Sunday, March 25, 2012

विश्व यक्ष्मा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन


फारबिसगंज (अररिया) : विश्व यक्ष्मा दिवस के उपलक्ष्य पर स्थानीय रेफरल अस्पताल में पुनरीक्षित राष्ट्रीय यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम के तहत शनिवार को रेफरल अस्पताल प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जेएन प्रसाद की अध्यक्षता में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान टीवी मरीजों की सेवा के लिए दो डाटस प्रोवाइडर क्रमश: कुड़वा लक्ष्मीपुर गांव की आशा फुलमती देवी तथा रामपुर दक्षिण की आशा रबिया वसरी को उपहार प्रदान कर चिकित्सकों ने सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. एच के सिहं, डॉ. अजय कुमार, डॉ. रेशमा अली, डाट्स सुपरवाइजर गुणानंद साह, लैब टेकनिशियन योगेन्द्र पासवान, एचएम मो. नाजिश, नियाज बीएचएम मनोहर कुमार प्रियांशु आदि उपस्थित थे। इस अवसर अपने संबोधन में रेफरल प्रभारी ने कहा कि इस बार 'वी वांट जीरो, टीबी डेथ' के स्लोगन के साथ दिवस मनाया जा रहा है। इधर डॉ. अजय कुमार ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि रेफरल अस्पताल में 2005 में स्थापित टीबी जांच केन्द्र में अबतक 13155 संभावित रोगियों की जांच की गई जिसमें स्पुटम पोजिटीव केश जिसमें संपर्क में आने वाले लोगों को भी यह रोग लगने की संभावना वाले 1526 रोगी की इलाज की गई। वहीं 3528 स्पुटम नगेटिव रोगियों तथा 39 बच्चों की पहचान कर इलाज किया। कहा कि दो वर्षो के दौरान 961 डाट्स प्रोवाइडर को 250 रु. प्रति रोगी के हिसाब से एक लाख अस्सी हजार रुपया वितरित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि टीबी की दवा बिल्कुल मुफ्त सरकारी अस्पतालों से दी जाती है। वही टीवी की सभी आधुनिक जांच भी फ्री किया जाता है।
कहा कि टीवी की दूसरी सबसे घातक रूप में प्रयोग किये जाने वाले महंगी दवा जो अभी मात्र पटना में ही उपलब्ध है। वह जल्द ही यहां भी उपलब्ध हो सकेगी। कहा कि टीवी रोगी को छह माह तक बिना किसी रूकावट के डाट्स दवा लेना अनिवार्य है। इसके लिए मरीजों को आशा कार्यकर्ता के माध्यम से 6 माह की दवा एक मुस्त उपलब्ध करा दी जाती है। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी डाट्स तथा यक्ष्मा रोग की जानकारी दी। इस मौके पर कई चिकित्सा कर्मी भी उपस्थित थे।

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