Sunday, March 4, 2012

समाज को एक मंच पर लाने में जागरण रहा सफल


अररिया : क्या अलग अलग राजनीतिक समूहों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता रखने वाले लोग भी एकजुट हो सकते हैं? आम तौर पर इस सवाल का जवाब न में ही होता है। लेकिन उद्देश्य अगर पावन हो तो एक दूसरे की आलोचना करने वाले लोग भी एक प्लेटफार्म पर आकर समाज के लिए एकजुट हो सकते हैं। जागरण मशाल यात्रा ने इस बात की भलीभांति पुष्टि की है। इस यात्रा के दौरान अररिया के हर सेक्शन से मिले हार्दिक समर्थन से साबित हुआ है कि सवाल जब सूबे का हो तो एकता प्रदर्शित करने में यहां के लोग किसी से पीछे नहीं रहते।
जानकारों की मानें तो राजनीति के दिखने वाले चेहरे के पीछे एक और चेहरा होता है। इस चेहरे का आउटलुक समाज तोड़क होता है। क्योंकि राजनीति के गुप्त गलियारे में सत्ता की सीढ़ी जाति व धर्म के डंडे की मदद से तैयार होती है। लेकिन गुरुवार की जागरण मशाल यात्रा कार्यक्रम में राजनीति से जुड़ा हर समुदाय दिल खोलकर सामने आया।
जोकीहाट से उच्च विद्यालय के सभा मंच तक अररिया के हर राजनीतिक दल के लोग कार्यक्रम में शामिल दिखे। यह भागीदारी स्वत:स्फूर्त थी।
सभा मंच पर नजर दौड़ाएं तो वहां सब थे। भाजपा के सांसद प्रदीप कुमार सिंह जहां अपनी पार्टी के जिलाध्यक्ष आलोक कुमार भगत के साथ उपस्थित थे तो वहीं पर कांग्रेस के जिला महासचिव ओबैश यासीन व प्रवक्ता आबिद हुसैन अंसारी भी मौजूद थे। इसके अलावा राजद नेता मीर रज्जाक, लोजपा नेता कमाले हक, भाजयुमो के जिला संयोजक जगदीश झा गुड्डु, जिला क्रीड़ा संघ के अध्यक्ष सह प्रखंड कांग्रेस के पदधारक मासूम रेजा सहित दर्जनों अन्य लोग इस कार्यक्रम में सहभागी बने। इससे पहले जोकीहाट में जदयु के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री तस्लीम उद्दीन व जदयू विधायक सरफराज आलम ने जोकीहाट वासियों के साथ जागरण मशाल का दिल खेल कर स्वागत किया। कार्यक्रम से बेहद प्रभावित हुए तस्लीम उद्दीन के शब्दों में पूरा आयोजन अद्भुत रहा।
शायद इसी यात्रा का कमाल था कि सरकारी अधिकारी भी राजनीतिज्ञों की बगल में जागरण ज्योति का स्वागत करने को खड़े दिखे। एसएसबी के डीआइजी केपी सिंह, कमांडेंट के. रंजीत, कमांडेंट एकेसी सिंह जीरो माइल पर मशाल के स्वागत में खड़े रहे।
वहीं, एसपी शिवदीप लांडे अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद आजाद एकेडमी चौक पर यात्रा के स्वागत में खड़े रहे। उमड़ते जन सैलाब के साथ उन्होंने जिस तरह बिहारीपन की इस मशाल को चांदनी चौक तक पहुंचाया, वह अररिया के इतिहास में एक मिशाल बन गयी। डीएम एम सरवणन भी अपने बिजी शिड्युल से वक्त निकाल कर चांदनी चौक तक पहुंचे और श्री लांडे से मशाल ग्रहण करी।
डीपीओ बसंत कुमार, महिला कालेज के प्राचार्य प्रो. बासुकी नाथ झा, बीईओ डा. बैजू झा आदि आयोजन की सफलता को ले लगातार सक्रिय रहे। आयोजन में अररिया के स्कूलों ने भी गजब का सहयोग किया। पूरे यात्रा मार्ग पर स्कूली बच्चे यात्रा के स्वागत में खड़े नजर आये। स्काटिश पब्लिक स्कूल, ग‌र्ल्स आइडियल एकेडमी, महिला कालेज, एपीएस, अस्सबील स्कूल, आजाद एकेडमी, इस्टर्न पब्लिक स्कूल, आमवि ककुडवा व अररिया बाजार, मदरसा दारुल उलूम रहमानी, यतीम खाना सहित शहर के तकरीबन सारे स्कूलों ने यात्रा में सहभागी बन कर यह दिखा दिया कि सवाल अगर समाज का हो तो वे एकजुट रहते हैं। यह भी कि उनकी वरीयता सूची में सामाजिक कार्य भी हैं।

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