Wednesday, February 15, 2012

गांवों सा परिदृश्य है वार्ड नं. छह का


अररिया : शहरी क्षेत्र होने के बावजूद पूरी तरह गांव जैसा परिदृश्य है वार्ड नंबर 6 के अररिया आरएस का। यहां के लोगों को ग्रामीण नहीं माना जाता है और न ही शहर की सुविधा प्राप्त है। नगर परिषद का यह सामान्य कोटि का वार्ड किसान बहुल है। शहर में होने के बावजूद यहां की 90 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं। इस वार्ड की कुल आबादी लगभग 2600 है जिसमें 1060 वोटर हैं। कुल बीपीएल परिवारों की संख्या 254 है जबकि 102 लोगों को अन्त्योदय योजना का लाभ मिल रहा है। बैजनाथपुर, मारूति टोला, सिंघल टोला एवं नया टोल जैसे कई छोटे छोटे टोले इस वार्ड में हैं। यहां के लोगों को न तो पर्याप्त बिजली की सुविधा प्राप्त है न ही सड़क की समुचित व्यवस्था। एक स्टेट ट्यूबवेल है जो लगभग बीस वर्षो से खराब पड़ा है। जिसे देखने सिंचाई विभाग का कोई कर्मचारी आज तक नहीं पहुंचा है। कृषि प्रधान इस वार्ड में सिंचाई की सुविधा नहीं है। जल निकासी के लिए एक भी नाला नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि वार्ड के बैजनाथपुर स्थित कन्या प्राथमिक विद्यालय के एक ही कमरे में पांच वर्ग संचालित होते हैं। जहां बच्चे जानवरों की तरह पढ़ने को विवश हैं। वर्षो से स्कूल का नया भवन अर्ध निर्मित हालत में है। वार्ड वासी रमन कुमार यादव व रजत कुमार यादव ने बताया कि नगर परिषद में होने के बावजूद वे लोग मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। वार्डवासी ललन कुमार ने बताया कि नगर परिषद के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण इस वार्ड का विकास नहीं हो पाया।
क्या कहते हैं वार्ड आयुक्त:- वार्ड आयुक्त शंकर यादव ने बताया कि पिछले पांच वर्षो में इस वार्ड को लगभग चालीस लाख रूपये प्राप्त हुए हैं जिससे दो पीसीसी सड़क बनाये गये हैं। कुछ सड़कें राशि के अभाव में नहीं बन पायी है। बिजली, स्वास्थ्य एवं शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं होने की बात वार्ड आयुक्त ने स्वीकारी है।

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