अररिया : सालो साल इलेक्शन जोगी जनता है बेचारी..। हर साल इलेक्शन व हर महीने परीक्षा को छोड़ शायद कोई और महत्वपूर्ण काम नहीं। शनिवार को नगर निकाय चुनाव संपन्न हो जाने के बाद एक अधिकारी की यह प्रतिक्रिया बेहद सटीक लगी।
समाज के लिए इलेक्शन व छात्रों-शिक्षकों के लिए परीक्षा को छोड़ कोई कार्य ही शायद नहीं है। फरवरी मार्च से शुरू हुई परीक्षाएं अब तक लगातार जारी हैं। पहले मैट्रिक, फिर इंटर, फोकानियां, मौलवी और अब आलिम व फाजिल। इसके बाद यूनिवर्सिटी परीक्षाओं का दौर प्रारंभ होगा। यानी लगातार परीक्षाएं ही परीक्षाएं। यही हाल इलेक्शन का है। विगत बाइस साल में 19 बड़े इलेक्शन हो चुके हैं। इस बीच छोटे इलेक्शनों की पूछिए ही मत। ऐसे में विकास के कार्य कैसे होंगे? छात्रों की पढ़ाई कैसे होगी?
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