अररिया : स्थानीय कोर्ट ने सिमराहा थानाध्यक्ष के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई प्रारंभ के लिये स्मार नोटिस भेजा है। यह आदेश दुष्कर्म के एक लंबित मामले में हाई कोर्ट द्वारा डीएनए टेस्ट में आने वाले खर्च का प्रतिवेदन अर्से बाद भी सिमराहा थानाध्यक्ष द्वारा समर्पित नही करने के कारण दिया गया है।
फारबिसगंज (सिमराहा) थाना कांड संख्या 152/08 से संबंधित उक्त मामले में पटना हाई कोर्ट ने क्रि.मि. वाद 2319/09 के तहत सुनवाई की तथा दिनांक 17 मार्च 09 को आदेश पारित किया कि इस मामले में थानाध्यक्ष डीएनए टेस्ट में लगने वाले खर्च का प्रतिवेदन प्रस्तुत करें तथा आरोपी के विरुद्ध कोई कार्रवाई स्थगित रखें।
इस संबंध में सीजेएम कोर्ट द्वारा पिछले 25 मार्च 09 को सिमराहा थानाध्यक्ष को हाई कोर्ट के आदेश से अवगत कराया गया। पुन: उक्त कोर्ट द्वारा 29 अक्टूबर 10 को नोटिस जारी कर उक्त दिशा में पहल का उल्लेख किया गया।
लेकिन सिमराहा थानाध्यक्ष द्वारा हाई कोर्ट के पारित आदेश का अवहेलना करते हुये आरोपी नन्दू ऋषिदेव को पिछले 16 नवंबर 09 को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत कर दिया। जिसे स्थानीय कोर्ट ने माननीय हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना माना है।
इतना हीं नहीं सिमराहा थानाध्यक्ष ने उक्त आरोपी के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र भी प्रस्तुत कर दिया।
उक्त बातों को अररिया के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सत्येन्द्र रजक ने गंभीरता से लिया है तथा न्यायालय के आदेश की अवहेलना की कार्रवाई प्रारंभ के लिये पहले अररिया के पुलिस कप्तान के माध्यम नोटिस जारी किया है।
ज्ञातव्य हो कि बेलई पोठिया की एक लड़की ने उक्त मामला दर्ज कराया था, जिसमें दुष्कर्म के बाद गर्भवती हो जाने का उल्लेख किया गया था।
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