अररिया : नि:शक्त जनों के प्रमाणीकरण कार्य में अररिया जिला सूबे में प्रथम रहा है। इसके लिए रविार को डीआरडीए सभागार में समारोह आयोजित कर कार्य में योगदान करने वाले चिकित्सकों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को डीएम द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यकम के दौरान मिली जानकारी के अनुसार अररिया जिले में आंगबाड़ी नेटवर्क की मदद से 16512 नि:शक्त व्यक्तियों की पहचान की गयी जिसमें से 10891 को प्रमाणपत्र व अन्य सुविधाएं भी प्रदान की गयी। यह उपलब्धि प्रदेश में सबसे अच्छी है। समाज कल्याण विभाग के सचिव संदीप पौंड्रिक ने पत्र लिख कर सभी जिलों को अररिया माडल का अनुसरण करने को कहा है।
जानकारी के अनुसार चिंहित नि:शक्तों में 7212 शारीरिक नि:शक्त, 1546 मूक बधिर, 1950 दृष्टि नि:शक्त तथा 183 बहु नि:शक्त हैं। वहीं, मानसिक नि:शक्तों के प्रमाणीकरण का कार्य डाक्टर के अभाव में नहीं हो सका। इनमें से 19891 को प्रमाणपत्र व विहित सुविधाएं दे दी गयी हैं।
कार्यक्रम में केलते हुए जिलधिकारी एम सरवणन ने आंगनबाड़ी वकर्स को बधाई दी और कहा कि कमजोर के आंसू पोछना सबसे बड़ी सेवा है। उन्होंने कहा कि जिले को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए सबको साथ लेकर चलना ही होगा और ऐसी स्थिति में नि:शक्तजनों के प्रमाणीकरण से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। कार्यक्रम में डीडीसी प्रभात कुमार महथा, डीपीओ चंद्र प्रकाश, सहायक निदेशक गोपाल प्रसाद आदि ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर हडडी रोग विशेषज्ञ डा. अतहर हुसैन व डा.शालिक आजम, इएनटी स्पेशलिस्ट डा. विपिन कुमार, नेत्ररोग विशेषज्ञ डा. राजेश कुमार के अलावा विभिन्न प्रखंडों की सीडीपीओ, महिला सुपरवाइजर तथा चयनित आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। मौके पर अररिया के एसडीओ डा. विनोद कुमार, फारबिसगंज के एसडीओ गिरिवर दयाल सिंह सहित कई अधिकारी व अन्य लोग उपस्थित थे।
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