Saturday, February 18, 2012

युवक की पिटाई के विरोध में ग्रामीणों का बाजार बंद

बथनाहा (अररिया) : भारत नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी 24वीं बटालियन घुरना के कंपनी मुख्यालय के जवानों द्वारा एक युवक की सरेआम पिटाई के खिलाफ शनिवार को स्थानीय नागरिकों एवं छोटे व्यवसायियों ने घुरना बाजार को बंद कर सड़क को जाम कर दिया तथा घटों जमकर बवाल काटा। बाद में बथनाहा स्थित बटालियन मुख्यालय से सहायक सेनानायक के सूरजा कुमार सिंह ने घुरना बाजार पहुंचकर स्थानीय नागरिकों से बातचीत एवं समझा बुझा कर बंद दुकानें खुलवाई तथा सड़क जाम हटवाया। बंद बाजार अपराह्न तीन बजे खोली गयी। नागरिकों का आक्रोश तब भड़का जब एसएसबी के कुछ जवानों ने घुरना बाजार से कीटनाशक दवा एवं दवा के छिड़काव के वास्ते कृषि संयंत्र ले जा रहे एक स्थानीय युवक की जमकर पिटाई कर दी तथा सामान को जब्त कर लिया। जवानों का कहना था कि युवक तस्करी करता है जब कि स्थानीय नागरिकों का कहना है कि युवक अपनी निजी प्रयोग के लिए सामान ले जा रहा था इस बाबत आक्रोशित स्थानीय नागरिक राजकुमार सोनार, मुजफ्फर अंसारी राजेश गुप्ता, मो. मतीन, अब्दुल रहमान, मो. युनुस आदि दर्जनों नागरिकों ने कहा कि घुरना एसएसबी कैंप के जवानों के द्वारा बराबर स्थानीय नागरिकों एवं छोटे-छोटे दुकानदारों के साथ बराबर दु‌र्व्यवहार एवं परेशान किया जाता है। जब कि घुरना से प्रतिदिन रात के अंधेरे में भारी मात्रा में धान, चावल, गेहूं, नमक, चीनी, सरसों तेल एवं लोहे की सरिया की तस्करी किया जाता है। इसके लिए दो व्यक्तियों की अध्यक्षता में प्रतिमाह एसएसबी घुरना कैंप को 16 हजार रूपया दिया जाता है। हालांकि घुरना कैंप के प्रभारी राज किशोर सिंह ने ऐसी किसी भी बात से इंकार किया है। जबकि आक्रोशित नागरिकों ने बताया कि वर्षो से लाइन मैनेज था। काम करने वाले स्थानीय इन दोनों व्यक्तियों के द्वारा छोटे-छोटे दुकानदारों पर पैसा देने के लिए बराबर दवाब बनाया जाता है। नहीं देने पर माल पकड़ा दिया जाता है। बाद में माल छुड़वाने के नाम पर इनके द्वारा लोगों से पैसे की उगाही की जाती है। स्थानीय दुकानदार अरुण कुमार, विजय गुप्ता आदि ने कहा कि एसएसबी के द्वारा फारबिसगंज से सामान लाने वक्त रास्ते में सामान को जब्त कर लिया जाता है तथा सामान की जब्ती बोर्डर की दिखाई जाती है। नागरिकों का कहना है कि एसएसबी के द्वारा रास्ते में पकड़े गये सामानों की बिल का दिमांड किया जाता है तथा बिल नही देने पर दुकानदारों के समझ मारपीट एवं बाली गलौज कर उसे भगा दिया जाता है। दुकानदारों ने कहा ये छोटे दुकानदार हैं तथा फारबिसगंज से थोक विक्रेताओं के द्वारा उन्हें सामान की बिल नही दी जाता है और भोगनें पर दुकानदार सामान नही देता है तथा उन्हें वापस घुमा देता है। ऐसे में हम क्या करें और कहां जाये|

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