Saturday, February 18, 2012

आलीशान बंगलों के नीचे धूल की फुहार


अररिया : कभी बालू की चमचमाती उड़ती परत एवं बंजर भूमि को देख किसी ने यह नहीं सोचा होगा कि आज वही भूमि सोना उगलेगी। शहर का शिवपुरी मुहल्ला आज नगर परिषद को सबसे ज्यादा राजस्व की आपूर्ति करने वाला वार्ड तो बन गया है, लेकिन हर बंगले के नीचे उड़ती धूल मानो नगर प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहा है। यानी दो दशक के अंदर बसे इस मोहल्ले में एक दो जगहों को छोड़ दें तो हर गली में उबड़ खाबड़ सड़कों का जाल मिल जाएगा।
वर्तमान वार्ड पार्षद के समय में बने रानीगंज रोड से अविनाश आनंद के घर तक पीसीसी सड़क चार साल में ही टूट गई। इसी मुहल्ले में पावर स्टेशन है, लेकिन लोग बांस के खंभे पर बिजली जलाने के लिए मजबूर हैं। पांच वर्ष के दौरान नगर परिषद द्वारा करीब करीब 50 वेपर लाइट आपूर्ति की गई, लेकिन मुश्किल से ही एक दो जगहों पर यह सुविधा बहाल है। सीधा एवं सरल युवा जानकर यहां के मतदाताओं ने शिवकुमार दास को वार्ड के प्रतिनिधित्व का कमान तो सौंपा लेकिन वे जनता भी उम्मीद पर खरा नहीं उतरे।
15 हजार आबादी वाले इस वार्ड में मतदाताओं की संख्या 2800 सौ है। मार्केटिंग यार्ड से गोढ़ी चौक तक फैले इस वार्ड में तीन आंगनबाड़ी केंद्र एवं एक नवसृजित प्राथमिक विद्यालय है, लेकिन गोढ़ी चौक स्थित आंगनबाड़ी केंद्र वर्षो से बंद है। वार्ड में 90 प्रतिशत सड़क पर ईट सोलिंग तो दूर मिट्टी का कार्य भी नहीं हुआ है। सशक्त व बाहुबलियों ने सांसद या एमएलए फंड से एक दो सड़कों का निर्माण तो कराया, लेकिन केवल अपने ही आवास तक पहुंचने के लिए। जगह जगह फैले गंदगी के अंबार को हटाने के लिए न तो नप और न ही पार्षद द्वारा कोई सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।
क्या कहते हैं वार्डवासी:
अविनाश आनंद बताते हैं कि सड़क, बिजली, सफाई की दिशा में पार्षद ने कोई रूचि नहीं ली। वहीं पिछले चुनाव में द्वितीय स्थान पर रहे नरेन्द्र शीतल ने बताया कि वार्ड के विकास के लिए जब कोई आवाज उठाता है तो उसे आपराधिक मुकदमा में फंसाया जाता है। सड़क के निर्माण में पार्षद ने जमकर अनियमितता बरती, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि पार्षद ने ट्यूबवेल योजना, ओलावृष्टि, चक्रवाती तूफान में मिले मुआवजा से कई पीड़ितों को वंचित कर दिया। वहीं बूढ़ी विकलांग हीरा देवी को आज तक पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। वह अपने टूटे फूटे घरों को दिखाते हुए कहती हैं कि चक्रवाती तुफान में उनका घर उजड़ गया, लेकिन लाभ नहीं मिला। जबकि बगल के ही कृष्णा देवी ने बताया कि कहने के लिए तो पार्षद हैं, लेकिन गरीबों के घर झांकने तक नहीं जाते हैं। वार्ड के पश्चिमी हिस्से पर बसे अरविंद पंजियार को मुहल्ले में आज तक सड़क व नाला नहीं बनने का मलाल है।
क्या कहते हैं वार्ड पार्षद: वार्ड पार्षद शिव कुमार दास का कहना है कि उन्होंने अपने साम‌र्थ्य के अनुसार विकास करने का प्रयास किया। पार्षद ने बताया कि उनके वार्ड में अधिकांश सड़क कच्ची जरूर है। उनके पक्कीकरण का प्रस्ताव नप को सौंपा गया है।

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