फारबिसगंज (अररिया) : फारबिसगंज में बिजली की समस्या गंभीर बनी हुई है। पिछले कुछ माह से बिजली की कम आपूर्ति से लोग त्रस्त है, वहीं छोटे-छोटे उद्योग धंधों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। विकास के मामले में अति पिछड़े इस सीमावर्ती क्षेत्र में कल कारखानों का वैसे भी अभाव है। लेकिन जो इक्का दुक्का कल कारखाने छोटे-बड़े है उसपर भी बिजली के अभाव में ग्रहण लग रहा है। उपेक्षा का दंश झेल रहा सीमावर्ती फारबिसगंज, नरपतगंज, भरगामा के शहरी ग्रामीण क्षेत्र में उद्योग धंधों का विकास नही हो सका। कुछ दशक पूर्व तक क्षेत्र में राइस मिलों की अधिकता थी। क्षेत्र जुट उद्योग के लिये भी कभी विख्यात रहा है। दर्जनों राइस मिलों से क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी मिले थे। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और बिजली आपूर्ति में कमी के कारण अधिकांश राइस मिल बंद हो गये। सैकड़ों लोग बेरोजगार भी हुए। किसानों के लिये भी समस्याएं खड़ी हुई और सरकारी राजस्व में कमी भी आई। अब वर्तमान में जो गिने-चुने राइस मिल बचे है उसे भी बिजली की कमी के कारण समस्याओं को झेलना पड़ रहा है। छोटे-छोटे उद्योग धंधों के नाम पर चूड़ा मिल, तेल मिल आदि है जो बिजली की कमी से हांफ रहा है। इतना कुछ होने के बावजूद इस सीमावर्ती क्षेत्र में मांग के अनुरूप कभी बिजली की आपूर्ति नही की गई है। पूरे जिला में 28 से 30 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ता है लेकिन आपूर्ति महज 10-12 मेगावाट की होती है इससे यह सहज हीं अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकारी और प्रशासन इस पिछड़े क्षेत्र के विकास को लेकर कितना गंभीर है। विद्युत विभाग राजस्व वसूली कार्य को प्राथमिकता दे रहा है। लेकिन उपभोक्ता सेवा के सुधार की दिशा में समुचित कार्रवाई का सर्वथा अभाव रहा है। पिछले कुछ दिनों से नौबत यह है कि दस-दस घंटों तक बिजली लोगों को नही मिल पा रही है। विकास की व्यापार में भी अछूता रह गया फारबिसगंज का क्षेत्र।
0 comments:
Post a Comment