Sunday, March 11, 2012

मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म



सिकटी (अररिया) : प्रखंड के बरदाहा उच्च विद्यालय मैदान पर आनंद मार्ग प्रचारक संघ सिकटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय योग साधना शिविर सह बाबा नाम केवलम अखंड संकीर्तन का उद्घाटन सांसद प्रदीप सिंह ने शुक्रवार को दीप प्रज्वलित कर किया। इससे पूर्व आनंद मूर्ति के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद ने आनंद मार्ग को मानवता एवं इंसानियत का पर्याय बताते हुए अध्यात्म को मोक्ष का रास्ता बताया। उन्होंने कहा कि जीवन की सफलता मनुष्यों के कर्मो से होती है। उनके सद्कार्य एवं मानव सेवा ही याद किये जाते हैं। मानव को मानव की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म है। आनंद मूर्ति के जीवनी पर चर्चा करते हुए उन्होंने उन्हें मानव सेवा की मिशाल बताया तथा देश के निर्माण में संतो की भागीदारी की चर्चा की। लोगों को अपने कर्तव्य में मानव सेवा को शामिल कर अपने जीवन की सार्थकता प्रमाणित करने का अवसर बताया। इससे पूर्व स्थानीय देवी प्रसाद मंडल, नागेश्वर ठाकुर, लखीचंद प्रमाणिक, गणेश जी दास अतिथियों को माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महेन्द्र मंडल ने किया। मंच पर उपस्थित अवधूत आचार्य परमेश्वरानंद चन्द्र नारायण जी, राजेश मिश्र, गौरी कांत झा ने भी लोगों को संबोधित किया। सबों ने मानव सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया। भक्ति प्रधान सत्यकाम द्वारा प्रस्तुत 'बाबा नाम केवलम' संकीर्तन पर श्रोता मुग्ध हो उठे। वहीं उद्घाटन सत्र में आचार्य परमेश्वरानंद अवधूत आचार्य किसन सूद, आचार्य वंदनानंद, आचार्य करुणानंद, आचार्य विशेश्वर अवधूत द्वारा प्रवचन किया गया। मंच संचालन कृष्ण कुमार ने किया। उद्घाटन समारेाह में पवन लाल मंडल, पूर्व प्रमुख कमरूज्जमा, दयानंद मंडल, देवी प्रसाद सिंह, विजय विश्वास, दुखी यादव, योगेन्द्र विश्वास, वरुण झा, लक्ष्मण पासवान, नवीन कुमार, सहित सैकड़ों आनंद मार्ग पंथ के अनुयायी उपस्थित थे।

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