरिया, बुद्धि, काशीबाड़ी के ग्रामीणों को प्रतिवर्ष विनाशकारी रतवा नदी का कहर झेलना पड़ता है। जिससे प्रतिवर्ष रतवा नदी के बाद व कटाव से जहां फसलों का व्यापक नुकसान होता है, वहीं खेती योग्य भूमि का रकवा घटता जा रहा है। किंतु जनप्रतिनिधियों व प्रशासन ने इस दिशा में अबतक कोई ध्यान नही दिया। बिजली के मामलों में पंचायत वासियों को पोल व तार के दर्शन हो जाता है। शिक्षा के मामले में अबतक प्राथमिक व मध्य विद्यालय ही उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था नगण्य है। हालांकि सरकार ने शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु वाटर संयंत्र का कार्य अवश्य आरंभ किया है। किंतु अबतक शुद्ध पेयजल लोगों के लिए सपना ही है। हालांकि सुशासन की सरकार में पंचायत को कई पक्की सड़क उपलब्ध करायी गयी है। किंतु अब भी कई कच्ची सड़कें व पुल-पुलिया के अभाव में लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। वहीं रोजगार के अभाव में अधिकांश आबादी का दो जून की रोटी हेतु पलायन जारी है। यहां के लोगों ने प्रशासन से बाढ़ से बचाव व शीघ्र बिजली मुहैया करवाने की दिशा में ठोस पहल की मांग की है।
0 comments:
Post a Comment